कृषिमध्य प्रदेश

व्यापारियों के हवाले हुआ उमरियापान धान उर्पाजन केन्द्र


केन्द्र प्रभारी नदारत, गुणवत्ता दरकिनार खरीदा जा रहा बदरा
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान । ढीमरखेड़ा तहसील के अंतर्गत इस बार 10 धान उर्पाजन केन्द्र बनाये गये है जिसमें एक विवादित केन्द्र उमरियापान भी है जहां पर केन्द्र प्रभारी शरद बर्मन उर्फ बल्लू अधिकांश समय केन्द्र से नदारत रहते है और उनकी अनुपस्थिति में व्यापारी अपनी धान स्वयं तौलवाते है और खुद ही धान की बोरियों की गिनती करते है। चूंकि व्यापारियों के इस काम में केन्द्र प्रभारी को अच्छा खासा कमीशन मिलता है इस कारण से वह केन्द्र व्यापारियों के भरोसे ही छोड़ देते है और केन्द्र में केन्द्र प्रभारी के कुछ गुर्गों भी रहते है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि केन्द्र में एक हड़प्पा भी धान साफ करने के लिये रखा हुआ है लेकिन यह मात्र एक शोपिस के लिये। इस केन्द्र में बिना धान साफ किये हुये ही उर्पाजन किया जा रहा है। एक किसान ने बताया कि जो भी किसान यहां पर धान लेकर आता है उसकी धान में छन्ना लगवा दिया जाता है जिससे परेशान होकर कई बार किसान लौट जाते है और नहीं तो केन्द्र प्रभारी द्वारा यह कह दिया जाता है कि हमें 1500 या 1600 क्विटल रुपये के हिसाब से हमें दे दो। लिहाजा सभी परेशानियों से बचने के लिये किसान केन्द्र प्रभारी को ही अपनी उपज विक्रय कर देता है इसके बाद केन्द्र प्रभारी द्वारा किसी अन्य किसान के रजिस्टे्रशन में उक्त धान तौलवा ली जाती है।
तौल भी ले रहे अधिक
उपरोक्त विवादित उर्पाजन केन्द्र उमरियापान में लंबे समय से व्याप्त अनियमित्ताओं की शिकायत मिलने पर जब हमारे संवाददाता ने मौका मुआयना किया तो यहां एक और गड़बड़ झाला देखने को मिला और शासन द्वारा तय कुल मात्रा से अधिक धान का उर्पाजन किया जाना पाया गया। वहीं मौके पर धान की बोरियों से कुछ मजदूर धान निकाल रहे थे जिनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि तौलते समय ज्यादा तौल देते है इसलिये अब निकाल रहे है, ज्यादा जानकारी केन्द्र प्रभारी ही दे पायेंगे। हालांकि केन्द्र प्रभारी शरद बर्मन उर्फ बल्लू पहले भी विवादों में रह चुके है इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों की कृप्या बरस ही जाती है……
किसानों के रजिस्टे्रशन में व्यापारी तुलवा रहे धान
उक्त मामले में एक महत्वपूर्ण पहले यह भी सामने आया है कि इस केन्द्र में कई ऐसे व्यापारी सामने आये है जो किसानों से रजिस्टे्रशन लेकर धान तौलवा रहे है और कमीशन लेकर केन्द्र प्रभारी द्वारा खुलेआम गुणवत्ताहीन धान की खरीदी की जा रही है जिसमें तय मानकों को दरकिनार कर खरीदी की जा रही है जिससे एक ओर तो शासन को क्षति हो ही रही है और वहीं दूसरी ओर किसानों को शासन की मंशा अनुरूप लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है।

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