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तथाकथित पशु प्रेमी बने इंसानियत के दुश्मन

ब्यूरो चीफ : शब्बीर अहमद
बेगमगंज । नगर में आवारा कुत्तों के द्वारा गत दिनों 7 बच्चों क्रमशः उमेश कुरड़िया, सनाया, रामचरण, साहिल, गोमती, पंकज, रोहित को काटे जाने के बाद हड़कंप मच गया था। जागरुक नागरिकों द्वारा नगर पालिका प्रशासन का घेराव किए जाने के बाद ऐसे कुत्तों की धर पकड़ शुरू की गई और उन्हें नगर के बाहर छोड़ा गया लेकिन तथाकथित एक पशु प्रेमी द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं नपाध्यक्ष पर किसी महिला से फोन कराकर कोर्ट में घसीटे जाने की धमकी देते हुए 24 घंटे के अंदर सभी कुत्तों को वापस शहर में लाकर छोड़ने की धमकी दी गई है ।
जब नागरिकों को इस बात का पता चला तो नागरिकों द्वारा भी चेतावनी दी गई है कि यदि ऐसे फर्जी पशु प्रेमी जोकि आवारा कुत्तों को वापस शहर में लाकर छोड़ने की मांग कर रहे हैं। वह हमारे बच्चों और हमारे लिए खतरा उत्पन्न कर रहे हैं, उन्हें घेरकर सबक सिखाया जाएगा।
पिछले कई वर्षों से नगर में सैकड़ो की संख्या में घूम रहे आवारा कुत्ते नागरिकों के लिए सिर दर्द बने हुए थे। हद तो तब हो गई जब ऐसे कुत्तों द्वारा छोटे-छोटे बच्चों पर अचानक हमलाकर उन्हें गंभीर रूप से घायल किया जाने लगा। तब पीड़ित परिवारों एवं नागरिकों द्वारा सामूहिक रूप से नगर पालिका कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन दिया गया कि आवारा कुत्तों से उनके बच्चों की जीवन की रक्षा की जाए।
सिविल अस्पताल से जानकारी लेने पर पता चला कि एक माह के अंदर करीब 60 लोगों का कुत्ते द्वारा काटने पर इलाज किया गया है जिसमें बच्चे भी शामिल हैं। गत दिवस ऐसे ही आवारा कुत्तों ने पुराना बस स्टैंड पर एक गाय को घेरकर उस पर हमलाकर उसे मार डाला और नोंच-नोंचकर खाने लगे तो हिम्मत करके कुछ लोगों ने लाठियों से कुत्तों को भगाया ओर गाय का रात 1:45 बजे तक उपचार कराया गया आखिरकार गाय ने दम तोड़ दिया। इसे पूर्व इसी तरह कुत्ते बढ़ापुरा में आधा अर्जन बकरियां महादेवपुर में दो बछिएं,
पीएस जैन के सामने एक बछड़े आदि को निशाना बनाकर मौत की नींद सुला चुके हैं।
गाय की बछिया की मौत होने की जानकारी लगते ही गौसेवकों ने भी हंगामा करते हुए नगर पालिका कार्यालय का घेराव करते हुए आवारा कुत्तों से नगर को मुक्त करने की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी ।
ताजे दोनों मामलों की गंभीरता को देखते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा ऐसे करीब एक दर्जन घातक आवारा कुत्तों को पकड़वाकर शहर के बाहर छुड़वाया गया लेकिन राजनीति के चलते एक ओर नियम अधिनियम का हवाला देते हुए नपा सीएमओ को धमकी दी गई थी कि पुनः कुत्तों को वापस लाकर शहर में छोड़ा जाए अन्यथा आप लोगों के विरुद्ध न्यायालीन कार्रवाई की जाएगी इसके पश्चात एक महिला का मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के पास फोन आया और उन्होंने दोनों को धमकाते हुए 24 घंटे के अंदर वापस कुत्ते शहर में लाकर छोड़ने एवं जिनके द्वारा कुत्ते पकड़े गए हैं उन्हें बर्खाशस्त करने का कहते हुए उन्हें भी बर्खास्त कराने की धमकी दे डाली कि आप लोगों के खिलाफ एफआईआर करेंगे एवं न्यायालीन करवाई भी करेंगे।
उपरोक्त महिला की धमकी भरी रिकॉर्डिंग सुनने के बाद मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं नपाध्यक्ष के द्वारा अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है । जिस तरह से महिला ने बदतमीजी से बात की उसने महिला सशक्तिकरण की धज्जियां उड़ा डाली। ऐसा महिला सशक्तिकरण किस काम का जिसमें एक एनजीओ से जुड़ी महिला धमकी वाले लहजे में चीख चीखकर बात करती हुई सुनाई दे रही है। जिसका ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
नागरिकों को जब ये बात पता चली तो उन्होंने जरूर धमकी देने वाली तथा कथित पशु प्रेमियों को चेतावनी दे डाली है कि यदि उन्होंने आवारा पागल कुत्तों को वापस शहर में बुलवाया तो वे लोग जरूर ऐसे इंसानियत के दुश्मनों को बाहर का रास्ता दिखा देंगे ।
आपको बता दें कि गत दिवस विदिशा में मुखर्जी नगर रोड पर एक कुत्ता मृत बच्चे का शव मुंह में दबाए दिखा लोगों ने छुड़वाने का प्रयास किया लेकिन कुत्ता भाग गया बाद में पुलिस ने उसका शव बरामद किया। वहीं 13 जनवरी को भोपाल के अयोध्या नगर बाईपास शिव नगर बस्ती में एक सात माह के बच्चों को घर में से कुत्ते घसीट कर ले गए थे पूरे शरीर में बच्चों के कुत्ते के कांटे के निशान थे एक हाथ उसका खा लिया था जिसे उसकी मौत हो गई थी। हैदराबाद में चार साल के एक मासूम की कुत्तों के सामने संघर्ष करके हार जाने का‌ सीसीटीवी वीडियो वायरल हो चुका है। एनसीआर इलाके में दो मासूम भाइयों की मौत कुत्ते के काटने की वजह से हुई है। एक सीसीटीवी में स्कूटी चला रही महिला खुद को और अपने बच्चों को पीछा कर रहे आवारा कुत्तों से बचाने के चक्कर में हादसे का शिकार हो जाती है। यह सारी घटनाएं बताती हैं कि कुत्ते किस तरह से इंसानी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं कुत्तों से प्यार करने वालों को शायद इंसानी जिंदगी से कोई सरोकार नहीं है।
रेबीज से मौते के मामले में भारत का हिस्सा 36 प्रतिशत:- टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में एक अनुमान के मुताबिक करीब 6.2 करोड़ आवारा कुत्ते हैं। दूसरी तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कुत्तों के काटने की वजह से होने वाली रेबीज बीमारी से मौत के मामले में भारत की भागीदारी 36 प्रतिशत है। देश में कुत्तों की बहुत बड़ी संख्या हालात की गंभीरता को खुद बयां कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि इंसानों और कुत्तों के बीच बढ़ रहे टकराव पर एक मामले में सुनवाई करते हुए केरल हाई कोर्ट ने कहा कि इंसानों की फिक्र कुत्तों से ज्यादा की जानी चाहिए। कुत्तों की सुरक्षा जरूरी है, लेकिन इंसानों की जान की कीमत पर ऐसा नहीं किया जा सकता। जस्टिस पीवी कुन्हिकृष्णन की कोर्ट ने माना कि आवारा कुत्तों से छोटे बच्चों, युवाओं और बुजुगों को खतरा है। देश भर में हो रहे कुत्तों के हमलों में सबसे ज्यादा यही शिकार हो रहे। हाई कोर्ट ने कहा, “आवारा कुत्ते हमारे समाज में खतरा पैदा कर रहे हैं। पेट लवर्स को इंसानों की सुरक्षा को ध्यान में रखना होगा।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी कृष्णकांत शर्मा का कहना है कि जो 6 – 7 कुत्ते घातक हो गए थे और बच्चों को पशुओं पर प्राण घातक हमला करके गंभीर रूप से चोटिल कर रहे थे उन्हें ही पकड़वा कर रेबीज का इंजेक्शन लगवा कर शहर के बाहर छोड़ा गया है।

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