मध्य प्रदेश

सुल्तानगंज के युवक की जिद से हिंदी में बनी कोरोना की वेबसाइट

  • कोरोना काल में हिन्दी का झंडा बुलंद किया। पोर्टल पर 800 से अधिक शिकायतें और 300 आरटीआई आवेदन लगा चुके हैं।

रिपोर्टर : सत्यवन गोस्वामी, सुल्तानगंज ।
सुल्तानगंज ।
भारत सरकार में कार्यरत अधिकारी अंग्रेजी की सेवा में अंग्रेजों से भी आगे हैं, इसलिए भारत सरकार की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था अंग्रेजी में संचालित की जाती है और यह बात जगजाहिर है। हर सरकारी योजना और ऑनलाइन सेवा में भारत सरकार के अधिकारी अंग्रेजी थोपने से बाज नहीं आते हैं।
कोरोना काल में भी भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय अंग्रेजों को खुश करने के लिए 100 प्रतिशत कामकाज अंग्रेजी में कर रहा है। इस वैश्विक महामारी से बचने के सभी उपाय, दिशा-निर्देश, मोबाइल एप, वेबसाइट आदि केवल अंग्रेजी में तैयार कर जनता को परोसे जा रहे हैं।
कोरोना संक्रमण, वैक्सीनेशन की अंग्रेजी में बनी वेबसाइट देश के आम नागरिकों की समझ से परे है। जबकि इसकी जानकारी हर एक व्यक्ति तक पहुंचे और वो इसे समझ सके, यह जरूरी है। इसके लिए रायसेन जिले के कस्बा सुल्तानगंज निवासी और वर्तमान में मुंबई में कंपनी सलाहकार प्रवीण जैन ने मुहिम शुरू की। उन्होंने लगताार शिकायतें और आवेदन कर सरकार को मजबूर किया कि कोरोना संबंधी वेबसाइट हिंदी में बनाई जाएं। अंतत: प्रवीण जैन के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन संबंधी वेबसाइट को हिंदी सहित अन्य 10-12 भारतीय भाषाओं में विकसित करने का निर्णय लिया है।
हिंदी के उत्थान की धुन के पक्के युवा प्रवीण कुमार जैन ने कोरोना काल में भारत सरकार द्वारा भाषाई आधार पर किए जा रहे भेदभाव के विरुद्ध सभी मंत्रालयों को लगातार पत्र लिखे। आरटीआई आवेदन लगाए। अकेले कोरोना काल में ही हिन्दी का झंडा बुलंद करने के लिए प्रवीण जैन लोक शिकायत पोर्टल पर 800 से अधिक शिकायतें और 300 आरटीआई आवेदन लगा चुके हैं।
राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण की वेबसाइट कोविन भी सरकारी बाबुओं ने केवल अंग्रेजी में बनाई थी। आम जनता से किया जा रहा यह भाषाई भेदभाव प्रवीण जैन को रास नहीं आया और इसके विरोध में उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से लेकर राजभाषा विभाग का दरवाजा खटखटाया। शिकायतें अनदेखी की जाती रहीं, पर वे रुके नहीं। 10 शिकायतों और 4 महीने की मेहनत के बाद अंतत: स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने 21 मई को कोविन वेबसाइट को हिंदूी सहित 10-12 भारतीय भाषााओं में शुरू करने की घोषणा की। 04 जून से कोविन वेबसाइट 11 भारतीय भाषाओं में शुरू कर दी गई। वेबसाइट मूल रूप से अभी भी अंग्रेजी भाषा में खुलती है। मुख पृष्ठ पर दाहिने कोने पर भाषा का विकल्प रहता है, जहां अपनी भाषा को चुना जा सकता है।


हिंदी के उत्थान के लिए समर्पित हैं जैन
सुल्तानगंज के मूल निवासी और बाड़ी नवोदयविद्यालय से पढ़े प्रवीण जैन हिंदी के लिए समर्पित हैं। भारतीय भाषाओं की सक्रिय सेवा के लिए उन्हें 2016 में मुंबई में आयोजित वैश्विक हिन्दी सम्मेलन में गोवा की तत्कालीन राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने सक्रिय हिन्दी सेवी नामक पुरस्कार दिया था। इसके बाद 2020 में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर 10 जनवरी 2020 को उत्कृष्ट हिन्दी सेवी सम्मान दिया।
आचार्य से मिली प्रेरणा

प्रवीण जैन ने बताया कि वे 2010 से लगातार भारतीय भाषाओं के प्रसार व प्रयोग को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इसकी प्रेरणा उन्हे आचार्य विद्यासागर महाराज से मिली। उन्हीं का आशीर्वाद है कि अब तक उनके प्रयासों से भारत सरकार की 500 से अधिक वेबसाइटों को हिन्दी में बनाया गया है। अनेक सरकारी संस्थानों के अंग्रेजी प्रतीकों, लोगो को हिन्दी में बदला गया है। यहां तक कि अमेजॉन, फ्लिकार्ट, भीम एप, पेटीएम व फोन पे एप पर भी भारतीय भाषाओं का विकल्प प्रारंभ किया गया। भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी नेट बैंकिंग में 10 भारतीय भाषाओं का विकल्प शुरू किया है।

भारतीय भाषाओं की सक्रिय सेवा के लिए 2016 में मुंबई में आयोजित वैश्विक हिंदी सम्मेलन में प्रवीण जैन को गोवा के तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा सम्मनित करते हुए
2-10 जनवरी 2020 में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर प्रवीण जैन को उत्कृष्ट हिंदी सेवी सम्मान प्रदान करते हुए

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