ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग गुरुवार, 27 अप्रैल 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 27 अप्रैल 2023

🌊 आप सभी देशवासियों को गंगा सप्तमी के पावन अवसर की हार्दिक शुभकामनाएं।।
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है।और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
🌤️ मास – वैशाख मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – सप्तमी 01:38 PM तक उसके बाद अष्टमी
✏️ तिथि स्वामी – सप्तमी तिथि के देवता हैं चित्रभानु। सप्तमी तिथि को चित्रभानु नाम वाले भगवान सूर्यनारायण का पूजन करने से सभी प्रकार से रक्षा होती है।
💫 नक्षत्र – पुनर्वसु 07:00 AM तक उसके बाद पुष्य
🪐 नक्षत्र स्वामी – पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति है। तथा नक्षत्र के देवता देवी अदिति।
📣 योग-धृति योग 08:47 AM तक, उसके बाद शूल योग
प्रथम करण : वणिज – 01:38 पी एम तक
द्वितीय करण : विष्टि – 02:49 ए एम, अप्रैल 28 तक
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 03:33:00 से 05:08:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 1:30 से 3:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:34:00 AM
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:26:00 PM
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:17 ए एम से 05:01 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 04:39 ए एम से 05:44 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:53 ए एम से 12:45 पी एम
विजय मुहूर्त : 02:31 पी एम से 03:23 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:52 पी एम से 07:14 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 06:54 पी एम से 07:59 पी एम
💧 अमृत काल : 02:43 ए एम, अप्रैल 28 से 04:30 ए एम, अप्रैल 28
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:57 पी एम से 12:40 ए एम, अप्रैल 28
🌸 गुरु पुष्य योग : 07:00 ए एम से 05:43 ए एम, अप्रैल 28
सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन
💦 अमृत सिद्धि योग : 07:00 ए एम से 05:43 ए एम, अप्रैल 28
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-गंगा स्नान कर मां गंगा में दीपदान करें। (गंगा स्नान के अभाव में किसी पवित्र नदी में स्नान कर दीपदान करें)
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार -श्री गंगा सप्तमी/सर्वार्थसिद्धि योग/ गुरु पुष्य अमृत योग/ मुमताज महल जयन्ती, फिलिप एबेलसन, मणिभाई भीमभाई देसाई जन्मोत्सव, जयदेव देसाई जन्म दिवस, प्रसन्ना कुमार पटसानी जन्म दिवस, हरीश रावत एवं फैसल सैफ जयंती
✍🏼 विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सप्तमी तिथि एक शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देवता हैं। यह सप्तमी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह सप्तमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
वास्तु के अनुसार एक आदर्श मकान का मेनगेट सिर्फ पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। वहीं आपके घर का ढलान पूर्व, उत्तर या पूर्व-उत्तर (इशान कोण) की और होना शुभ माना गया है। इस तरह वास्तु के अनुसार घर के कमरे, हॉल, किचन, बाथरुम और बेडरुम एक खास दिशा में होने चाहिए। जिससे घर में वास्तुदोष नहीं होता और लोग सुखी रहते हैं।
घर में कौन सी चीजें शुभ होती है? आप चांदी, पीतल या कांसे की धातु से बना कछुआ घर में रख सकते हैं. इससे तरक्की के रास्ते खुलते हैं. घर में चांदी का हाथी रखना भी बेहद शुभ माना जाता है. इससे व्यापार और नौकरी में तरक्की मिलने की मान्यता है।
सुबह उठते ही मुख्य द्वार पर क्या करना चाहिए? घर के प्रवेश द्वार पर ओम, श्री गणेश, मां लक्ष्‍मी के चरण चिन्‍ह और शुभ-लाभ के प्रतीक चिह्नों को लगाएं। इससे आपके घर में सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होगा और नकारात्‍मक ऊर्जा का क्षय होगा। ख्‍याल रखें कि सुबह जब भी मुख्‍य द्वार खोलें तो सर्वप्रथम इन प्रतीक चिन्‍हों को प्रणाम करें, इसके बाद ही द्वार खोलें।
▶️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
सीमन्तोन्नयन संस्कार में गर्भस्थ बालक का पिता मंत्रोच्चारण करते हुए शास्त्रवर्णित वनस्पतियों द्वारा गर्भिणी पत्नी से सिर की माँग (सीमंत) निकालना आदि क्रियाएँ करते हुए यह वेद – मंत्र बोलता है :
ॐ येनादिते: सीमानं नयति प्रजाप्तिर्महते सौभगाय |
तेनाहमस्यै सीमानं नयामि प्रजामस्यै जरदष्टिं कृणोमि ||
जिस प्रकार प्रजापति ने देवमाता अदिति का सीमन्तोन्नयन किया था, उसी प्रकार इस गर्भिणी का सीमन्तोन्नयन करके इसकी संतान को मैं जरावस्था तक दीर्घजीवी करता हूँ |
तत्पश्यात गर्भिणी को यज्ञावशिष्ट पर्याप्त घीयुक्त खिचड़ी खिलाने का विधान है | अंत में इस संस्कार के समय उपस्थित वृद्ध महिलाएँ गर्भिणी को सौभाग्यवती होने और उत्तम, स्वस्थ व भगवदभक्त संतानप्राप्ति के आशीर्वाद देती हैं |
पाश्यात्य अन्धानुकरण में पडकर सीमन्तोन्नयन संस्कार के स्थान पर ‘बेबी शॉवर’ नामक पार्टी करके केवल बाह्य मौज-मजा में न कपं बल्कि सनातन संस्कृति के अनुसार शिशु को दिव्य संस्कारों से संस्कारित करें |
इस समय गर्भस्थ शिशु शिक्षण के योग्य हो जाता है | अत: आचरण – व्यवहार, चिंतन-मनन शास्त्रानुकूल हो इस बात का गर्भिणी को विशेष ध्यान रखना चाहिए | उसे सत्शात्रों, ब्रह्मवेत्ता महापुरुषों के जीवन-प्रसंगो व उपदेशों पर आधारित सत्साहित्य का अध्ययन करना चाहिए | सत्संग-श्रवण, ध्यान, जप आदि नियमित करना चाहिए | घर में ब्रह्मवेत्ता महापुरुषों के श्रीचित्र अवश्य हों, अश्लील व भयावह तस्वीरें बिल्कुल न लगायें |
🍶 आरोग्य संजीवनी 🍻
कुछ औषधीय प्रयोग
बवासीर : हल्दी को देशी गाय के घी में घिसकर बवासीर पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है |
आँख आना : एक भाग हल्दी को 20 भाग पानी में उबाल के काढ़ा बना लें एवं छान के ठंडा कर लें | इसकी 2 – 2 बूँदे आँख में दिन में दो बार डालें | इस ठंडे काढ़े में भीगे हुए सूती कपड़े से आँखों को ढकें | इससे आँख कि वेदना कम होती है तथा कीचड़ आना भी कम होता है |
सुजाक रोग में : इसमें पेशाब गाढ़ा, वेदनायुक्त, बार-बार और थोडा-थोडा होता है | 200 मि.ली. पानी में 2 ग्राम हल्दी और 6 ग्राम आँवला चूर्ण मिलाकर धीमी आँच पर उबालें | पानी आधा शेष रहने पर छानकर गुनगुना पियें | इससे पेशाब की जलन कम होती है, पेशाब व मल साफ़ आने लगते हैं |
चोट एवं मोच होने पर : गिरने अथवा किसी प्रकार से अंदरूनी चोट पहुँची हो तो 1 – 2 ग्राम हल्दी को गुड़ के साथ खाने से अथवा दूध में हल्दी डालकर उबाल के लेने से दर्द में राहत मिलती है | अंदरूनी चोट व मोच पर हल्दी का गर्म लेप करने से भी लाभ होता है | चोट लगकर रक्तस्त्राव हो रहा हो तो हल्दी का चूर्ण लगाने से बह तुरंत बंद हो जाता है, घाव जल्दी भर जाता है व विषाणुओं के संक्रमण से रक्षा भी होती है |
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
आचार्य श्री गोपी राम ने जीवन को कैसे सफल बनाया जाए इस विषय पर बड़ी गहराई से सोच-विचार किया था और उन्हें श्लोक के रूप में उसे संकलित किया है। हमारे इस भाग में आइए जानते हैं कि व्यक्ति को तप पढ़ाई और युद्ध में कैसे रहना चाहिए।
श्लोक:
एकाकिना तपो द्वाभ्यां पठनं गायनं त्रिभिः ।
चतुर्भिगमन क्षेत्रं पञ्चभिर्बहुभि रणम् ।।
इस श्लोक का अर्थ है कि व्यक्ति को तप हमेशा एकांत और अकेले करना चाहिए, पढ़ाई के समय दो साथी होने चाहिए. गाने में 3 लोगों का होना जरूरी है, कहीं जाते समय चार लोगों होने चाहिए. खेत में 5 लोगों होने जरूरी है और युद्ध के दौरान अनेक सैनिकों की आवश्यकता होती है।
व्याख्या:- इस श्लोक के माध्यम से आचार्य श्री गोपी राम बता रहे हैं कि तप अर्थात तपस्या हमेशा अकेले और एकांत में करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि सांसारिक जीवन में कभी मन एकाग्रित नहीं किया जा सकता. इसके लिए एकांतवास और अकेला रहना बहुत जरूरी होता है. पढ़ाई के समय 2 छात्रों को एक साथ पढ़ना चाहिए जिससे किसी भी सवाल पर अगर कठिनाई हो तो उसे हल किया जा सके. गाते समय तीन लोगों का होना जरूरी है क्योंकि इससे लय अधिक मधुर हो जाती है. कहीं जाते समय चार लोग जरूर होने चाहिए. इससे यात्रा सुगम हो जाती है. साथ ही वास्तु शास्त्र‌ में भी यह बताया गया है कि कभी भी तीन लोगों को एक साथ घर से नहीं निकलना चाहिए ऐसा करना अशुभ होता है. इसके बाद हमने ये बताया है कि खेत में कम से कम पांच व्यक्ति जरूर होने चाहिए. इससे खेती का काम अधिक जल्दी पूरा हो जाता है. अंत में आचार्य बताते हैं की युद्ध में एक राष्ट्र या राज्य की रक्षा केलिए अनेक सैनिकों की आवश्यकता होती है. इससे विजय होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. जो व्यक्ति आचार्य श्री गोपी राम की इन बातों को समझ लेता है वह सफलता की राह पर अपने आप चलने लगता है।
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⚜️ सोमवार और शुक्रवार कि सप्तमी विशेष रूप से शुभ फलदायी नहीं मानी जाती बाकी दिनों कि सप्तमी सभी कार्यों के लिये शुभ फलदायी मानी जाती है। सप्तमी को भूलकर भी नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये तथा ताम्बे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिये। सप्तमी को फलाहार अथवा मीठा भोजन विशेष रूप से नमक के परित्याग करने से भगवान सूर्यदेव कि कृपा सदैव बनी रहती है।
शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म सप्तमी तिथि में होता है, वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। इस तिथि में जन्म लेनेवाला जातक गुणवान और प्रतिभाशाली होता है। ये अपने मोहक व्यक्तित्व से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की योग्यता रखते हैं। इनके बच्चे भी गुणवान और योग्य होते हैं। धन धान्य के मामले में भी यह व्यक्ति काफी भाग्यशाली होते हैं। ये संतोषी स्वभाव के होते हैं और इन्हें जितना मिलता है उतने से ही संतुष्ट रहते हैं।

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