खेतों में खुलेआम जल रही धान की पराली, कृषक नियमों से कर रहे खिलवाड
मिट्टी की उर्वरा शक्ति कर रहे खराब, प्रतिबंध के बावजूद नहीं लग पा रही रोक
सिलवानी। विकासखण्ड क्षेत्र में खरीफ सीजन के बाद रबी सीजन की खेती का दौर शुरू हो गया है। कृषकों खेतों को तैयार कर रहे हैं, लेकिन खेतों को तैयार करने कृषक खेतांे में फसल काटने के बाद खेत में आग लगाकर नरवाई अर्थात पराली जला रहे हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषण व मिट्टी की उर्वरा शक्ति खराब हो रही है। जबकि नरवाई जलाने पर रोक लगाई गई है। लेकिन सिलवानी विकासखण्ड के कृषक खेतों में आग लगाकर गेहूं, चने की बोवनी के लिए खेत जलाकर तैयार कर रहे हैं। धान कटने के बाद यह क्रम जोरों से आरंभ हो गया है। रोज जगह जगह खेतों से उठते धुंए एवं आग की लपटों से इसे आसानी से समझा जा सकता है। जबकि फसलों के छूटे अवशेषों को नष्ट करने के लिए कई आधुनिक उपकरण आ गए हैं। इसके बावजूद किसान नरवाई जलाकर ही खेत साफ कर रहे है। जिससे पर्यावरण तो दूषित होता ही है, खेतों के मित्र कीट भी नष्ट होते हैं।