मध्य प्रदेश

बम्हनी में बना बस स्टैण्ड तो होगा औचित्यहीन साबित, नेताओं के मुंह में जमा दही

जनहित के मामले में तमाशाबीन बने जनप्रतिनिधि
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान । जिले में सबसे बड़ी पंचायत का तमगा लिये उमरियापान बस स्टैण्ड के लिये मोहताज है और प्रशासन द्वारा अस्थाई तौर पर न्यू बस स्टैण्ड में बस स्टैण्ड बनाया गया है लेकिन अतिक्रमण के चलते उक्त पूरा बस स्टैण्ड का नक्शा तसह-नहस है। । लिहाजा बार-बार इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया एवं उक्त संबंध में प्रमुखता के साथ समाचार भी प्रकाशित किये गये। कलेक्टर द्वारा विगत दिवस उमरिया पान में बस स्टैंड निर्माण के लिए बजट आबंटित करने आयुक्त सह संचालक पंचायत राज संचालनालय को पत्र लिख गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जिले के उमरियापान में बस स्टैंड बनाए जाने की घोषणा की थी। जिसको साकार करने के लिए तत्कालीन कलेक्टर कटनी द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के उपरांत 11 जून 2019 को उक्त निर्माण हेतु 33.58 लाख रुपए का बजट आबंटित करने मांग की गई थी। जिस पर अभी तक स्वीकृति प्राप्त न हुई। पिछले करीब 4 वर्षों से लंबित पड़ी इस मांग को संज्ञान में लेकर कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद द्वारा आयुक्त सह संचालक पंचायत राज संचालनालय मध्य प्रदेश भोपाल को पुन: पत्र लिखकर उक्त बजट आबंटन प्रदान करने की मांग की गई है।
लेकिन यहां पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह सामने आ रही है कि बस स्टैण्ड के लिये अधिकारियों द्वारा उमरियापान न्यू बस स्टैण्ड की जगह बम्हनी और महनेर की बीच जगह चिन्हित की गई है और ऐसा यदि होता है तो यह जनता के हित में नहीं है क्योंकि वर्तमान में जो बस स्टैण्ड है उस स्थान से सभी जगह की बसें असानी से मिल जाती है लेकिन यदि वर्तमान में अधिकारियों द्वारा जो जगह सुझाई गई वहां पर बस स्टैण्ड बनता है तो यह आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और 15 से 20 रूपये खर्च करके लोग उक्त बस स्टैण्ड में जायेंगे जहां से उसे बस मिलेगी। आमजनों को आर्थिक चोट पहुंचेेंगी तो वहीं दूसरी ओर समय भी खराब होगा।
नेताओं को मतलब नहीं
उमरियापान के नेताओं की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो बस स्टेण्ड उमरियापान में बनना चाहिये वह बम्हनी और महनेर के बीच बनाया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है लेकिन इनके मुंह में दही जमा है और तमाशाबीन बनकर ये पूरा माजरा देख रहे है, सवाल यह उठता है कि क्या ये नेता सिर्फ अपनी समस्या समाधान के लिये नेता बने है। खुद को बहुत बड़े नेता मानने वाले भी वर्तमान में शांत होकर बैठ गये है। उमरियापान का दुर्भाग्य ही कहा जाये कि ऐसा कोई नेता नहीं है तो आमजन की समस्या को प्रमुखता के साथ उठाये। बहरहाल यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी उमरियापान की झोली से कई अन्य चीजें खिसक चुकी है। इसके पहले महाविद्यालय भी उमरियापान में बनना तय हुआ था लेकिर जमीन नहीं मिलने के कारण उक्त महाविद्यालय को ग्राम पकरिया में बनना पड़ा, रेस्ट हाऊस की कहानी भी कुछ ऐसी ही है और वह भी उमरियापान की जगह पकरिया में बना। आदिवासी छात्रावास ग्राम कुदवारी में बना। ऐसा नहीं है कि उमरियापान में सरकारी जगह नहीं। पर्याप्त मात्रा में सरकारी जगह है लेकिन अधिकांश जगह पर नेता या उनके सगे संबंधी काबिज है। लिहाजा जैसे ही कुछ बनने के लिये आता है संबंधित अधिकारी यह लिखकर दे देते है कि उमरियापान में जगह नहीं है। जिस कारण से आसपास के ग्रामों में संबंधित भवनों का निर्माण करना पड़ता है। वहीं आमजनों के साथ सिर्फ और सिर्फ समस्या ही आती है। वर्तमान में ग्राम पकरिया में महाविद्यालय बना दिया गया है जिससे अनेक छात्र-छात्राएं उमरियापान से पैदल ही महाविद्यालय आते हैं।
1993 में रखी गई थी आधारशिला, नतीजा सिफर
नगरवासियों ने बताया कि वर्ष 1993 में तत्कालीन सिहोरा एसडीओ अजीत केशरी ने बस स्टैंण्ड की अधारशिला रखी थी। ग्राम उमरियापान के खसरा नं. 466/2 रकवा 2.059 हे. आबादी में दर्ज है। अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा जिला जबलपुर के समक्ष प्रकरण क्रमांक-44 आदेश दिनांक 17.02.1992 के द्वारा उमरियापान स्थित न्यू बस स्टैण्ड के समीप खसरा नं.466/2 रकवा 2.059 हे. में से रकवा 0.416 हे. बस स्टैण्ड के लिये सुरक्षित किया गया था लेकिन वर्तमान में न्यू बस स्टैण्ड में इस तरह से अतिक्रमण हावी है कि मात्र आधी जगह ही बची है और जो जगह बची है उसमें भी अवैध रूप से वाहन खड़े हो जाते है। ग्राम के प्रबुद्धजन ने बताया कि कटनी के तत्कालीन कलेक्टर एम सेल्वेन्द्रम का उमरियापान आना हुआ था तब उन्होंने उक्त न्यू बस स्टैण्ड का निरीक्षण किया था। उस समय एसडीओ अजीत केशरी सहित राजस्व अधिकारी मौजूद थे। उस समय भी कलेक्टर से यह शिकायत की गई थी कि उक्त जगह पर अतिक्रमण है। ग्रामीणों की शिकायत पर तत्काल तत्कालीन कलेक्टर ने संबंधित आरआई एवं पटवारी को सीमांकन के आदेश दिये थे जिसमें उनके द्वारा अपने प्रतिवेदन में यह लेख किया गया था कि बस स्टैण्ड के लिये जो जगह आरक्षित है उसमें अतिक्रमण है। इस संबंध में नायब तहसीलदार को प्रतिवेदन सौंपा गया। तदउपरांत अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया चालू हुई लेकिन वह मात्र दिखावा रहा और पूर्ण रूप से अतिक्रमण नहीं हटाया गया था, कुछ दिन बाद फिर अतिक्रमण बढ़ता ही गया । तत्पश्चात चुनाव आने के कारण उक्त मामला शांत पड़ गया।
किस घटना के इंतजार में बैठे जिम्मेदार
नादरशाही किस तरह से हावी है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1 माह पूर्व नाली निर्माण के लिये बस स्टैण्ड में खुदाई गई थी लेकिन न तो वहां निर्माण किया जा रहा है और न ही नाली ही बनाई जा रही है और न ही उक्त नाली को पूरा जा रहा है । जिम्मेदारों द्वारा हर दर्जे की लापरवाही की जा रही है जिससे किसी भी दिन बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं पंचायत द्वारा नाली खोदने के कारण ग्रामवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि उक्त स्थान पर नल था जिससे ग्रामवासी पानी भरते थे लेकिन पंचायत द्वारा नाली खोदने से अब वहां जाने में भारी समस्याएं सामने आ रही है और ग्रामीण पानी भरने से वंचित हो रहे है।
बस स्टैण्ड के नाम पर फूक दिये लाखों, अब दूसरी जगह का अलाप रहे राग
इसे विडंम्बा कहा जाये या शासन के पैसों की होली? वर्तमान में उमरियापान में जिस जगह पर बस स्टैण्ड है वहां पर कभी विकास कार्य के नाम पर तो कभी यात्री प्रतिक्षालय के नाम पर, हैड़पंप के नाम पर लाखों रूपये की होली खेली गई और अब अधिकारियों द्वारा औचीत्यहीन (बम्हनी-महनेर) में बस स्टैण्ड का सपना दिखाकर जनता के साथ कुठाराघात किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि न्यू बस स्टैण्ड में जो यात्री प्रतिक्षालय बनाया गया है वह आज दिनांक तक चालू नहीं किया गया है और उसमें ताला लगा हुआ है लेकिन आश्चार्यजनक पहलू यह भी सामने आ रहा है कि शाम होते ही उक्त यात्री प्रतिक्षालय की लाईट जल जाती है। जब दिनभर ताला लगा रहता है तो शाम में लाईट जलाने की जरूरत क्या है? लेकिन शासन के पैसों को बर्बाद कैसे किया जाये इसके लिये प्रयास हो रहे है और न्यू बस स्टैण्ड में लाखों रूपये की होली खेलने के बाद भी जनता के हिस्से में कुछ भी नसीब नहीं हुआ है और वर्तमान समय में भीषड़ गर्मी का प्रकोप चल रहा है इसके बाद भी आमजनों को खुले में ही बैठना पड़ रहा है। इस बात से जिम्मेदारों को किसी तरह का कोई मतलब नहीं है।
इस संबंध में अवि प्रसाद, कलेक्टर कटनी का कहना है कि उमरियापान बस स्टैण्ड का मामला मेरे संज्ञान में है। शासकीय भूमि में किसी तरह का कोई अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है। अतिक्रमण हटाने अधिकारियों को निर्देशित किया जायेगा ।
विंकी सिंहमारे, एसडीएम ढीमरखेड़ा का कहना है कि इस संबंध में नायब तहसीलदार उमरियापान के समक्ष एक प्रकरण चल रहा है। जल्द ही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी। यात्री प्रतिक्षायल में ताला क्यों लगाया गया है इस संबंध में पंचायत से जानकारी तलब की जायेगी, साथ ही यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिये भी निर्देशित किया जायेगा।

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