मध्य प्रदेश

रिश्वतखोर रोजगार सहायक की सेवा शीघ्र होगी समाप्त

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया उमरियापान
उमरिया पान।
जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत पचपेड़ी मैं पिछले दिनों लोकायुक्त टीम ने रोजगार सहायक कमलेश मेहरा को 2 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। लोकायुक्त की कार्यवाही से सरकारी महकमे में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है। वही उक्त मामले में सीईओ जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा विनोद पांडे ने रोजगार सहायक को तत्काल प्रभाव से जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा अटैच कर दिया है। रोजगार सहायक कमलेश मेहरा के द्वारा ग्राम पंचायत पचपेड़ी में लंबे समय से भ्रष्टाचार किया जा रहा था जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा अनेकों बार जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा से लेकर जिला पंचायत कटनी तक की गई लेकिन कार्यवाही नहीं की गई। वही जब इस संबंध में सीईओ जिला पंचायत जगदीश चंद्र गोमें से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जैसे ही लोकायुक्त पुलिस का पत्र हमें प्राप्त होता है उसके बाद रोजगार सहायक को बर्खास्त कर दिया जाएगा । क्योंकि रोजगार सहायक का पद कोई नियमित पद नहीं है इसलिए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने की स्थिति में उसे कोर्ट मैं चालान प्रस्तुत होने के पूर्व ही बर्खास्त किया जा सकता है।
यह था मामला
ग्राम पकरिया निवासी कालीचरण पिता अमृतलाल लोधी उम्र 49 वर्ष को प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी किस्त जारी करने के लिए रोजगार सहायक कमलेश पिता प्रभुदयाल मेहरा उम्र 44 वर्ष 5 हजार रुपए की मांग कर रहा था कालीचरण ने जब रुपए नहीं दिए तो कमलेश मेहरा ने उसका काम रोक दिया जिससे परेशान होकर कालीचरण रिश्वत देने के लिए तैयार हो गया और पहली किस्त के रूप में ₹2 हजार रुपए देने का सौदा हुआ था। लोकायुक्त पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से ₹2 रुपए देकर रोजगार सहायक के पास भेजा था और जैसे ही उसके द्वारा रिश्वत ली गई वैसे ही पंचायत के बाहर खड़ी लोकायुक्त टीम के द्वारा रोजगार सहायक को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मामला दर्ज किया गया।

आरोपी रोजगार सहायक कमलेश मेहरा

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