कुल की दुआ में बरसा रंग सालाना उर्स का बुधवार को सुबह हुआ समापन
कव्वाली के जंगी मुकाबले से भाईचारे का संदेश, कोरोना से बचने किया प्रेरित
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, उमरिया पान
रायसेन। शहंशाहे मालवा के नाम से मशहूर सूफी संत बाबा पीर फतेह उल्लाह साहब की पवित्र मजार शरीफ दरगाह पर सालाना उर्स के चलते कव्वालों ने बांधा समां। उज्जैन के राजा वारसी, कोटा के शाहिद साबरी, असलम बिजनौर और लोकेश जीवन ने एक से बढ़कर एक बाबा साहेब की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया।
भोपाल रोड़ स्थित हजरत पीर फतेह उल्लाह शाह साहब की दरगाह शरीफ पर 800वां उर्स चल रहा था।जो बुधवार को सुबह कुल की दुआ और रंग कार्यक्रम के बाद अकीदत कर चादर चढ़ाई गई। सालाना उर्स को लेकर दरगाह शरीफ को रंग बिरंगी बिजली रोशनी से सजाया गया। बीती रात एक बजे तक कव्वालियों का आयोजन किया गया। जिसमें उज्जैन के राजा बारसी, कोटा राजस्थान के शाहिद सावरी, असलम बिजनौर और लोकेश जीवन साबरी ने अपने फन और हुनर की प्रस्तुति देकर लोगों को आनंदित कर दिया।
इन कव्वालों ने देश प्रेम और आपसी एकता अखंडता भाईचारा बढाने वाली कव्वालियों की प्रस्तुति दी। साथ ही उन्होंने लोगों को कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाव रखने की दुआ भी मांगी। वहीं दूसरे रोज मंगलवार बुधवार की रात में मेहबूब मोहसीन सीहोर, मुकर्रम वारसी भोपाल, सैय्यद तबरेज हुसैन भोपाल और अंसार अबरार भोपाल ने कव्वाली पेश कर लोगों को पंडाल में नाचने पर मजबूर कर दिया।यहां पर बड़ी संख्या में लोग रात 1 बजे तक दरगाह शरीफ पर मौजूद रहकर कव्वालियों का आनंद उठाते रहे। वहीं उर्स को लेकर लोग बाबा साहब की दरगाह पर पहुंच कर अकीदत के फूल और चादर चढ़ाकर दुआ मांगी। उर्स के मौके पर कई स्थानों से जायरीन भी आए हुए जो यहां पर पांच समय नमाज पढ़कर अमन चैन की दुआ मांगते नजर आए। उर्स के समापन की घोषणा कलेक्टर अरविंद दुबे उर्स कमेटी के लोगों ने बुधवार को सुबह की गई।