मध्य प्रदेश

15 दिन पैसा जमा नहीं तो फिर जेल जायेंगे चिटफंड के आरोपी

नरेंद्र पौराणिक ने वापिस ली अपनी याचिका
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान ।
शिखर सहकारी समिति मर्या. उमरियापान के नाम से चिटफंड कंपनी बनाकर उमरियापान, पचपेढी सहित आसपास के क्षेत्रों में लाखों रुपये की धोखाधड़ी मामले में आरोपियों को हाईकोर्ट से झटका लगा है और 15 दिवस के अंदर राशि अदायगी के आदेश दिये गये।
स्मरणर रहे कि चिटफंड के आरोपी मुकेश चौरसिया पुत्र विष्णु प्रसाद के द्वारा हाईकोर्ट में इस बावत् याचिका दायर की गई थी कि उन्हें पैसा जमा करने के लिये 6 माह का और समय दिया जाये। वहीं खाताधारकों की ओर से शासकीय अधिवक्ता ने इसका विरोध किया और यह बताया गया कि खाताधारक तरह-तरह के बहाने बनाकर पैसा जमा नहीं करना चाहते और न्यायालय द्वारा दी गई समय अवधि पूरी हो चुकी है। इन्हें समय नहीं दिया जावे। संपूर्ण तथ्यों को सुनने के पश्चात ने न्यायमूर्ति मा. अतुल श्रीधरन ने 15 दिवस में पैसा जमा करने के आदेश दिये है। पैसा जमा न करने की स्थिति में समय-सीमा उपरांत जमानत आरोपियों की जमानत निरस्त की जावेगी। वहीं एक अन्य याचिका नरेंद्र पौराणिक की ओर से दायर की गई थी। सुनवाई दिनांक 06.05.2022 को नरेन्द्र पौराधिक द्वारा अपनी याचिका वापिस ले ली गई है।
यहां पर यह उल्लेख करना आवश्यक है कि शिखर सहकारी समिति मर्या. उमरियापान के नाम से चिटफंड कंपनी बनाकर ग्रामीणों से लाखों रुपये जमा करवायें गये लेकिन जैसे ही पैसा देने की बारी आई तो चिटफंड के चारों आरोपी नरेन्द्र पौराणिक, अंशुल चौरसिया, मुकेश चौरसिया, मनीष पौराणिक की ओर से पैसा देने से साफ मना कर दिया गया था। खाताधारकों की शिकायत पर उमरियापान थाना द्वारा अपराध क्रमांक-96/2021 अंतर्गत धारा 420, 506, 409, 34 भारतीय दंड विधान का मामला दर्ज किया गया और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जहां से इनका जमानत आवेदन निरस्त करते हुये झिझरी जेल भेजा गया था। चारों आरोपियों की ओर से माननीय हाईकोर्ट में शरण ली गई जिसके उपरांत चारों आरोपियों की ओर से माननीय न्यायालय के समक्ष अलग-अलग शपथ पत्र प्रस्तुत किये गये और जो मूल राशि है उसमें 1/4-1/4 राशि देने सहमत हुये और उक्त राशि दो माह के अंदर देने का वचन दिया था। दिनांक 15.02.2022 को हाईकोर्ट ने दो माह में राशि अदा करने की शर्त पर आरोपियों को जमानत को जमानत का लाभ दिया था। लिहाजा समय अवधि व्यतीत हो जाने के पश्चात भी इनके द्वारा राशि अदा नहीं की गई और उल्टा न्यायालय में इस बावत् याचिका दायर कर दी गई कि उन्हें जो समय दिया गया है वह कम है। लिहाजा उन्हें पैसा अदा करने के लिये 6 माह का समय दिया जाये। न्यायालय ने आरोपियों की मांग को ठुकराते हुये मात्र 15 दिवस के अंदर पैसा जमा करने के निर्देश दिये है। पैसा जमा न करने की स्थिति में एमसीआरसी नंबर 546/22 में पारित आदेश दिनांक 15.2.2022 के तहत अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।

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