बारिश से तबाही के बाद फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, स्टेट हाईवे-15 पर किया चक्काजाम
तीन घंटे तक रुका रहा यातायात, प्रशासन मौके पर पहुंचा।
सिलवानी। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में तबाही का मंजर देखने को मिला। मंगलवार को आई तेज बारिश और बाढ़ से सिलवानी तहसील के ग्राम पड़रिया खुर्द में कई कच्चे मकान जमींदोज हो गए। नदी के उफान के चलते बाढ़ का पानी ग्रामीणों के घरों में घुस गया, जिससे ना केवल मकान क्षतिग्रस्त हुए बल्कि घरों में रखा खाद्यान्न, नगद राशि, महत्वपूर्ण दस्तावेज और बच्चों की मार्कशीट भी बह गई।
प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही और समय पर मदद न मिलने के कारण उन्हें सड़क पर उतरने को मजबूर होना पड़ा। बुधवार को स्टेट हाईवे-15 पर पड़रिया खुर्द चौराहे पर तीन घंटे तक चक्का जाम कर प्रदर्शन किया गया। जाम के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
ग्राम निवासी वैशाली कुशवाहा की पुत्री बाढ़ के तेज बहाव में बहते-बहते बची। ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं कमलाबाई और पहलाद कुशवाहा सहित अन्य ग्रामीणों को चोटें आई हैं। गांव में कच्चे और पक्के मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सिलवानी एसडीएम पीसी शाक्य, तहसीलदार सुधीर शुक्ला, एसडीओपी अनिल मौर्य तथा बम्होरी थाना प्रभारी प्रीतम सिंह राजपूत पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं जनपद सीईओ नीलम रैकवार और नायब तहसीलदार महेंद्र सिंह राजपूत ने भी ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया।
ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक प्रशासन मौके पर आकर सर्वे नहीं कराता और मुआवजा राशि की घोषणा नहीं होती, वे चक्काजाम नहीं हटाएंगे। उनका कहना है कि उनकी गृहस्थी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है, और उन्हें तत्काल राहत और मुआवजा चाहिए।
*प्रशासन ने दिया भरोसा, तब जाकर खुला हाईवे*
एसडीएम पीसी शाक्य ने ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें भरोसा दिलाया कि राजस्व नियमों के तहत धारा 6(4) के अंतर्गत तत्काल सर्वे कराया जाएगा और उचित मुआवजा राशि सीधे उनके खातों में भेजी जाएगी। प्रशासन के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने चक्का जाम समाप्त किया और यातायात पुनः बहाल हुआ।



