मध्य प्रदेश

माफियाओं ने खोद डाली पहाड़ी, प्रशासन बैठा रहा हाथ में हाथ रखे

उमरियापान के ग्राम मंगेली में हो रहा मेंगनीज-बाक्साइट का अवैध उत्खनन, प्रशासन को लाखों रूपये के राजस्व की हानि
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान ।
ढीमरखेड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाली उप तहसील उमरियापान के ग्राम मंगेली में काफी लम्बे समय से मेंगनीज और बाक्साइट का अवैध उत्खनन किया किया जा रहा है जिसमें स्थानीय लोगों की भूमिका सामने आ रही है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम मंगेली में पंचायत भवन के पीछे पहाड़ी पर भारी मात्रा में मेंगनीज और बाक्साइट का भंडार है। लिहाजा क्षेत्र के भू-माफिया यहां पर टकटकी लगाये रहते हैं और उन्हें जब भी मौका मिलना है माफियां अपने कामों को अंजाम देने में जुट जाते है। ऐसा नहीं है कि इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों को जानकारी नहीं है। उपरोक्त पूरे मामले की जानकारी स्थानीय अधिकारी सहित जिला में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी है इसके बाद भी इनके द्वारा कार्यवाही किये जाने की हिमाकत नहीं की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि उत्खनन करने वाले माफिया राजनीतिक पार्टी से जुड़े है लिहाजा कार्यवाही करने में प्रशासन के हाथ पैर कांप रहे है और रात के समय माफियाओं द्वारा मेंगनीज-बाक्साइट का उत्खनन अवैध तरीके से किया जा रहा है जो रात में 10 बजे से चालू होकर सुबह 5 बजे तक चलता है।
अधिकारियों का मिला संरक्षण
उपरोक्त मामले में जिस तरह से जानकारी होने के बावजूद भी किसी तरह की कोई कार्यवाही भू-माफियाओं पर न किया जाना संदेह के घेरे में लाता है। चूंकि ग्राम मंगेली में हो रहे अवैध उत्खनन की संपूर्ण जानकारी मय प्रमाण के दी गई जिसके बाद उल्टा अधिकारियों द्वारा माफियाओं से मिलीभगत करके कुछ समय के लिये अवैध खनन को बंद करवा दिया गया और माफियाओं से यह कह दिया गया कि अभी शिकायतें ज्यादा प्राप्त हो रही है कुछ समय के लिये खनन बंद कर दो।
लाखों के राजस्व की हानि
ग्राम मंगेली में पंचायत भवन के पीछे पहाड़ी में भारी मात्रा में मेंगनीज-बाक्साइट के भंडार है। लिहाजा यहां पर भू-माफिया समेत एक उद्योगपति की नजरें काफी समय से ही डगमगा रही थी और तथाकथित भू-माफियाओं के द्वारा पूर्व में भी उक्त स्थान पर उत्खनन करने की कोशिश की गई थी लेकिन पूर्व में पदस्थ तहसीलदार द्वारा स्पष्ट लहजे में यह कह दिया गया था कि बिना कलेक्टर की स्वीकृति के कोई उत्खनन होता है तो वो उन पर कार्यवाही करेंगे। लिहाजा शासन को राजस्व न देना पड़े इसलिये भू-माफियाओं द्वारा विधि विरूद्ध तरीके से बिना अनुमति के ही उत्खनन शुरू कर दिया गया है जिससे एक ओर तो उक्त नियम विरूद्ध कार्य हो रहा है वहीं दूसरी ओर शासन को लाखों रूपये के राजस्व की हानि भी हो रही है।
प्राकृतिक संपदा की मचाये हैं लूट
क्षेत्र का यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके है जिसमें यह बात सामने आ चुकी है किसी तरह की प्रशासनिक स्वीकृति लेना भू-माफिया उचित नहीं समझते है और बिना स्वीकृति के ही प्राकृतिक संपदा को लूट रहे है जिससे एक ओर तो प्राकृति को हानि पहुंच रही है वहीं दूसरी ओर शासन को राजस्व की हानि कारित हो रही है। भू-माफिया प्राकृतिक संपदा का दोहन करके मालामाल हो रहे है और रोज नई-नई जगह पर अपना काम चालू कर देते है।
कलेक्टर को नहीं फोन उठाने का समय
उपरोक्त मामले में जब कलेक्टर प्रियंक मिश्रा से उनके मोबाईल नं. पर तीन बार संपर्क करने की कोशिश की गई और मामले में जानकारी लेनी चाही गई तो इनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया।
इस संबन्ध में संदीप ठाकुर, नायब तहसीलदार, उमरियापान का कहना है कि आपके द्वारा इस संबंध में जानकारी दी गई। कल ही मौका मुआयना किया जायेगा।

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