मध्य प्रदेश

विवाह की प्रतीक्षा में कुंवारे बैठे कई गरीब

गरीबों ने मांग की घर से विवाह करने पर योजना तहत मिलने वाली राशि उन्हें दी जाए ।

रिपोर्टर : राधेश्याम साहू, सिलवानी।
सिलवानी।
कोरोना कॉल में हर वर्ग परेशान है। आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। गत वर्ष से मुख्यमंत्री कन्यादान /निकाह योजना के तहत सामुहिक समारोह का आयोजन नही किया जा रहा है जिससे कई गरीब विवाह की प्रतीक्षा में है।
कोरोना संक्रमण के चलते पिछले एवं इस वर्ष मुख्यमंत्री कन्यादान एवं निकाह योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित नहीं हुए। ऐसे में कई गरीबों की बेटियां अपने घर में कुंवारी बैठी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा संख्या गरीब परिवार की है, जो शादी विवाह करने में सक्षम नहीं है। कोराना संक्रमण का यह दूसरा वर्ष है। मुख्यमंत्री विवाह योजना के कार्यक्रम आयोजित नहीं होने से पात्र परिवारों योजना के लाभ से वंचित हो गए और आगे भी योजना के चालू होने की संभावना नजर नहीं आ रही। जिसके कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भांजे भांजियां बिना विवाह के रह गए हैं।
योजना का लाभ मिलना हुआ मुश्किल
ऐसे में कन्यादान विवाह योजना के नियम शिथिल करते हुए गरीबों को घर से ही विवाह करने पर उक्त योजना का लाभ दिया जाए जिससे उन्हें शासन की तरफ से मिलने वाली राशि प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री विवाह योजना में पहले ₹28000 की राशि दी जाती थी जिसे बढ़ाकर कांग्रेस सरकार आते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ₹51000 कर दी थी, लेकिन अब इसका भी लाभ मिलना मुश्किल हो गया है। पिछले वर्ष लॉकडाउन के बाद जैसे-तैसे आर्थिक तंगी से लोग उबर रहे थे कि इस बार फिर कोरोना कर्फ्यू में मजदूर गरीब वर्ग की कमर तोड़ कर रख दी है।
ऐसे में आर्थिक रूप से परेशान गरीब अपनी बेटियों के विवाह नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनको दो वक्त की रोटी की व्यवस्था बहुत मुश्किल से हो पा रही है।

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