सांची बौद्ध महोत्सव व मेला स्थगित: सिर्फ पूजा के लिए ही निकलेंगे बुद्ध के परम् शिष्यों के अस्थि कलश
कोरोना इफेक्ट:सांची महोत्सव व मेला स्थगित, नहीं होगी परिक्रमा
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन बौद्ध स्थली सांची में इस बार नवंबर के आखिरी रविवार यानि 28 नवंबर को लगातार दूसरे साल बौद्ध महोत्सव का आयोजन नहीं होगा।कोरोना इफेक्ट की वजह से श्री लंका बोधि सोसाइटी की ओर से यह निर्णय लिया गया है। स्तूप की परिक्रमा भी नहीं होगी और बौद्ध भिक्षुओं के साधु-साधु के स्वर भी नहीं गूंजेंगे।तथागत मंदिर के गर्भगृह से सिर्फ उनके दोनों प्रमुख परम् शिष्यों महामोदगल्यान और अरीहंत सारिपुत्र भंते के अस्थि कलशों को ही गर्भ गृह केलॉकर से पूजा के लिए बाहर निकाला जाएगा।
इन कलशों को 2 अलग-अलग क्रिस्टल बाक्सों में मंदिर में विशेष पूजन के लिए रखा जाएगा। यह विशेष पूजन रविवार सुबह 8 बजे शुरू होगा और दोपहर 12 बजे समाप्त हो जाएगा। लगातार दूसरी बार ऐसा मौका आ रहा है जब कोरोना संक्रमण के चलते कोई विदेशी मेहमान कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। मप्र संस्कृति विभाग द्वारा बुद्ध के जीवन दर्शन पर आयोजित होने वाला बौद्ध महोत्सव और मेला भी प्रशासन ने स्थगित कर दिया है।