कृषिपर्यावरणमध्य प्रदेश

कोहरा, मावठा और कंपकंपी:साल का सबसे ठंडा दिन रहा शुक्रवार, पहली बार 5.8 डिग्री, अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहा

रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन।
शुक्रवार तड़के से ही मावठे की बारिश के बादसे कंपकंपी तेज हो गई है।शहर सहित जिलेभर में चल रही बर्फीली हवाओं के चलने की वजह से यहां का मौसम भी जम्मू कश्मीर की तरह हो गया है। गुरुवार की रात और शुक्रवार का दिन सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। उत्तरी हिस्से में हो रही बर्फबारी और शीतलहर का असर जिले में हैं। गत मंगलवार को रायसेन जिले में कुछ स्थानों पर मावठा गिरा। देवरी, उदयपुरा तरफ ओले गिरने की खबर मिली थी।अचानक हुई बारिश से रायसेन कृषि उपज मंडी में किसानों को धान से भरी ट्रॉलियां टीन शेड में खड़ी करनी पड़ी।उपज को छिपाना पड़ी। दिन भर बादल छाए रहे।
सीजन में पहली बार रायसेनशहर में दिन का तापमान 5.8 डिग्री गिरा। शुक्रवार काे अधिकतम तापमान 18 डिग्री रहा, जाे गुरुवार काे 21.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा। शुक्रवार का दिन 2021 का सबसे ठंडा दिन रहा। वहीं बादलाें के कारण न्यूनतम तापमान 2.2 बढ़ा। बुधवार काे न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री था, जाे शुक्रवार काे 18 डिग्री पर दर्ज हुआ।
चने की फसल काे नुकसान….
माैसम में परिवर्तन का असर फसलाें पर भी हुआ है। नरवर के किसान राममाेहन सिंह, डॉ,मनमोहन चौकसे, मनीष चौकसे, राकेश चौकसे, मुंगालिया के उन्नतशील किसान चैनसिंह मीना विष्णु मीणा ने बताया मावठा गिरने व बादल छाए रहने के कारण चने की फसल में इल्लियों का खतरा बना रहेगा। सब्जी की फसलाें काे भी नुकसान हाेता है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे ने बताया मावठे और काेहरा के कारण चना,मटर, की फसलाें काे नुकसान हाे सकता है। पाला पड़ने से इल्लियाें का खतरा चने की फसल काे रहता है। पाला पडने पर चने में कीटनाशा के दवा का प्रयाेग किया जाना चाहिए। फसल की पत्तियां पीली पड़ने पर एपीए मिक्सचर का उपयोग किया जाए।
नए साल पर खुशनुमा रहेगा माैसम : नए साल पर सैलानी हलाली बारना डैम सहित भोजपुर वर्ल्ड हैरिटेज भीम बैठिका, सांची बौद्ध स्तूप,मिनी स्तूप सुनारी मिनी पचमढ़ी धरोहर सहित अन्य पिकनिक स्पाॅटाें पर पहुंचते हैं। इस बार भी पचमढ़ी में तापमान पिछले साल के समान ही रहने का अनुमान है। 2019 और 2020 में 31 दिसंबर काे रात का तापमान 19 डिग्री के करीब था। इस बार भी माैसम खुशनुमा रहने का अनुमान है।
लोकल दबाव का रहेगा असर, दाे दिन बादल रहेंगे….
माैसम वैज्ञानिक डॉ एसएस तोमर ने बताया उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षाेभ के कारण कम दबाव की स्थिति बनने के कारण बारिश हुई है। प्रदेश के उत्तरी इलाके सहित अन्य जगहाें पर भी लाेकल दबाव के कारण बारिश हुई। दाे दिनाें तक बादल छाए रहेंगे। पश्चिमी विक्षाेभ के चलते लाेकल दबाव के कारण बादल छाए हैं ।जिनके कारण हल्की बारिश की स्थिति बनी है। बादल छाए रहने की स्थिति में रात का तापमान बढ़ेगा और दिन का तापमान कम दर्ज हाेगा। माैसम साफ हाेने के बाद न्यूनतम तापमान फिर से बढ़ना शुरू हाेगा।

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