न्यायालयों में लंबित 43 मामले एवं 187 केस निराकृत हुए जिसमें 832470 रूपये की वसूली

सिलवानी । मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायसेन अनिल कुमार सुहाने के मार्गदर्शन में 9 मार्च को नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार की सुबह 10.30 बजे से शाम पांच बजे तक सिलवानी न्यायालय में आयोजित किया गया।
लोक अदालत में विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति सिलवानी अतुल यादव ने उपस्थित अधिवक्तओं एवं पक्षकारों को संबोधित करते हुए कहा कि लोक अदालत न्यायिक प्रक्रिया का एक अंग है जिसकी आधारशिला सत्य एवं न्याय है । जिसमें विवादों का निपटारा आपसी सहमति से किया जाता है । इसमें न्याय की गति त्वरित होती है तथा न्याय भी त्वरित प्राप्त होता है। लोक अदालत से पक्षकारों के मध्य आपसी सदभाव बढता है तथा कटुता समाप्त होती है। इसमे समय धन व श्रम की बचत होती है। लोक अदालत में निराकृत मामलों में लगा न्याय शुल्क वापस प्राप्त हो जाता है।
लोक अदालत में अतुल यादव न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सिलवानी की खंडपीठ बनाई गई। जिसमें न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य सिविल, आपराधिक, चेक बाउंस, पारिवारिक विवाद, बैंक रिकवरी, प्रकरणों का निराकरण किया जिसमें राजीनामा योग्य न्यायालयों में लंबित 43 मामलों निराकरण किया गया। प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), नगर परिषद सिलवानी, बैको के कुल 187 केस निराकृत हुए जिसमें 832470 रूपये की वसूली हुई । शनिवार को बड़ी संख्या में अदालतों में प्रकरण के निराकरण हेतु आये पक्षकारों को न्यायालय से न्यायाधीश के हाथ से वृक्ष व चहरे पर मुस्कान लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हुआ।
शिविर में न्यायाधीश अतुल यादव द्वारा बैक, नगर परिषद सिलवानी द्वारा लगाये गये स्टालों का निरीक्षण किया गया एवं पक्षकारों की समस्यायों को सुना गया उपस्थित संबंधित विभाग के कर्मचारियों को समाधान करने का निर्देश दिया गया ।
लोक अदालत में अधिवक्ता संघ सिलवानी अध्यक्ष दीपेश समैया, पीठासीन सदस्य आलोक श्रीवास्तव, सहित अन्य अधिवक्ता एवं पक्षकारगण मौजूद रहे ।