ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में झोलाछाप डाक्टरों की भरमार

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान। ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत गांव-गांव में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से ग्रसित हो। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते है। मरीज की हालत बिगड़ती है तो उसे आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा जिला अस्पताल भेजने की सलाह दे देते है । जबकि यह लापरवाही स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की जानकारी में भी है।
ढीमरखेड़ा विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं । वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधाएं नहीं हैं । इसका फायदा सीधे तौर पर झोलाछाप डॉक्टर उठा रहे हैं । बीमार होने पर झोलाछाप डॉक्टरों से ही इलाज कराना पड़ता है ।
बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते हैं डॉक्टर
झोलाछाप डाक्टरों के पास बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है । बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है । दुकानों के भीतर कार्टून में दवाओं का अवैध तरीके से भंडारण रहता है। ढीमरखेड़ा विकासखंड में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय कर रहे झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रहीं। इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी हैं । गर्मी व तपन बढ़ने के कारण इन दिनो उल्टी, दस्त, बुखार जैसी बीमारियां ज्यादा पनप रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग नहीं करता कार्रवाई झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में अब तक कई लोगों की असमय जान चली गई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं करते। झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं और प्रशासन दूर से ही इन्हें देख रहा है।
केस बिगड़ने पर अस्पताल रैफर कर देते हैं मरीज ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में कुछ वर्षों से फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टरों की वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में कोई मात्र फर्स्ट एड के डिग्रीधारी हैं तो कोई अपने आप को बवासीर या दंत चिकित्सक बता रहा है लेकिन इनके निजी क्लीनिकों में लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज धड़ल्ले से किया जा रहा है ।
ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में उप स्वास्थ्य केंद्र खुले हैं । शासन ने आरोग्यम उप स्वास्थ्य केंद्रों के भवन बनवाकर उन पर रंगरोगन करा दिया लेकिन स्टॉफ की माकूल व्यवस्था नहीं की । जिससे यह यह उप स्वास्थ्य केंद्र बंद रहते हैं। मजबूरन लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ता है।