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24 जुलाई 2025: हरियाली अमावस्या कब? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और दान का महत्व

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
|| जय श्री राधे ||
🔮 24 जुलाई 2025: हरियाली अमावस्या कब? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और दान का महत्व..…….
🔘 HEADLINES
▪️ सावन कृष्ण अमावस्या तिथि को हर साल हरियाली अमावस्या मनाई जाती है.
▪️ इसे सावन अमावस्या या श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है.
▪️ हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग बन रहा है.
▪️ अमावस्या तिथि प्रारम्भ: 24 जुलाई 2025 प्रातः 02:28 बजे
▪️ अमावस्या तिथि समाप्त: 25 जुलाई 2025 प्रातः 12:40 बजे
👉🏼 24 जुलाई 2025: साल में कुल 12 या 13 अमावस्या पड़ती हैं जिनमें सावन अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजन और दान करने की परंपरा है। इस साल ये अमावस्या 24 जुलाई को पड़ रही है। पंचांग अनुसार अमावस्या तिथि की शुरुआत 24 जुलाई को 02:28 AM पर होगी और समाप्ति 25 जुलाई को 12:40 AM पर होगी। हरियाली अमावस्या पर लोग पितरों और पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए तर्पण और पूजन आदि अनुष्ठान कार्य करते हैं। इसके अलावा इस दिन पेड़-पौधे लगाना भी बेहद शुभ माना जाता है। चलिए जानते हैं आचार्य श्री गोपी राम से कि हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
⚛️ हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त
आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार, इस बार सावन की अमावस्या तिथि 23 जुलाई, बुधवार की रात 02 बजकर 29 मिनिट से शुरू होगी, जो 24 जुलाई, गुरुवार की रात 12 बजकर 40 मिनिट तक रहेगी। चूंकि अमावस्या का सूर्योदय 24 जुलाई को होगा, इसलिए इसी दिन हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि और गुरु पुष्य नाम के 3 शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और बढ़ गया है।
🔯 सावन अमावस्या शुभ योग
ज्योतिष आचार्य की मानें तो हरियाली अमावस्या पर हर्षण योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इनमें गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग प्रमुख हैं। इन योग में देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलेगी।
🙇🏻 हरियाली अमावस्या पर तर्पण का समय
हरियाली अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण आप स्नान के बाद कर सकते हैं. हरियाली अमावस्या का स्नान ब्रह्म मुहूर्त में कर लें या फिर सूर्योदय 05:38 ए एम के समय या उसके बाद कर लें. स्नान के बाद काले तिल, सफेद फूल और पानी से कुशा की मदद से तर्पण दें. तर्पण का जल पितरों को मिलता है, जिससे वे तृप्त होकर खुश होते हैं. अपने वंश को सुख, समृद्धि, संतान, शांति, उन्नति आदि का आशीर्वाद देते हैं.
🍱 हरियाली अमावस्या पर श्राद्ध का समय
हरियाली अमावस्या के दिन पितरों के लिए श्राद्ध का समय दिन में 11:30 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे तक है. इस समय में पिंडदान, दान, पंचबलि कर्म आदि कर लें.
💮 हरियाली अमावस्या के शुभ योग

🌟 सर्वार्थ सिद्धि योग: पूरे दिन
🪷 गुरु पुष्य योग: शाम 04:43 पी एम से जुलाई 25 को 05:39 ए एम तक
💧 अमृत सिद्धि योग: शाम 04:43 पी एम से जुलाई 25 को 05:39 ए एम तक
🪐 पुनर्वसु नक्षत्र: प्रात:काल से शाम 04:43 पी एम तक
🌸 पुष्य नक्षत्र: शाम 04:43 पी एम से पूरी रात तक
✒️ हरियाली अमावस्या के उपाय
👉🏼 हरियाली अमावस्या पर रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। ये उपाय स्वयं न कर पाएं तो किसी योग्य ब्राह्मण से करवाएं।
👉🏼 पितरों की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध व पिंडदान आदि उपाय करें।
👉🏼 जरूरतमंदों को भोजन, अनाज, कपड़े आदि चीजों का दान करें।
👉🏼 गाय का हरा चारा खिलाएं, मछलियों के लिए तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालें। कुत्ते को रोटी दें।
💰 हरियाली अमावस्या पर सोना, वाहन, मकान खरीदने का मुहूर्त
हरियाली अमावस्या के दिन गुरु पुष्य योग शाम को 04:43 पी एम से बन रहा है. गुरु पुष्य योग एक अत्यंत शुभ और दुर्लभ संयोग होता है. गुरु पुष्य योग तक बनता है, जब गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र होता है. गुरु पुष्य योग में कोई भी शुभ कार्य करेंगे तो उसका शुभ फल मिलेगा और वह अक्षय होता है. वह नष्ट नहीं होता है. ऐसी मान्यता है. हरियाली अमावस्या पर आप सोना, वाहन, मकान आदि शाम 4 बजकर 43 मिनट के बाद से खरीद सकते हैं.
💁🏻 हरियाली अमावस्या: गुरु पुष्य योग में करें ये 5 काम
🔹 गुरु पुष्य योग में नया बिजनेस, धन का निवेश और शेयर बाजार में शुरूआत करना शुभ फलदायी होता है.
🔸 गुरु पुष्य योग में सोना और चांदी खरीदना अछा माना जाता है. इससे माता लक्ष्मी की प्राप्ति का अवसर मिलता है.
🔹 इस शुभ योग में नई गाड़ी या कोई प्रॉपर्टी खरीदना उन्नति वाला होता है.
🔸 गुरु पुष्य योग में नई नौकरी ज्वाइन करना, नया कॉन्ट्रैक्ट साइन करना, कोई पेपर साइन करना शुभ होता है.

🔹 इस योग में दान, यज्ञ, पूजा, पाठ, पित्तरों का कार्य, मंत्र जाप, विद्या प्रारंभ आदि करना शुभ माना जाता है. इससे उत्तम फल की प्राप्ति होती है.

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