मनरेगा में भ्रष्टाचार- ग्राम पंचायत गड़ारी में मजदूरो के हक पर डाका

रिपोर्टर : मनीष यादव
पलेरा। सरकार एक तरफ जहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन की बनाई नीति पर काम करने की बात कर रही है। वहीं दूसरी तरफ जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गड़ारी में कार्यरत जिम्मेदार सरपंच-सचिव और रोजगार सहायक की मिली भगत से सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना जमीनी धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है। गांव के मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कर मजदूरों को दूसरे प्रदेश में पलायन से रोकने के लिए चलाई जा रही मनरेगा योजना को सफल बनाने के लिए जिला कलेक्टर विवेक श्रोती के तमाम प्रयासों को ग्राम पंचायत गड़ारी के सरपंच सचिव और रोजगार सहायक ठेंगा दिखा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जमीनी स्तर पर यहां किए गए शासकीय कार्यों की पड़ताल की गई तो मनरेगा योजना में हो रही भ्रष्टाचार की कलई परत दर परत खुलकर सामने आ जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जो ग्रामीण मजदूर गांव में कभी साइड पर नहीं जाते हैं । उनके नाम से साइड पर कार्य करते हुए आनलाइन मास्टरोल में हाजिरी लगा दी जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के विकास के लिए किए जा रहे निर्माण कार्य शासन द्वारा तय किए गए मानकों के विपरीत हो रहा है। गांव के विकास के नाम पर गुणवत्ताहीन घटिया निर्माण कराकर कागजों में लगातार फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। ग्रामीणों ने इस पूरे मामले में जिला कलेक्टर से कार्यवाही किए जाने की मांग की
पलेरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत गडारी में कई काम ऐसे हैं जो मशीनों से किए गए हैं और उन कामों पर मास्टर चलाए गए हैं जैसे सुदूर सड़क निर्माण कार्य जवाहरपुर में कमलापति अहिरवार के घर से अमृत सरोवर तालाब तक डाला जाना है जहां पर सिर्फ कागजों में मज़दूर मजदूरी कर रहे हैं और मशीनों से काम किया गया है कुछ ही दिन पहले सीसी रोड निर्माण कार्य किया गया था जिसकी गुणवत्ता बहुत ही खराब है इसकी सही तरीके से जांच की जाए तो कई कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।