कोरोना के कारण स्कूलों से बच्चे हुए दूर, शिक्षक पहुंच रहे घर-घर
स्कूल हुए बंद तो आंगन में लगने लगी क्लास
सिलवानी। कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका से सरकारी आदेश के बाद एक बार फिर स्कूलों से बच्चों को दूर कर दिया गया है। शिक्षक तो हर दिन स्कूल पहुंच रहे हैं, लेकिन बच्चे चाहकर भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में शिक्षक खुद मोहल्ला और घर-घर पहुंचकर आंगन में क्लास ले रहे हैं, ताकि बच्चे किताबों से जुड़े रहें। फिलहाल तो 31 जनवरी तक बच्चों को स्कूल न आने के लिए कहा गया है, लेकिन संभव है कि यदि कोरोना महामारी से प्रभावित हो रहे मरीजों की संख्या में कमी न आई तो यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।
बीआरसीसी शैलेन्द्र यादव ने बताया कि राज्य शिक्षा केन्द्र के प्राप्त निर्देश पर कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण सभी शासकीय व अशासकीय कक्षा 1 से 12 तक के संचालित स्कूलों को 31 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। प्रतिदिन एवं नियमित पढ़ाई के लिए बच्चों को घर पर ही स्कूल जैसा माहौल मिले, इस उद्देश्य से शैक्षणिक गतिविधि शुरु की जा रही है। साथ ही विद्यार्थी अपने घर के माहौल में अभिभावक, भाई-बहन के सहयोग से घर पर ही रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें बच्चों के पास सीखने के लिए रेडियो, अभ्यास पुस्तिका के आधार पर लर्निंग पैकेज तैयार किया गया है। हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम की प्रतिदिन गतिविधियों का आर्भ डिजिलेप सामग्री का अध्ययन प्रातः 10 बजे से 11 बजे तक किया जा रहा है। 11 बजे से 12 बजे तक रेडियो स्कूल एवं दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक एटगे्रड अभ्यास पुस्तिका पर कार्य होगा।
शिक्षक द्वारा प्रतिदिन सुबह 10 बजे के पूर्व डिजिलेप सामग्री वॉट्सएप ग्रुप पर उपलब्ध कराना अनिवार्य है। अपने विद्यालय के कम से कम 5 बच्चों से मोबाइल के माध्यम से पढ़ी गई सामग्री के बारे में बताया जाएगा और उसका रिकार्ड रखना होगा। जिन बच्चों के पास मोबाइल उपलब्ध नहीं है, शिक्षक ऐसे 5 बच्चों के घर प्रतिदिन जाकर गृह संपर्क के रूप में हमारा घर हमारा विद्यालय के तहत होने वाली पढ़ाई लिखाई के कार्य की जानकारी लेकर आंकलन कर उनकी शिक्षा से जुड़े विषय में चर्चा कर प्रोत्साहित कर रहे हैं।