धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग सोमवार, 21 जुलाई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
सोमवार 21 जुलाई 2025
21 जुलाई 2025 दिन सोमवार को कृष्ण पक्ष के एकादशी तिथि है। आज की एकादशी को कामिका एकादशी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। आज की यह कामिका एकादशी व्रत स्मार्त और वैष्णव सभी भक्तों के लिए है। आज श्रावण सोमवार का व्रत भी है। आप सभी को श्रावण सोमवार का व्रत करना चाहिए। इससे आप एकादशी व्रत का फल भी सम्पूर्णत : एवं स्वत: प्राप्त हो जाएगा। परंतु जो लोग व्रत न कर सके उन्हें दिल से व्रत अवश्य करना चाहिए भले ही आप रात्रि में शुद्ध एवं सादा भोजन कर लेना चाहिए। शास्त्र अनुसार एकादशी सर्वश्रेष्ठ एवं सार्वजनिक पुण्यदायी व्रत होता है। इसे हर एक व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए। आप सभी सनातनियों को “श्रावण सोमवार व्रत एवं कामिका एकादशी व्रत के पावन पर्व” की हार्दिक शुभकामनाएं।।
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
☄️ दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
👸🏻 शिवराज शक 352 प्रारम्भ
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
☂️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
⛈️ मास – श्रावण मास
🌒 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – सोमवार श्रावण माह के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि 09:39 AM तक उपरांत द्वादशी
📝 तिथि स्वामी – एकादशी के देवता हैं विश्वेदेवगणों और विष्णु। इस तिथि को विश्वेदेवों पूजा करने से संतान, धन-धान्य और भूमि आदि की प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र रोहिणी 09:07 PM तक उपरांत म्रृगशीर्षा
🪐 नक्षत्र स्वामी – रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है और इसके देवता ब्रह्मा हैं। और यह सृष्टिकर्ता, प्रजापति (ब्रह्मा) से जुड़ा है।
⚜️ योग – वृद्धि योग 06:38 PM तक, उसके बाद ध्रुव योग
प्रथम करण : बालव – 09:38 ए एम तक
द्वितीय करण – कौलव – 08:21 पी एम तक
🔥 सोमवार का शुभ गुलिक कालः-शुभ गुलिक काल 01:42:00 P.M से 02:59:00 P.M बजे तक
⚜️ दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दर्पण देखकर या दूध पीकर जायें।
🤖 राहुकालः- आज का राहु काल 08:26:00 A.M से 09:39:00 A.M बजे तक
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:19:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:41:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:14 ए एम से 04:55 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:35 ए एम से 05:36 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:00 पी एम से 12:55 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:44 पी एम से 03:39 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:17 पी एम से 07:38 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 07:18 पी एम से 08:20 पी एम
💧 अमृत काल : 06:09 पी एम से 07:38 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, जुलाई 22 से 12:48 ए एम, जुलाई 22
सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन
🌊 अमृत सिद्धि योग : 09:07 पी एम से 05:37 ए एम, जुलाई 22
🚓 यात्रा शकुन-मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ सौं सौमाय नम:।
💁🏻‍♀️ आज का उपाय-शिवजी का गौ दुग्ध से दुग्धाभिषेक करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थ सिद्धि योग/ अमृत सिद्धि योग/ कामिका एकादशी व्रत (सर्वे स्मार्त), पूर्व मुख्यमंत्री पूर्व सांसद पूर्व राज्यपाल श्रीमती शीला दीक्षित जी स्मृति दिवस, रामकृष्ण परमहंस की पत्नी शारदा माँ पुण्य तिथि, पंजाबी गायक अमर सिंह चमकीला जन्म दिवस, बेल्जियम राष्ट्रीय दिवस, प्रसिद्ध गायिका गंगूबाई हंगल स्मृति दिवस, प्रसिद्ध संगीतकार सज्जाद हुसैन पुण्य तिथि, स्वतंत्रता सेनानी जयरामदास दौलतराम जयन्ती, स्वतन्त्रता सेनानी विट्ठल सखाराम पागे जयन्ती, फ़िल्मी गीतकार आनंद बख़्शी जन्म दिवस, भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी चेतन चौहान जन्म दिवस, शहीद दिवस रैली, नेशनल बी समवन डे, राष्ट्रीय कुछ बनो दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – एकादशी तिथि को चावल एवं दाल नहीं खाना चाहिये तथा द्वादशी को मसूर नहीं खाना चाहिये। यह इस तिथि में त्याज्य बताया गया है। एकादशी को चावल न खाने अथवा रोटी खाने से व्रत का आधा फल सहज ही प्राप्त हो जाता है। एकादशी तिथि एक आनन्द प्रदायिनी और शुभफलदायिनी तिथि मानी जाती है। एकादशी को सूर्योदय से पहले स्नान के जल में आँवला या आँवले का रस डालकर स्नान करना चाहिये। इससे पुण्यों कि वृद्धि, पापों का क्षय एवं भगवान नारायण के कृपा कि प्राप्ति होती है।।
🗼 Vastu tips 🗽
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का खास महत्व है। इसके के हिसाब से घर का ईशान कोण सबसे शुभ माना गया है। अब जानते हैं कि आखिर ईशान कोण क्या होता है? बता दें कि ईशान कोण उत्तर- पूर्व के बीच की दिशा को कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिशा में ही देवी-देवताओं को निवास होता है। घर के इसी कोने में सबसे ज्यादा पॉजिटिव एनर्जी होती है।
अब आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि अगर घर का ये कोना सबसे शुभ है तो यहां क्या रखना चाहिए? बता दें कि आप इस कोने को पूजा का स्थान बना सकते हैं। भगवान की मूर्तियों को यहां रखेंगे तो ये कोना और भी शुभ हो जाएगा। वहीं आप इस कोने में तुलसी का पौधा भी लगा सकते हैं। इसके अलावा इस कोने में पानी का कलश और शंख भी रख सकते हैं। आप घर के ईशान कोण को हमेशा साफ-सुथरा रखने की कोशिश करें ताकि यहां पर कभी भी निगेटिव एनर्जी ना आने पाए।
🎯 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
दूर हो जाएंगे दाग-धब्बे
क्या आपके चेहरे पर अक्सर दाग-धब्बे या फिर मुंहासे निकल आते हैं? अगर हां, तो आपको अपने स्किन केयर रूटीन में एलोवेरा जेल को जरूर शामिल करना चाहिए। औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा जेल दाग-धब्बे और मुंहासे की समस्या को दूर करने में असरदार साबित हो सकता है। इसके अलावा एलोवेरा जेल टैनिंग की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी कारगर साबित हो सकता है।
त्वचा के लिए वरदान

रेगुलरली एलोवेरा जेल यूज करके झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम किया जा सकता है।
जलन और खुजली जैसी स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम्स से छुटकारा पाने के लिए भी एलोवेरा जेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। एलोवेरा जेल में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स समेत कई पोषक तत्वों की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है, जो आपकी त्वचा के लिए वरदान साबित हो सकती है। बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए ध्यान रहे कि एलोवेरा जेल फ्रेश और केमिकल फ्री होना चाहिए।
🌿 आरोग्य संजीवनी ☘️
उपयोग की विधि (संयुक्त रूप से)
मिश्रण: प्रत्येक जड़ी-बूटी का चूर्ण (अश्वगंधा, सफेद मूसली, शतावरी, कौंच बीज) 1-1 ग्राम (कुल 4 ग्राम) लें।
कैसे लें: इस मिश्रण को 1 गिलास गुनगुने दूध में मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं। स्वाद के लिए 1 चम्मच शहद या घी मिला सकते हैं।
वैकल्पिक: सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ भी लिया जा सकता है, लेकिन दूध के साथ रात में लेना अधिक प्रभावी है।
ध्यान दें: मिश्रण को हमेशा बराबर मात्रा में लें ताकि सभी जड़ी-बूटियों के गुण संतुलित रहें।
कितने दिन तक लेना है?
सामान्य स्वास्थ्य के लिए: 1-2 महीने तक रोजाना सेवन करें, फिर 15-20 दिन का अंतराल लें। इसके बाद आवश्यकता अनुसार फिर शुरू करें।
विशिष्ट समस्याओं के लिए (जैसे यौन स्वास्थ्य, वजन बढ़ाना, या कमजोरी): अवधि: 2-3 महीने तक लगातार सेवन करें, लेकिन हर 4-6 सप्ताह में 5-7 दिन का ब्रेक लें। डॉक्टर की सलाह: यदि कोई पुरानी बीमारी (जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या हृदय रोग) है, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
लंबे समय तक सेवन: बिना ब्रेक के 3 महीने से अधिक लगातार सेवन न करें, क्योंकि इससे शरीर में गर्मी या असंतुलन हो सकता है।
📖 गुरु भक्ति योग
🕯️
🌺 सावित्री और सत्यवान की पौराणिक कथा बहुत समय पहले की बात है, मद्र देश के राजा अश्वपति और रानी मालविका की कोई संतान नहीं थी। उन्होंने पुत्री की प्राप्ति के लिए वर्षों तक देवी सावित्री की तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी सावित्री ने उन्हें एक दिव्य कन्या प्रदान की। उस कन्या का नाम भी सावित्री रखा गया।
👑 सावित्री का विवाह: जब सावित्री विवाह योग्य हुई, तो उसने स्वयं अपने पति की खोज की। उसने वन में रह रहे एक राजकुमार सत्यवान को अपना पति चुना, जो एक वनवासी जीवन जी रहे थे। परंतु जब उसने अपने पिता को यह बात बताई, तो राजर्षि नारद ने कहा:
“सत्यवान बहुत गुणी है, परंतु उसकी मृत्यु एक वर्ष में निश्चित है।”लेकिन सावित्री अपने निर्णय पर अडिग रही और उसने सत्यवान से विवाह कर लिया।
🕉️ सावित्री का तप और यमराज से युद्ध:विवाह के बाद वह अपने ससुराल में एक आदर्श बहू और पत्नी बन गई। जैसे-जैसे समय बीतता गया, वह दिन भी आया जब सत्यवान की मृत्यु होनी थी। सावित्री को यह ज्ञात था, इसलिए वह उस दिन जंगल में सत्यवान के साथ गई।
सत्यवान लकड़ी काटते समय अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा और उसकी आत्मा यमराज ने अपने साथ ले ली।
सावित्री यमराज के पीछे-पीछे चलने लगी।
यमराज ने तीन बार उसे रोका और तीन बार उसे वर माँगने को कहा। सावित्री ने पहले अपने सास-ससुर की नेत्रज्योति, फिर उनका राज्य और अंत में “सत्यवान के साथ सौ पुत्रों की माँ बनने का वरदान” माँगा।
यमराज को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने सत्यवान को जीवनदान दे दिया।
🌟 इस कथा से सीख:
धर्म, भक्ति और दृढ़ निश्चय से मृत्यु जैसी चीज को भी जीता जा सकता है।
सावित्री आदर्श नारी, पत्नी और भक्त का प्रतीक है।
यह कथा पति-पत्नी के प्रेम और स्त्री की शक्ति का प्रतीक है।—
📿 यह कथा क्यों प्रसिद्ध है?यह कथा हर वर्ष वट सावित्री व्रत पर विशेष रूप से उत्तर भारत की महिलाएं सुनती और सुनाती हैं। वे अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष (बरगद) की पूजा करती हैं।
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⚜️ एकादशी तिथि के देवता विश्वदेव होते हैं। नन्दा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। एकादशी तिथि एक आनंद प्रदायिनी और शुभ फलदायी तिथि मानी जाती है। इसलिये आज दक्षिणावर्ती शंख के जल से भगवान नारायण का पुरुषसूक्त से अभिषेक करने से माँ लक्ष्मी प्रशन्न होती है एवं नारायण कि भी पूर्ण कृपा प्राप्त होती है।।
यदि एकादशी तिथि रविवार और मंगलवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है। इस योग में शुभ कार्य करना वर्जित है। इसके अलावा एकादशी तिथि शुक्रवार को होती है तो सिद्धा कहलाती है। ऐसे समय में किसी भी कार्य की सिद्धि प्राप्ति का योग निर्मित होता है। यदि किसी भी पक्ष में एकादशी सोमवार के दिन पड़ती है तो क्रकच योग बनाती है, जो अशुभ होता है। इसमें शुभ कार्य निषिद्ध बताये गये हैं। एकादशी तिथि नंदा तिथियों की श्रेणी में आती है। वहीं किसी भी पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ माना जाता है।

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