मूंग विक्रय को लेकर किसान चिंतित, 3228 किसानों का पंजीयन, अभी तक मात्र 1607 से खरीदी, 5 दिन शेष
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान। समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी आदिम जाति साख सहकारी समिति झिन्ना पिपरिया में की जा रही है। उक्त केन्द्र में 3228 किसानों ने मूंग खरीदी के लिये पंजीयन करवाया था जिसमें से दिनांक 8 सितम्बर तक मात्र 1621 किसानों को एसएमएस प्राप्त हुये है और इन्हीं किसानों की मूंग खरीदी गई है जबकि अभी भी 1607 किसान ऐसे है जिनके पंजीयन तो हुये है लेकिन अभी तक उन्हें एसएमएस प्राप्त नहीं है जबकि शासन द्वारा एक आदेश जारी करते हुये कहा गया कि कि दिनांक 15.09.2021 तक ही खरीदी गई जायेगी। वहीं भोपाल से रोज 50 किसानों को ही मैसेज किये जा रहे है ऐसे में जो समय अवधि निर्धारित की गई है उसमें मात्र 250 किसानों की मूंग खरीदी जा सकती है इसके बाद भी हजारों की संख्या में किसान अपनी ही मूंग बेचने से वंचित हो जावेंगे। वहीं किसानों ने बताया कि पहले एसएमएस की अवधि 9 दिन की थी किन्तु अचानक ही दिनांक 06.09.2021 को 3 दिन अवधि पीछे कर दी गई जबकि किसानों के मोबाईल पर पूरी अवधि का एसएमएस भी प्राप्त नहीं हुआ है यदि वह मूंग खरीदी से वंचित होते है तो ऐसी स्थिति में उपार्जन केन्द्र में गंभीर स्थिति निर्मित हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर कटनी एवं जिला आपूर्ति अधिकारी को उक्त समस्या से अवगत कराते हुये बताया था कि खरीदी के लिये जो समय सीमा निर्धारित की गई है वह कम है और ऐसे में पूरे किसानों की मूंग की तुलाई नहीं हो पायेगी और वे मूंग बेचने से वंचित हो जावेंगे। लिहाजा खरीदी की समय सीमा बढ़ाई जाये। इस दौरान संजय द्विवेदी, राजाराम गर्ग, जगदीश शर्मा, कैलाश मिश्रा, सत्यनारायण पाण्डेय, देवलाल पटेल, सुनीता पटेल, राजेश पटेल, रामप्रसाद पटेल, रामकिशोर दीक्षित सहित अन्य किसानों से समय अवधि बढ़ाये जाने की मांग की है।
विदित हो कि इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना के कारण काम धंधे बंद थे इसलिये किसानों द्वारा अधिक मात्रा में मूंग एवं उड़द की खेती की गई थी और यदि शासन ने उक्त किसानो का मूंग-उड़द नहीं खरीदी गया तो किसानों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो जावेगी क्योंकि अधिकांश किसान कर्ज लेकर खेती करते है और यदि समर्थन मूल्य पर उनके अनाज की खरीदी नहीं की जाती है तो मजबूरी में उन्हें कम दामों में व्यापारियों को बेचना पड़ेगा। लिहाजा शासन इस गंभीर समस्या के बारे में विचार करे और मूंग विक्रय की समय अवधि बढ़ाई जावे।