ज्योतिष

आज का पंचांग आज का पंचांग शनिवार, 02 मार्च 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शनिवार 02 मार्च 2024

02 मार्च 2024 : दिन शनिवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। आज भद्रा दिन में (03:09 PM बजे तक) है एवं आज पावन रवियोग भी है। आज यायि (मुद्दई) जयद् योग भी है, जो अत्यंत शुभ है। आज “शुभाशुभ त्र्यगुण्यकर: त्रिपुष्कर योग भी है। अर्थात शुभ करेंगे तो तीन गुना ज्यादा और अशुभ करेंगे तो तीन गुना ज्यादा अशुभ फल प्राप्त होंगे। आप सभी सनातनियों को “त्रिपुष्कर योग” की हार्दिक शुभकामनायें।।
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
☄️ दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसन्त ऋतु
⛈️ मास – फाल्गुन मास
🌗 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – शनिवार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि 07:54 AM तक उपरांत सप्तमी
🖍️ तिथि स्वामी – षष्ठी तिथि के देता हैं कार्तिकेय। इस तिथि में कार्तिकेय की पूजा करने से मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी, रूपवान, दीर्घायु और कीर्ति को बढ़ाने वाला हो जाता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र विशाखा 02:42 PM तक उपरांत अनुराधा
🪐 नक्षत्र स्वामी – विशाखा नक्षत्र का स्वामी गुरू है। तथा विशाखा नक्षत्र के देवता इंद्र और अग्नि हैं।
📢 योग – व्याघात योग 06:06 PM तक, उसके बाद हर्षण योग
प्रथम करण : वणिज – 07:53 ए एम तक
द्वितीय करण : विष्टि – 08:24 पी एम तक बव
🔥 गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6 से 7:30 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -सुबह – 9:00 से 10:30 तक।राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:14:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:46:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:06 ए एम से 05:55 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:31 ए एम से 06:45 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:10 पी एम से 12:57 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:29 पी एम से 03:16 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:19 पी एम से 06:44 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:22 पी एम से 07:36 पी एम
💧 अमृत काल : 04:59 ए एम, मार्च 03 से 06:40 ए एम, मार्च 03
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:08 ए एम, मार्च 03 से 12:58 ए एम, मार्च 03
🌸 त्रिपुष्कर योग : 07:53 ए एम से 02:42 पी एम
❄️ रवि योग : 06:45 ए एम से 02:42 पी एम
🚓 यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-शनि मंदिर में सुरमा चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – भद्रा/त्रिपुष्कर योग/वाहन क्रय, सुप्रसिद्ध कवयित्री सरोजिनी नायडू की पुण्य तिथि, महात्मा गांधी सेतु का उद्घाटन दिवस, छत्रपति शिवाजी महाराज के छोटे पुत्र राजाराम स्मृति दिवस, राजनीतिज्ञ बसंत सिंह खालसा जन्म दिवस, भारतीय तीरंदाज़ खिलाड़ी जयन्त तालुकदार जन्म दिवस, राष्ट्रीय पोषण माह (1 से 31 मार्च)
✍🏼 विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सप्तमी तिथि एक शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देवता हैं। यह सप्तमी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह सप्तमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
🗺️ Vastu tips 🗽
घर या ऑफिस में नेम प्लेट लगाते वक्त किन बातों का ख्याल रखें
नेम प्लेट को घर या ऑफिस के मुख्य द्वार पर लगाना चाहिए।
नेम प्लेट को उच्च स्थान जैसे दरवाजे के ऊपर या दीवार के कोने पर ही लगाएं।
वास्तु शास्त्र के हिसाब से उत्तर दिशा और पूरब की दिशा में नेम प्लेट लगानी चाहिए ये दिशाएं शुभ होती हैं।
उत्तर और पूरब में में नेम प्लेट लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
नेम प्लेट पर 2 लाइनों में ही नाम लिखा होना चाहिए और ये साफ-सुथरी होनी चाहिए।
आप चाहें तो दाईं ओर भी नेम प्लेट लगा सकते हैं। वास्तु के अनुसार इस दिशा को भी शुभ माना जाता है।
वास्तु के हिसाब से वृत्ताकार, त्रिकोण और विषम आकृति की नेम प्लेट घर या ऑफिस में लगाने के लिए सबसे अच्छी होती है।
नेम प्लेट में कहीं कुछ टूटा फूटा या फिर छेद नहीं होना चाहिए। इससे नकारात्मकता ऊर्जा आती है।
घर के मुखिया की राशि और उसके रंग के आधार पर नेम प्लेट लगाना शुभ माना जाता है।
नेम प्लेट का रंग सफेद, हल्का पीला और केसरिया से मिलता-जुलता होना चाहिए।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
हल्दी और चंदन का फेसफैक लगाने के फायदे त्वचा को ग्लोइंग बनाना है तो हल्दी और चंदन से बने फेसपैक का इस्तेमाल करें। इसे लगाने से रंग साफ होता है। स्किन पर दिखने वाले पैच दूर होते हैं। झाइयों में भी हल्दी और चंदन असरदार साबित होता है। जो लोग रोजाना हल्दी और चंदन से बना फेसपैक इस्तेमाल करते हैं उन्हें पिंपल की समस्या और पिंपल्स के दाग भी साफ होने लगते हैं। हल्दी और चंदन लगाने से डेड सेल कम होती हैं और ड्राई स्किन की समस्या दूर होती है।
हल्दी और चंदन का फेसफैक कैसे तैयार करें? इसके लिए 2 चम्मच चंदन का पाउडर और 1 चुटकी हल्दी मिक्स कर लें। अब इसमें गुलाब जल मिलाकर स्मूद पेस्ट जैसा तैयार कर लें। इस फेसपैक को आधा घंटे के लिए चेहरे पर लगाकर रखें और फिर नॉर्मल पानी से फेस वॉश कर लें।
💉 आरोग्य संजीवनी 🩸
आंतों में सूजन के कारण जिन लोगों को अक्सर कब्ज और गैस की समस्या रहती है उन्हें आंतों में सूजन भी हो सकती है। अगर आपके पेट में कीड़ें हैं तो भी आंतों को ठीक से पोषण नहीं मिलता। जिससे आंत कमजोर होन लगती हैं। आंतों की यही कमजोरी सूजन का कारण भी बनती है। आचार्य श्री गोपी राम के मुताबिक जिन लोगों को आंतों में सूजन की समस्या है उन्हें इन 3 चीजों से खास परहेज करना चाहिए।
आंतों की सूजन कम करता है अनार आचार्य श्री गोपी राम की मानें तो आंतों की कमजोरी की कोई खास दवा नहीं है। किसी भी वायरस का असर आंतों पर हो सकता है। आंतों को स्वस्थ रखना है तो अनार का जूस पीना शुरू कर दें। अनार को आंतों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। रोजाना अनार खाने से आंत मजबूत होती हैं और लिवर भी फिट रहता है। अनार खाने से पेट की बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है। अनार में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो सूजन को कम करते हैं। इसके शरीर हाइड्रेट रहता है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
पूजा घर में रखी जाने वाली गरुड़ घंटी के 5 रहस्य क्या हैं?
अक्सर मंदिर या घर के पूजाघर में हमने देखा होगा गरुड़ घंटी को। मंदिर के द्वार पर और विशेष स्थानों पर घंटी या घंटे लगाने का प्रचलन प्राचीन काल से ही रहा है। यह घंटे या घंटियां 4 प्रकार की होती हैं:- 1.गरूड़ घंटी, 2.द्वार घंटी, 3.हाथ घंटी और 4.घंटा।
गरूड़ घंटी : गरूड़ घंटी छोटी-सी होती है जिसे एक हाथ से बजाया जा सकता है।
द्वार घंटी : यह द्वार पर लटकी होती है। यह बड़ी और छोटी दोनों ही आकार की होती है।
हाथ घंटी : पीतल की ठोस एक गोल प्लेट की तरह होती है जिसको लकड़ी के एक गद्दे से ठोककर बजाते हैं।
घंटा : यह बहुत बड़ा होता है। कम से कम 5 फुट लंबा और चौड़ा। इसको बजाने के बाद आवाज कई किलोमीटर तक चली जाती है।
आखिर यह घंटा या घंटा क्यों रखा जाता है। क्या कारण है इसका जानिए इस संबंध में 5 रहस्य।
हिंदू धर्म सृष्टि की रचना में ध्वनि का महत्वपूर्ण योगदान मानता है। ध्वनि से प्रकाश की उत्पत्ति और बिंदु रूप प्रकाश से ध्वनि की उत्पत्ति का सिद्धांत हिंदू धर्म का ही है। जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ तब जो नाद था, घंटी की ध्वनि को उसी नाद का प्रतीक माना जाता है। यही नाद ओंकार के उच्चारण से भी जाग्रत होता है।
जिन स्थानों पर घंटी बजने की आवाज नियमित आती है वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है। इससे नकारात्मक शक्तियां हटती है। नकारात्मकता हटने से समृद्धि के द्वारा खुलते हैं। प्रात: और संध्या को ही घंटी बजाने का नियम है। वह भी लयपूर्ण।
घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जब प्रलय काल आएगा तब भी इसी प्रकार का नाद यानि आवाज प्रकट होगी।
जिन स्थानों पर घंटी बजने की आवाज नियमित आती है वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है। इससे नकारात्मक शक्तियां हटती है। नकारात्मकता हटने से समृद्धि के द्वारा खुलते हैं।
स्कंद पुराण के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से मानव के सौ जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और यह भी कहा जाता है कि घंटी बजाने से देवताओं के समक्ष आपकी हाजिरी लग जाती है।
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⚜️ सोमवार और शुक्रवार कि सप्तमी विशेष रूप से शुभ फलदायी नहीं मानी जाती बाकी दिनों कि सप्तमी सभी कार्यों के लिये शुभ फलदायी मानी जाती है। सप्तमी को भूलकर भी नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये तथा ताम्बे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिये। सप्तमी को फलाहार अथवा मीठा भोजन विशेष रूप से नमक के परित्याग करने से भगवान सूर्यदेव कि कृपा सदैव बनी रहती है।
शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म सप्तमी तिथि में होता है, वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। इस तिथि में जन्म लेनेवाला जातक गुणवान और प्रतिभाशाली होता है। ये अपने मोहक व्यक्तित्व से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की योग्यता रखते हैं। इनके बच्चे भी गुणवान और योग्य होते हैं। धन धान्य के मामले में भी यह व्यक्ति काफी भाग्यशाली होते हैं। ये संतोषी स्वभाव के होते हैं और इन्हें जितना मिलता है उतने से ही संतुष्ट रहते हैं।

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