मध्य प्रदेश

जंगली सूअर के हमले में घायल वृद्ध को नसीब नहीं हुई एंबुलेंस, खटिया में लादकर एक किलो मीटर पैदल चले परिजन

निजी वाहन से घायल को पहुंचाया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान । एक तरफ प्रदेश सरकार विकास के बड़े बड़े दावे करती है लेकिन विकासखंड ढीमरखेड़ा क्षेत्र के सारंगपुर के झकाझोर गांव से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने पूरे विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी है । ढीमरखेड़ा तहसील के सारंगपुर से झकाझोर तक सड़क खराब होने के कारण बारिश के दिनों बदहाल सड़क होने से गांव तक पहुंचने के लिए कोई पक्का मार्ग नहीं है । बीते दिनों एक ग्रामीण किसान को जंगली सुअर ने हमला कर घायल कर दिया । घायल वृद्ध किसान को उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए पहले तो स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस बुलाने का प्रयास किया, लेकिन जब उन्हे एंबुलेंस नसीब नहीं हुई तो ग्रामीणजन घायल वृद्ध को खटिया पर लादकर बदहाल सड़क पर लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल चलने के बाद निजी वाहन से घायल वृद्ध को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उमरियापान पहुंचे।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत खंदवारा के सारंगपुर के झकाझोर निवासी हुकुमचंद पटेल उम्र 65 वर्ष शनिवार सुबह फसल देखने खेत गए थे । इसी दौरान एक वन्य प्राणी ( जंगली सुअर ) ने वृद्ध किसान पर हमला कर दिया । वन्यप्राणी ने जबड़े से घुटने के ऊपर पकड़ा और पूरा मांस नोच डाला। वृद्ध की चीख पुकार सुनकर ग्रामीण जन बचाव के लिए दौड़े । ग्रामीणों ने देखा कि वृद्ध खेत की मेढ़ पर घायल पड़ा हैं। घुटने के ऊपर से खून बह रहा है । ग्रामीणों ने एम्बुलेंस को फोन लगाया लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुँची । वृद्ध के परिजनों और ग्रामीणों ने आनन फानन में घायल वृद्ध को पलंग में लादकर डेढ़ किलोमीटर कीचड़ से सने उबड़ खाबड़ रास्ते से चारपाई से लाये । सारंगपुर से निजी वाहन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उमरियापान पहुँचाया, जहाँ वृद्ध का उपचार जारी है।
ग्रामीणजनों का कहना है कि झकाझोर से सारंगपुर तक सड़क खराब होने से बारिश के दिनों में आवागमन मुश्किल भरा होता है ।गांव तक पहुँचने का कोई पक्का रास्ता नहीं है। बारिश के दिनों में कीचड़ और दलदल से होकर गुजरना पड़ता है। स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। गांव में यदि किसी की तबीयत बिगड़ती है तो अस्पताल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं होता।

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