धार्मिकमध्य प्रदेश

होलिका दहन के बाद जमकर उड़ा रंग गुलाल

रिपोर्टर : प्रशांत जोशी
देवरी । वर्ष भर जिस होली के त्यौहार की सनातनी परिवारों को प्रतीक्षा रहती है रंगों के इस त्यौहार का सनातन संस्कृति में बड़ा महत्व है होली का पावन पर्व हमारे जीवन में प्रेम, सौहार्द, और आनंद के रंग भरने का अवसर है। ग्राम पंचायत नयाखेड़ा में होलिका दहन के बाद अगले दिन सुबह को होली मिलन समारोह का कार्यक्रम किया जाता है जिसमें सभी ग्रामवासी ग्राम पटेल चतुरविहारी रघुवंशी के घर पर एकत्रित होकर सब गिले सिकवे भूलकर एक दूसरे को गले लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हुए रंग गुलाल लगाते हैं इसके बाद अनरय वाले परिवारों के घर पहुंचकर गुलाल लगाकर शोक संवेदना व्यक्त करते हैं एवं ब्रह्मलीन आत्मा को शांति मिले ऐसी भगवान से प्रार्थना करते हुए सामूहिक देसी गायन फाग गीतों का आनंद लेते हैं।
घरों-घर भरता वाटियां बनने की परंपरा
रात्रि में होलिका दहन ,होलिका की विशेष पूजन और सुबह होलीका की अग्नि से घरों-घर दाल, भरता, वाटियां, बनने की बरसों पुरानी परंपरा आज भी ग्राम पंचायत नयाखेड़ा में चल रही है एवं बड़े बुजुर्गों के यहां पहुंच कर रंग गुलाल लगाकर आशीर्वाद लेने और हम उम्र लोगों के साथ गले मिलने और गिले शिकवे दूर करने की परंपरा आज भी बनी हुई है।
बच्चों एवं युवाओं में दिखा अति उत्साह
रंगों के महापर्व को एवं सनातन संस्कृति परंपरा को लेकर बच्चों एवं युवाओं में अपार आनंद तथा उत्साह देखा गया जहां युवाओं और बच्चों ने अलग-अलग टोलियां बनाकर पिचकारी एवं गुब्बारे में रंग भरकर हंसी-खुशी किलकारियों के साथ विभिन्न मार्गो में खूब जमकर एक दूसरे पर रंग बरसाए एवं सनातन संस्कृति एवं बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होलिका दहन और रंगों के त्यौहार की एक दूसरे को गले लगा कर शुभकामनाएं दीं।

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