रामनवमी का पर्व बड़े धूमधाम के साथ पिड़रई में मनाया गया

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान l रामनवमी पर्व बड़े हर्ष उल्लास के साथ पिड़रई में मनाया गया। वही पिड़रई में अद्भुत मंदिर का निर्माण हुआ है। जो कि गांव एवं क्षेत्र की शोभा को बढ़ा रहा है। इस भव्य मंदिर का निर्माण पंडित मनोज तिवारी के द्वारा करवाया गया है। क्षेत्र के लोगों एवं ग्रामीणों का कहना है कि मनोज तिवारी के द्वारा ऐसा मंदिर का निर्माण करवा दिया गया जो कि तात्कालिक क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है। इतना ही नहीं उस मंदिर में साधु संतों के रुकने की भी व्यवस्था है। मंदिर में संगमरमर के पत्थर भी लगाए गए हैं। सूर्य की पहली किरण पड़ते ही पूरा मंदिर इंद्रलोक की तरह चमक उठता है। इतने बड़े मंदिर का निर्माण करना किसी एक व्यक्ति के वश की बात नहीं होती पर मनोज तिवारी का अदम्य साहस ऐसा था कि जो एक व्यक्ति नहीं करवा सकता वह एक ही व्यक्ति ने करके दिखा दिया। कहा तो यहां तक जाना चाहिए कि इतना बड़ा कार्य पूर्वजों के आशीर्वाद से संपन्न हुआ। रामनवमी का पर्व बैंड बाजों के साथ एवं पटाखों की धूम के साथ मनाया गया। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इसलिए इस दिन को प्रत्येक वर्ष भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था। द्रिक पंचांग के अनुसार, छह घटियों (लगभग 2 घंटे और 24 मिनट) तक चलने वाला मध्याह्न रामनवमी पूजा अनुष्ठान करने का सबसे शुभ समय है। रामनवमी पर रामायण और रामरक्षा स्त्रोत का पाठ पढ़ा जाता है। इस दिन सभी मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। रामनवमी पर्व पर व्रत और पूजा करने का बहुत ज्यादा फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति विधि-विधान से भगवान राम की पूजा, जप और व्रत करता है, उसे जीवन से जुड़े सभी सुख प्राप्त होते हैं।रामनवमी के अवसर पर भक्तों की श्रीराम के मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए भीड़ जुटती है। आपको बता दें कि अलग-अलग राज्यों में श्रीराम के कुछ प्रमुख मंदिर हैं, जिसमें अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि, नासिक का श्री कालाराम मंदिर, सोमनाथ, शिकोहाबदा और भीमाशंकर का श्रीराम मंदिर प्रमुख है।इसी बीच ग्रामीणों एवं क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।