मध्य प्रदेश

पहली बार ऐसी सरकार बनी जिसने पिछड़ा वर्ग के 27 मंत्री बनाए जो 15 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं: कृष्णा गौर

मोदी मंत्रिमंडल में अभूतपूर्व प्रतिनिधित्व के लिए पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने जताया मोदी जी का आभार

रायसेन। भाजपा जिला कार्यालय रायसेन में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायिका श्रीमती कृष्णा गौर ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस वार्ता में सर्वप्रथम जिलाध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश किरार ने प्रेस वार्ता की मुख्य वक्ता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती कृष्णा गौर को गुलदस्ता प्रदान कर स्वागत किया और पिछड़ा वर्ग जिलाध्यक्ष विनोद साहू ने समस्त अतिथियों का फूल माला से स्वागत किया। प्रेस वार्ता के तत्पश्चात वृक्षारोपण भी किया।
श्रीमती कृष्णा गौर ने पत्रकारों से कहा कि जब प्रदेश में जिलों में पत्रकार वार्ता करने जाने के लिए जिलों का चयन हो रहा था तो मैंने स्वयं रायसेन जिला मांगा मेरा इस जिले से पहले से लगाव रहा है 5 वर्ष तक यहां प्रभारी रही हूं मैंने सोचा यहां पर मैंने पारिवारिक भावना के आधार पर काम किया था यहां पहुंचेंगे तो यहां के पत्रकारों और कार्यकर्ताओं से एक बार फिर मुलाकात हो सकेगी हाल ही में मंत्रिमंडल विस्तार में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के 2 वर्ष पश्चात पहली बार कैबिनेट में ऐतिहासिक मंत्रिमंडल का विस्तार किया जिसमें 43 मंत्रियों ने शपथ ली 15 कैबिनेट मंत्री और 28 राज्य मंत्री बने अब मोदी मंत्रिमंडल का आकार 53 से बढ़कर 77 हुआ हम यह कह सकते हैं कि 77 मंत्रियों से सजी यह सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब देश की दिशा तय करने जा रही है। इसे प्रधानमंत्री जी की ड्रीम टीम भी कहा जा रहा है सबसे बड़ी विशेषता यह है कि देश की आजादी के बाद बनी यह पहली सरकार है जिसने दलित समुदाय को आदिवासी समुदाय को एवं पिछड़ा वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है । आजादी के 75 वर्षों में अनेकों सरकारें बनीं लेकिन किसी भी सरकार ने उक्त समुदाय के इतने लोगों को प्रतिनिधि नहीं दिया हम जानते हैं कि हमारे देश में हर वर्ग हर समुदाय यह चाहता है कि उनकी जाति के अनुपात के हिसाब से उन्हें प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए । समय-समय पर यह मांग लगातार उठती रही। और हमने यह देखा कि इन समाजों में इन जातियों में मांग तो बराबर उठी लेकिन पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने का काम किसी भी सरकार ने नहीं किया अगर हम ओबीसी पिछड़ा वर्ग की बात कहें तो इस समुदाय की जनसंख्या देश में 52% से भी अधिक है लेकिन इतनी बड़ी आबादी होने के बाद भी जितनी संख्या में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए था किसी भी सरकार ने नहीं दिया।
पिछड़ा वर्ग समुदाय की चिंता नहीं की वोट लेने के लिए उनका इस्तेमाल किया
श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा कि पिछली सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि आजादी के बाद स्वतंत्र भारत में 15 प्रधानमंत्री हुए 15 सरकारों ने हमारे देश में आकार लिया और पहले की सरकारों को छोड़ दें तो मध्यवर्ती सरकारें तो जातिगत आधार पर ही बनी थी बावजूद इसके उन्होंने वोट तो बटोरे लेकिन पिछड़ा वर्ग समुदाय की चिंता नहीं की वोट लेने के लिए उनका इस्तेमाल किया अगर हम राष्ट्रीय राजनीति में देखें तो कुछ क्षेत्रीय दल तो जातिगत आधार पर ही उदय हुए उनका जन्म ही जातिगत आधार पर हुआ चाहे वह बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी हो राष्ट्रीय जनता दल हो यह राजनीतिक दल थे जिन्होंने जातिगत आधार पर लाभ तो लिया लेकिन कभी भी इन वर्गों की चिंता नहीं की। लेकिन वर्ष 2014 में देश में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी, और मोदी जी ने प्रधानमंत्री की शपथ ली तो सबसे पहले उनका नारा यही था कि सबका साथ सबका विकास । उन्होंने कहा कि इस देश में रहने वाले हर वर्ग की चिंता हमें करनी है चाहे आदिवासी हो दलित हो सामान्य वर्ग हो या पिछड़ा वर्ग हो सबकी चिंता हमें करनी है। इसीलिए उन्होंने सारे वर्गों के लोगों को साथ लेकर देश को आगे बढ़ाने की बात कही। प्रधानमंत्री को भी इस बात का एहसास हो गया कि देश में निवासरत आबादी का 52% से अधिक हिस्सा पिछड़ा वर्ग समुदाय से आता है और उन्होंने भी यह महसूस किया कि इतनी बड़ी आबादी को प्रतिनिधि अनुपात के हिसाब से नहीं मिला और यही कारण था कि वर्ष 2017 में उन्होंने अपनी सरकार के साथ 623 वा संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया और उसके बाद राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान की और उसे संवैधानिक अधिकार का दर्जा भी दिया।
एक बड़ी उपलब्धि देश में निवास करने वाली 52% आबादी को मिली
उन्होंने पिछली सरकारों के कार्यकाल पर चुटकी लेते हुए कहा कि हमने देखा पिछली सरकारों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग तो बनाया था वह भी इसलिए के पिछड़े वर्ग के वोट हासिल कर सकें एक लॉलीपॉप दिया कि हमने आपको पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया। लेकिन उस आयोग को कभी भी संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया एक तंत विहीन आयोग कैसे काम कर सकता था जिस पर पास काम करने के अधिकार ही ना हो। प्रधानमंत्री जी ने यह तय किया कि हम राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भी बनाएंगे और उसे संविधानिक दर्जा भी देंगे और इसीलिए उन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा भी दिया जिसका लाभ देश की पिछड़ी जातियों को मिला। एक बड़ी उपलब्धि देश में निवास करने वाली 52% आबादी को मिली। और अभी हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में चाहे वह दलित समुदाय हो पिछड़ा वर्ग हो या आदिवासी समुदाय हो सब को पर्याप्त के प्रतिनिधि देने का काम किया उन्होंने दलित समुदाय के 12 आदिवासी समुदाय के 8 और पिछड़ा वर्ग के 27 मंत्री बनाए। पिछली सरकारें भी इन वर्गों को प्रतिनिधित्व देती थी लेकिन ऐसा प्रतीत होता था जो ऊंट के मुंह में जीरा। जो जातियां सामने होती थी उन्हें ही प्रतिनिधि तो मिलता था लेकिन देश में पहली बार ऐसी सरकार बनी जिसने पिछड़ा वर्ग के 27 मंत्री बनाए जो 15 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसमें 19 जातियों का समावेश है के 19 जातियां पिछड़े वर्ग की 27 मंत्रियों के रूप में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी जो हमारे लिए भी और पिछड़ा वर्ग समुदाय के लिए बड़े गौरव की बात है हर जाति अपने आप में गौरवान्वित महसूस कर रही है कि उनकी जाति का व्यक्ति संसद में बैठा है सिर्फ पिछड़ा वर्ग से ही नहीं अगर दलित समुदाय के 12 मंत्री बनाए हैं तो वह भी अलग-अलग जातियों से बनाए गए हैं और 8 आदिवासी समुदाय से जो मंत्री बनाए गए हैं वह भी अलग-अलग जातियों से हैं मंत्रिमंडल विस्तार में जो सोशल इंजीनियरिंग हुई है अद्भुत है इन जातियों का प्रतिनिधित्व देश की सरकार में हो और आज देश की सभी पिछले वर्ग जातियां दलित आदिवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय की प्रशंसा कर रही हैं और अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
इस मौके पर पूर्व विधायक रामकिशन पटेल, पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिलाध्यक्ष विनोद साहू, प्रदेश मंत्री पिछड़ा वर्ग मोर्चा रामकिशोर नंदवंशी, रामकुमार साहू, जिला मीडिया प्रभारी हरि साहू, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जमना सेन, शिवराजसिंह कुशवाहा, रायसेन नगर मंडल अध्यक्ष आदित्य शर्मा, संचेत मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र बघेल, मिट्ठू धाकड़, कपिल पटेल, अशोक राठौर समेत प्रिंट एवं इलेक्ट्रिक मीडिया के पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।

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