मध्य प्रदेश

पांच दिनों में करना होगा बिलों का भुगतान, वरना लैप्स हो जाएगा बजट, जिला शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट

अकेले खेल सामग्री के लिए एक स्कूल में आते हैं 25 हजार रुपये
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन।
जिले के शासकीय हाई स्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल में लाखों का बजट लैप्स होने की कगार पर है।दरअसल इन सरकारी स्कूलों ने शासन की ओर से अलग- अलग मद के बजट की राशि को खर्च नहीं किया है। वहीं दूसरी और शासन की ओर से शासन ने 30 जून तक स्कूल के सभी बैंक खातों को शून्य करने के आदेश जारी कर दिया है।
भले ही चाहे शिक्षा विभाग ने 25 जून तक का समय दिया है।लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रायसेन 20 जून तक रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए। यानी अब प्राचार्यों को 7 दिनों का समय बचा है। वैसे तो अलग-अलग मद की राशि होती है।लेकिन अकेले हरेक स्कूलों में खेल सामग्री खरीदी के लिए 25 हजार का बजट जारी होता है। हालांकि अब तक इन हाई, हायर सेकंडरी स्कूलों में खेल सामग्री की राशि को लेकर शासन से आए नए फरमान के कारण अब स्कूल प्राचार्य इन खातों की राशि अब शून्य करने में जुट गए हैं। स्कूल के खेल सामग्री के खातों में लाखों रुपए की राशि फंस गई है। जिस कारण साल में दो बार 2 से 3 लाख रुपये की जमा होती है।
डीईओ कार्यालय के इस आदेश से बढ़ी परेशानी
जिला शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूल प्राचार्यों को पत्र जारी किया गया है। जिसमें यह बताया गया है कि एक जुलाई से राज्य स्तर से जिले स्तर की एजेंसियों को विभिन्न प्रकार की जारी होने वाली राशियों की प्रक्रिया में परिवर्तन किया जा रहा है। जिस कारण जिले स्तर के सभी तरह के बैंक खातों की 30 जून की स्थिति में शेष राशि को राज्य स्तर के एक बैंक खाते में अंतरित किया जा रहा है। सभी लंबित भुगतान 20 जून तक करने को कहा गया है।
अब चल रहा है चैक का खेल
प्राचार्यों द्वारा जारी होने वाली राशि के बाद अगर कोई भी राशि जाती है तो इसके लिए नियमों का पालन करना होता है। खरीददारी करने के लिए भंडारण क्रय नियमों का पालन करना होता है। मौजूदा समय में चैक जारी करने का सिलसिला जारी है। जिसके चलते बजट खर्च करने की तैयारी की जा रही है।
खेल सामग्री का ऐसे होता है क्रय
सरकारी स्कूलों को जिला शिक्षा विभाग की खेल नीति के तहत हर साल 25 हजार रुपये दिए जाते हैं। यह राशि खेल ग्राउंड को दुरुस्त करने के अलावा खेल सामग्री खरीदी के लिए दी जाती है। खेल सामग्री खरीदी के लिए शाला विकास समिति के माध्यम से प्रस्ताव पारित कराना पड़ता है।
इस संबंध में आनंद शर्मा प्रभारी डीईओ रायसेन का कहना है कि शासन की ओर से जारी होने वाली राशि की प्रक्रिया में परिवर्तन हो रहा है। इस कारण सभी बैंक खातों की राशि अंतरित की जा रही है। स्कूलों को यदि भुगतान शेष रह गया हो तो समय अवधि को पूरा करने के लिए कहा गया है।

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