सरकार ने मीडिया को दिए दिशा निर्देश, मीडिया से सैन्य बलों के आपरेशन और मूवमेंट न दिखाने के लिए परामर्श किया जारी

ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
नईदिल्ली। भारत सरकार द्वारा टीवी मीडिया, सोशल मीडिया से वर्तमान में सैन्य बलों के किसी भी गतिविधि को लाइव दिखाने अथवा वास्तिवक समय में न दिखाने के लिए सलाह जारी कर दिया है। सरकार ने मीडिया के लिए जारी किए गए परामर्श में साफ शब्दों में कहा है कि सैन्य बलों के किसी भी मूवमेंट की वास्तविक तस्वीर और लाइव तस्वीर न दिखाएं इससे सरकार और सैन्य बलों की रणनीति प्रभावित हो सकती है और दुश्मन को इसका फायदा मिल सकता है। सरकार ने अपने परामर्श में कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी रेडियो प्लेटफॉर्म, टीवी एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और समुदाय द्वारा नियंत्रित अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी का प्रयोग करें और मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें।
विशेष रूप से: वास्तविक समय में किसी भी दृश्य, दृश्य या स्रोत-आधारित सूचना की रिपोर्टिंग नहीं की जानी चाहिए जो कि संचालन या आंदोलन से संबंधित हो। समय से पहले संवाद करने वाली मूल जानकारी अनजाने में शत्रुतापूर्ण दावों की सहायता कर सकती है और परिचालन प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकती है। 3. पिछले इनोडिजिट्स ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग की महत्ता को रेखांकित किया, कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमलों (26/11) और कंधार हमले जैसी घटनाओं के दौरान, अप्रतिबंधित कवरेज ने राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पहले ही सभी टीवी चैनलों को नियम 6 (पी) केबल टेलीविजन नेटवर्क का पालन करने के लिए सलाह जारी की है। (संशोधन) नियम, 2021, नियम 6 में कहा गया है कि कोई भी कार्यक्रम ऐसी सेवा में प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए जिसमें सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादी कार्रवाई को कवर किया गया हो, मीडिया कवरेज किसी आतंकवाद विरोधी कार्यक्रम की होगी, जिसे नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर ब्रीफिंग की आवश्यकता होगी, ऐसा कोई भी ऑपरेशन समाप्त होने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह का प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन है और इसके तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए, सभी टीवी चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियान और आंदोलन का सीधा प्रसारण करने की सलाह दी जाती है। मीडिया कवरेज को ऑपरेशन समाप्त होने तक उपयुक्त सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर ब्रीफिंग तक सीमित रखा जा सकता है।