कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के संबंध में विधिक जागरूकता शिविर संपन्न
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
सिहोरा । दिनांक 27 नवम्बर 2024 को जनपद पंचायत सिहोरा के वी.आर.सी. भवन में कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (रोकथाम निवारण प्रतिषेध) अधिनियम 2013 के संबंध में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन रेशमा खातून, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सिहोरा की अध्यक्षता में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें तनुश्री शिवहरे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सिहोरा, महिला बाल विकास विभाग की परिर्वेक्षक रूचि जग्गी एवं महिला कर्मचारीगण की उपस्थित रही।
रेशमा खातून, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सिहोरा द्वारा उपस्थित महिलाओं को बताया गया कि कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडन (रोकथाम निवारण प्रतिषेध) अधिनियम 2013 में यौन उत्पीडन के खिलाफ एक कानूनी आधार प्रदान किया। यह अधिनियम 10 से अधिक कर्मचारियों वाली संस्थाओं पर लागू होता है और आंतरिक शिकायत समितियों के गठन की आवश्यकता होती है। हालांकि यह केवल एक नागरिक अपराध है, न कि आपराधिक अपराध और इसमे पीड़ितों पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दवाब डालने की संभावना जैसी कमियां है। लेख अधिनियम के प्रावधानों को विस्तार से बताया गया है। जिसमे शिकायत कैसे दर्ज कराई जाये। समय सीमा, जांच प्रक्रिया और संभावित परिणाम शामिल है। यौन उत्पीडन से पीडित महिलाओं के लिए कदम उठाने की सलाह दी गई है। जिसमे सीधे उत्पीडक से बात करना, वरिष्ठ अधिकारियों से बात करना एवं शिकायत करना सबूत एकत्र करना और कानूनी सहायता लेना शामिल है। तनुश्री शिवहरे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सिहोरा द्वारा महिलाओं को कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से होने वाली समस्याओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गयी। महिला बाल विकास विभाग की परिर्वेक्षक श्रीमती रूचि जग्गी द्वारा वर्तमान मे हो रहे साइबर काइम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंत में राजकुमार नामदेव पैरालीगल वालेंटियर द्वारा सभी मंचासीन एवं उपस्थित महिलाओं का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया गया।