हम सबका पारलौकिक पिता, सर्व मान्य परमपिता परमात्मा शिव है : ब्रह्माकुमारी नीलम बहन

श्रीमदभागवत गीता ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस का आयोजन
सिलवानी । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र सिलवानी के तत्वावधान में श्रीमद भागवत गीता का सार, सुखमय जीवन का आधार, गीता ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस में भागवत जी की आरती, पूजन किया। कथा प्रवक्ता राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने शिव शम्भू का आह्वान करते हुए परमपिता परमात्मा शिव का सत्य परिचय बताते हुए कहा कि हम सब पदमापदम सौभाग्यशाली आत्माएं हैं, जिसे लौकिक और पारलौकिक पिताओं की श्रेष्ठ पालना मिल रही हैं। लौकिक पिता जो शरीर का पिता हैं और पारलौकिक पिता, वह जो सच्ची गीता का ज्ञान देते है। पारलौकिक पिता जो ज्योति बिंदु स्वरूप और गुणों में सिंधु हैं। परमपिता परमात्मा, जो पिताओं का पिता हैं जो इस कल्याणकारी संगमयुग पर अलौकिक पिता ब्रह्मा बाबा के तन में प्रवेश कर अपना परिचय देते हैं और हम आत्माओं को कौड़ी से हीरे तुल्य जीवन जीने की कला सिखलाते हैं, सच्ची गीता का सार सुनाते हैं जो हम आत्माओं को राजयोग सिखा स्व का मालिक बना विश्व का मालिक बनाते है। परमात्मा कहते हैं-हर घड़ी अंतिम घड़ी। हम सब जगदीश स्वामी की आरती में गाते हैं –
तन- मन- धन सब कुछ हैं तेरा, तेरा तुझ को अर्पण क्या लागे मेरा। बस ये गायन तक रह गया हैं परंतु अब हमें वास्तविक रूप में उस परमपिता परमात्मा शिव को अपना सब कुछ सौपना हैं और निमित्त भाव रख सम्भालना हैं।
शिव पर अक़्क़ धतूरा चढ़ाने का मतलब है अपने अपनी कमी विकारो को अर्पित करना । शिव पर पानी की बूंद बूंद चढ़ाने का मतलब है अपने जीवन के हर कर्म का जीवन का बूंद बूंद का हिसाब परमात्मा को सुनना ।
क्योंकि शिव के हर नाम कर्तव्य वाचक है । पाप कटेश्व , मुक्तेश्वर, गुप्तेश्वर , विश्वनाथ , सोमनाथ आदि ।
अतः अब जरूरत है आत्मा के पिता शिव से योग लगाने की ओर इस जन्म में उनसे शक्ति लेने की ।
परमात्मा का परिचय देने के बाद
मेडिटेशन अभ्यास किया गया भागवत जी की आरती हुई और प्रसाद वितरण हुआ।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी मोहनी बहन ने सभी का आभार किया साथ ही सभी को प्रतिदिन आने का निमंत्रण दिया, इस अवसर पर अन्य भाई-बहन, माताएं और क्षेत्रवासी शामिल रहें।