विकास की चाह में खो ना जाए जीवनदायिनी बीना नदी

रिपोर्टर : रीना विनोद मालवीय
गैरतगंज । बहुत खुशनसीब होते हैं वो नगर जिनके सीमा क्षेत्र में किसी भी नदी का प्रवाह होता है ऐसा ही है हमारा नगर गैरतगंज जिसके बीच से होकर गुजरती है जीवनदायिनी बीना जो लगभग सौ सालों से प्रवाहित हो रही है यह नदी अपने प्रारंभ काल से एक निश्चित चौड़ाई और असिमित गहराई के साथ निरंतर प्रवाहित हो रही थी पर समय के साथ बढ़ते विकास और जल संचय के लिए नदी पर एक बिना गेट वाला स्टापडेम का निर्माण किया गया निर्माण के बाद कभी सम्बंधित विभाग ने पलट कर नहीं देखा की डेम से लाभ है या हानि इसका परिणाम यह हुआ कि आज डेम के पास दस फिट की गहराई वाली नदी बस तीन फिट ही बची और चौड़ाई इतनी बढ़ गई की हर साल बरसात में निचली बस्तियों में जलभराव होने लगा जिससे जनता को लाभ कम हानि अधिक हो रही है। विकास की इसी कड़ी पुनः बीना नदी पर मुख्य सड़क से श्री राम-जानकी मंदिर तक सौन्दर्य करण के लिए एक पुल का निर्माण ओर सड़क चौड़ीकरण के लिए एक नव पुल के निर्माण कार्य चल रहे हैं पुलों की खुदाई से निकला मलवा फिलहाल नदी में ही डाला जा रहा है अगर बरसात से पहले सब हटा दिया गया तो ठीक पर नहीं हटाया गया तो एक ही बरसात में पूरा मलवा डेम में जाकर रुक जाएगा ओर बची हुई तीन फिट गहराई भी मिट जाएगी.कही विकास की चाह में बीना नदी का विनाश ना हो जाए, बीना नदी बचाना है डेम में गेट लगवाना है।