गोसेवा के बिना गोविंद की कथा अधूरी ब्रह्मचारी जी सच्चा सुख आत्म सुख है : ब्रह्मचारी जी महाराज
रिपोर्टर : राजकुमार रघुवंशी
सिलवानी । तहसील के ग्राम भैरो जी डुंगरिया में रघुवंशी (भोपा) परिवार द्वारा आयोजित कथा के दूसरे दिवस कथा व्यास ब्रह्मचारी जी महाराज बापौली मांगरोल धाम ने भक्तो को उपदेश देते हुए कहा कि गौ सेवा से बढ़कर कोई धर्म नही हैं गौ माता की सेवा करें, गौ वंश की सेवा मात्र से जीव भगवान की शरण पाता है, जो गौ वंश की सेवा नही करता, वो मानो श्री कृष्ण जी से भी विमुख है। भगवान की भक्ति करे सब करें पर गौ वंश की जरूर सेवा करें, ये धरा गौ वंश की है और आज गोवंश की स्थिति दयनीय है सेवा करें, घर रखे गौं वंश को जिस घर गौ वंश की सेवा होती है वहां भगवान सदा के लिए निवास करते है। मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला हैं, लेकिन आज का जीव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ हैं। मानव जीवन का उद्देश्य भगवान भजन है धर्म कर्म हैं। मानव का जीवन का उद्देश्य सिर्फ भगवान भक्ति ही होना चाहिए। भगवान से बढ़कर कोई धन सम्पदा नहीं है। इस संसार में | भागवत कथा श्रवण करने वाले भक्तो का सदैव कल्याण होता है।
कथा वाचक ने कहा कि आप सब पर श्री कृष्ण की कृपा हैं। जिसकी वजह से आज कथा का आनंद ले रहे है श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कर पा रहे हैं। यदि भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं। तो कथा में प्यासे बन कर आए, कुछ सीखने के उद्देश्य से, पाने के उद्देश्य से आएं तो ये भागवत कथा सीधा सीधा जीव आत्मा को परमात्मा के श्री चरणों की ओर ले जाएगी। उन्होंने बताया कि भगवान कथा के समय स्वयं श्री कृष्ण आपसे मिलने आए हैं। जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है। भागवत उसका सदैव कल्याण करती है। एव मोक्ष पर्यंत्र की यात्रा कराती है । कथा में शुकदेव जी के जन्म का वृतांत का विस्तार से वर्णन किया गया। कथा श्रवण करने बडी संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे है।