पर्यावरणमध्य प्रदेश

औषधीय पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षित कर रहे नीलमणि शुक्ला

सिलवानी। एक ओर जहां लकड़ी माफिया जंगलों को खत्म करने में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर नगर के एक शिक्षक लगातार पौध रोपण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने में लगे हुए हैं। जंगलों में वनकर्मी वनों की सुरक्षा का दायित्व निभा रहे हैं, लेकिन माफिया उनकी मेहनत पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। नगर के वार्ड क्रमांक 1 शास्त्री नगर निवासी शिक्षक नीलमणि शुक्ला को पेड़ पौधों से बेहद लगाव है। उनका मानना है कि इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे बहुत ही जरूरी हैं। यदि पर्यावरण शुद्ध होगा तो हमारी दिनचर्या और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। वह लगभग कई वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। शिक्षक नीलमणि शुक्ला ने अपने घर सहित स्कूल में कई प्रकार के पौधे लगाए हैं। इनमें अधिकांश पौधे आयुर्वेदिक व फलों के हैं। इसके अलावा कुछ पौधे सुगंधित फूलों वाले भी हैं। कोरोना काल के दौरान उन्होंने आस पड़ोस व घर में आने वाले लोगों को आयुर्वेदिक पौधों का काढ़ा पिलाया, जिसमें तुलसी व गिलोय, तेज पत्ता प्रमुख हैं। नीलमणि शुक्ला ने बताया कि पेड़ पौधों का पालन पोषण वह अपने बच्चों की तरह करते है। वह इन पौधों को खाद पानी देने में सुबह-शाम लगे रहते है।
ऑक्सीजन वाले पौधों का बनाया प्लांट
नीलमणि शुक्ला ने अपने घर में तुलसी, नीम, गिलोय, हार सिंगार, चंपा, गुलाब, कड़ी पत्ता, कागजी नींबू, सदाबहार कनेर, एलोवेरा, रजनीगंधा, गेंदा, गुलमोहर, कटहल, अनार, बोगनविलिया, मधु मालवती, शतावरी सदाबहार, लाजवंती, विष्णुप्रिया समेत सैकड़ों की संख्या में पौधे लगाए हुए है। बताया कि घर में लगे हरे भरे पौधे उन्हें स्वच्छ हवा देते हैं। इन पौधों को देख कई लोगों ने भी घर बगीचे पर पौधे लगा लिए।
सुबह व शाम करते हैं देखभाल
सुबह के समय ड्यूटी पर जाने से पहले व शाम को आने के बाद दो घंटे देखभाल करते हैं। सुबह व शाम पौधों को पानी देते हैं। शिक्षा से बचा समय पौधों पर भी व्यतीत होता है।

Related Articles

Back to top button