साल की आखिरी : शनिश्चरी अमावस्या और साल का अंतिम सूर्यग्रहण पड़ेगा, एक ही दिन 4 दिसंबर को पहुंचाएगा लाभ
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। इस साल की अंतिम शनिश्चरी अमावस्या और आखिरी सूर्य ग्रहण के साथ 4 दिसंबर शनिवार को पड़ रहा है। दरअसल इस बार की शनिश्चरी अमावस्या खास होगी। क्योंकि इस दिन चतुर्थग्रही योग वृश्चिक राशि में योग बन रहा है। चन्द्रमा, सूर्य और बुध और केतु एक साथ वृश्चिक राशि में रहेंगे। इसके कारण रोजगार के अवसर बनेंगे। शासन-प्रशासन में सख्ती देखने को मिलेगी। हाल ही में सबसे लंबी अवधि वाला चन्द्र ग्रहन लगा था। इस खगोलीय घटना के 15 दिन बाद अब शनिवार 4 दिसंबर शनिवार को यह 2021 का सबसे बड़ा दूसरा सूर्यग्रहण पड़ेगा। इसमें खास बात तो यह है कि इसका प्रभाव वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र तथा ज्येष्ठा नक्षत्र में सबसे अधिक रहेगा। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 3 दिसंबर शुक्रवार को शाम 4.45 बजे से होगा, जो शनिवार 4 दिसंबर को दोपहर 1.12 बजे तक रहेगा।
सूर्यग्रहण का यह रहेगा समय…..
4 दिसंबर दिन शनिवार सुबह 10.59 बजे से लेकर दोपहर 3.07 बजे तक सूर्यग्रहण का समय रहेगा।
कहाँ-कहाँ देखा जा सकेगा सूर्यग्रहण….
यह सूर्यग्रहण भारत देश के किसी भी जगह पर दिखाई नहीं देगा। लेकिन आस्ट्रेलिया, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका, मोरोसिस में इस सूर्यग्रहण को देखा जा सकेगा।
शनि पीड़ित जातक ये करें उपाय….
नवग्रह शनि मंदिर धाम के पण्डित राजू जोशी ने बताया कि जिन जातकों की राशि में शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया, शनि की महादशा या अंतर्दशा विपरीत चल रही है। वे जातक शनिश्चरी अमावस्या के रोज पीपल के पेड़ तथा शमी वृक्ष की पूजा के साथ दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।साथ ही सरसों के तेल के दान के साथ। साथ ही सरसों की खली पीना का तुलादान करें तो लाभ होगा।
शनि मंदिरों में लगेगी पूजन दर्शन की भीड़…..
नवग्रह शनिदेव मन्दिर श्रीराम लीला ग्राउंड के नजदीक, शनि मंदिर दशहरे मैदान सहित बरेली, उदयपुरा, देवरी, सिलवानी, गैरतगंज, बेगमगंज आदि क्षेत्र के भगवान शनिदेव महाराज के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजन दर्शन के लिए लगेगी।
सूर्यग्रहण के समय शनिश्चरी अमावस्या का संयोग शनि से पीड़ित जातकों को फायदा होगा। ज्योतिषाचार्य हर्ष वर्धन सोलंकी के अनुसार सूर्यग्रहण मार्गशीष मास की शनिश्चरी अमावस्या को लग रहा है।