मध्य प्रदेश

MP Cabinet Meting : नए साल में सौगात, सरकार गरीबों को देगी प्लॉट, कैबिनेट की बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण फैसले

भोपाल । मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की कैबिनेट की साल 2023 में पहली बैठक हुई, इस बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली।
कैबिनेट बैठक में गांवों पर फोकस रहा, निर्विरोध निर्वाचित हुई ग्राम पंचायतों की पुरस्कार राशि बढ़ाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। तो वहीं मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें भी बढ़ाई गई हैं। वहीं मध्यप्रदेश सरकार नए साल पर नई सौगात देने जा रही है, कैबिनेट बैठक के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, सरकार गरीबों को प्लॉट देगी। इसके लिए आवासीय भू अधिकार योजना की शुरुआत कल टीकमगढ़ से की जाएगी।
निर्विरोध चुने गए सरपंचों को इनाम
एमपी की ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत करने पर राशि बढ़ाने का फैसला हुआ। निर्विरोध सरपंच निर्वाचन पर 5 लाख रुपए का अवॉर्ड दिया जाएगा। लगातार दूसरी बार निर्विरोध सरपंच चुने जाने पर 7 लाख रुपए दिए जाएंगे। पंच, सरपंच के निर्विरोध निर्वाचन पर 7 लाख, सरपंच और सभी पंच के पदों पर निर्विरोध निर्वाचन पर 12 लाख रुपए दिए जाएंगे। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों के बारे में बताया….
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पीजी सीट्स बढ़ाने के लिए 614 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।
9200 सीएम राइज स्कूलों के निर्माण के लिए मंजूरी दी गई है। इसके तहत पहले चरण में 370 स्कूलों का निर्माण हो रहा है, तो वहीं 45 स्कूलों की डीपीआर बनकर तैयार है। सरकार ने 2660 करोड़ रुपए की मंजू पहले दे दी थी।
सरपंचों के मानदेय को 1750 से बढ़ाकर अब 4250 रुपए प्रतिमाह देने का फैसला हुआ। इसमें फोन खर्च और सत्कार भत्ता भी शामिल रहेगा। इस घोषणा से सरकार पर सालाना करीब 75 करोड़ का भार बढ़ेगा। 181 सीएम हेल्पलाइन में सीटें बढ़ाने का फैसला हुआ है, पहले इसमें 300 सीटें थीं, अब इसमें 120 सीटें और बढ़ाई जाएंगी।
एसटी वर्ग के छात्रों को कोचिंग के लिए आकांक्षा योजना शुरू की गई है। इसमें दो बैच में 800-800 बच्चों को कोचिंग दी जाएगी। इसमें संभाग स्तर पर ऑफलाइन कोचिंग संचालित होगी। 9वीं से 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को फ्री कोचिंग कराई जाएगी।
पीएम मातृवंदना योजना 0.2 को जारी रखने की मंजूरी दी गई है। इसमें 60% अंश केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार भागीदारी देती है। इस योजना में पहले प्रसव के बाद माताओं को 5 हजार रुपए दिए जाते थे। 10 संभागीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय में नियमित पदों का सृजन और लैब में संविदा वर्ग तीन के समकक्ष पदों के सृजन की स्वीकृति निर्विरोध चुनी गई।

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