मध्य प्रदेश

स्थानीय अधिकारियों की सांठगांठ में चल रहा फर्जी अर्जुन राय का दवाखाना

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया उमरिया पान।
उमरिया पान।
बहुचर्चित मामला अर्जुन राय के द्वारा उमरिया पान के अंधेरी बाग चौराहे के पास फर्जी तरीके से मेडिकल स्टोर की आड़ में फर्जी क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। और गंभीर मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है, जबकि विगत दिनों एसडीएम ढीमरखेड़ा के द्वारा टीम गठित कर उक्त क्लीनिक को सील कर दिया गया था । लेकिन स्थानीय प्रशासन एवं स्थानीय राजनैतिक संरक्षण के चलते अवैध क्लीनिक धड़ल्ले से जारी है। समझ से परे है कि बीएमओ उमरिया पान भी इस फर्जी क्लीनिक को संरक्षण दे रहे हैं क्योंकि यह मामला अनेकों बार समाचार पत्रों के माध्यम से शासन प्रशासन को अवगत कराया गया है कि उक्त फर्जी तरीके से संचालित दवाखाना की कोई भी डिग्री उसके पास उपलब्ध नहीं है। लेकिन सीएमएचओ एवं बीएमओ इसके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे है। क्योंकि इसके पूर्व भी नायब तहसीलदार सुनीता मिश्रा, तत्कालीन बीएमओ डॉक्टर राजेश केवट के द्वारा क्लीनिक को सील किया गया था। लेकिन समझ नहीं आ रहा कि उक्त फर्जी क्लीनिक की सील कब खुली। स्थानीय लोगों के द्वारा बताया गया कि राजनैतिक संरक्षण के चलते उक्त क्लीनिक का संचालक किया जा रहा है इसलिए तो अनेकों बार स्थानीय कर्मचारियों से लेकर जिला प्रशासन तक इस बहुचर्चित फर्जी क्लीनिक का मामला लगातार उठाया जा रहा है। लेकिन ना तो स्थानीय प्रशासन ध्यान दे रहा नाही जिला प्रशासन । क्योंकि इनको बचाने के लिए के स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है इसलिए तो प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा। उमरिया पान सहित पूरे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि स्थानीय नेता कोई भी गलत काम हो बकायदा इनके द्वारा पूरा सहयोग रहता है। अभी हाल में चिटफंड कंपनी के द्वारा संचालित शेखर शाखा समिति का मामला अभी भी सुर्ख़ियों मैं है बार-बार पुलिस प्रशासन द्वारा बताया जाता था की आरोपी अभी फरार हैं जिनकी जगह जगह तलाश की जा रही है और जल्द से जल्द इन चिटफंड कंपनियों के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा लेकिन आरोपियों द्वारा खुद सरेंडर उमरिया पान थाना में किया। लेकिन यहां भी राजनैतिक लोग अपनी अपनी पार्टी का नाजायज फायदा उठाकर इन आरोपियों की जमानत ले गई गई। जबकि यह धोखाधड़ी कर उमरिया पान सहित पचपेड़ी में लोगो को ज्यादा ब्याज का लालच देकर इनसे खाता खुलवाया गया और खाता पूजने पर इनके द्वारा ना तो उनकी जमा पूंजी मिली । तब इन दगाबाज चारों आरोपियों के खिलाफ उमरिया पान में धारा 420 व 34 एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। खाता धारको ने बताया कि 6 जुलाई को चारों आरोपियों ने उमरिया पान थाना आकर सरेंडर किया। खाताधारकों ने बताया कि यह गैर जमानती धारा है लेकिन उमरिया पान पुलिस के द्वारा राजनैतिक दबाव के चलते इन चारों आरोपियों को जमानत दे दी। जोकि यह सरासर गलत है खाताधारकों द्वारा जब वकीलों से पूछा गया कि क्या 420 के प्रकरण में थाना से जमानत मिल सकती है तो वकीलों ने बताया कि यह धारा गैर जमानती है। खाताधारकों ने जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से अपेक्षा की है कि हमारा पैसा दिलवाया जाए या फिर इन लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।

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