मध्य प्रदेश

न रुकने का परिणाम: असंतोष और भ्रष्टाचार की ओर बढ़ते कदम !

दिव्य चिंतन : हरीश मिश्र, लेखक स्वतंत्र पत्रकार
जीवन में कुछ लोग लालच और पैसे की ललक में गलत रास्तों पर चल पड़ते हैं। एक कहावत है, “जैसा को तैसा मिले, मिले ठग को ठग, दाता को दाता मिले, मिले भ्रष्ट को भ्रष्ट।” जीवन में हमें वैसे ही लोग मिलती हैं, जैसे हमारे खुद के विचार और कर्म होते हैं।
आशीष दुबे, रायसेन के एक स्टेशनरी थोक व्यापारी, का यह उदाहरण इसकी पुष्टि करता है। दुबे ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से स्टेशनरी सप्लाई का ठेका पाने के लिए अनैतिक तरीका अपनाने का प्रयास किया। अच्छे दिनों की उम्मीद में, वह योगेंद्र, प्रशांत, और अश्विनी जैसे ठगों के चंगुल में फंस गया, जिन्होंने उससे टेंडर दिलाने के नाम पर दस लाख रुपये ऐंठ लिए। यह घटना न केवल ठगी और भ्रष्टाचार का उदाहरण है, बल्कि यह भी उजागर करती है कि लालच व्यक्ति को जाल में कैसे फंसा देता है। दुबे ने अंततः एम.पी. नगर थाने में इस ठगी की शिकायत दर्ज कराई।
जिस व्यक्ति के जीवन में संतोष का अभाव होता है और धन की भूख होती है, वह ऐसे कार्यों में लिप्त हो जाता है जो न केवल नैतिकता के खिलाफ होते हैं, बल्कि स्वयं उसके लिए भी दुखदाई साबित होते हैं। ऐसे लालची व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त होकर, अनैतिक रूप से लाभ पाने के लिए ठगों के साथ समझौता करने को तैयार रहते हैं।
इस पर विचार करें, यदि आशीष का यह लेन-देन सफल हो जाता, तो क्या किसी को भनक भी लगने देते? ऐसे मामलों में लोग अपने लाभ को प्राथमिकता देते हैं और नैतिकता की अनदेखी करते हैं। उनकी शिकायत तभी सामने आती है, जब वे खुद ठगी का शिकार होते हैं। यह घटना बताती है कि “लालच बुरी बला है” और इसका परिणाम हमेशा सकारात्मक नहीं होता। यह एक जोखिम भरा जुआ है, जिसमें जीतने से ज्यादा हारने के अवसर होते हैं।
एम.पी. नगर थाना पुलिस को आशीष के खिलाफ भी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज करना चाहिए, क्योंकि उनकी मंशा भी उचित नहीं थी। उन्होंने भी अनैतिक कार्य में भाग लेने की कोशिश की, जो समाज में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। यह घटना हमारे समाज में नैतिकता की कमी को उजागर करती है, जहाँ लोग लाभ के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं।
जीवन में संतोष और सही मार्ग का अनुसरण ही स्थायी सुख और सुरक्षा का साधन है। “जो है, जितना है, उसी में संतोष करना चाहिए।” असंतोष और लालच से बचना ही जीवन को सच्चे अर्थों में सफल बना सकता है।

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