धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग सोमवार, 28 जुलाई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
सोमवार 28 जुलाई 2025
28 जुलाई 2025 दिन सोमवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष कि चतुर्थी तिथि है। आज श्रावण सोमवार का व्रत भी है। आज का सोमवार का व्रत करने से प्रदोष के समान फल प्राप्त होता है। आज वेनायकी गणेश चतुर्थी व्रत भी है। इसे सामान्य भाषा में गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है। आज का यह श्री गणेश चतुर्थी का व्रत सनातनी स्त्रियां अपने पुत्रों के दीर्घायु हेतु दिनभर अखंड उपवास रखकर सायंकाल में भगवान श्री गणेश जी की पूजा करने के बाद चंद्र देवता के निकालने (चंद्रोदय रात्रि 09.03 बजे) पर उन्हें देखकर अर्घ्य देकर ही व्रत खोलते हैं। आज दक्षिण भारत में आड़ीपुरम् मनाया जाता है। आज एक साथ इतने सारे योग बन रहे हैं। ये बहुत ही शुभ संकेत है। आज यदि शिव मंदिर में जाकर किसी विशिष्ट कामना के लिए पूजन करें तो अवश्य ही उस कामना की पूर्ति होती है। अथवा आज आंवला – बिल्ववृक्ष एवं पीपल के वृक्ष के मूल में शुद्ध देसी गाय के घी का दीपक जलाएं तो भी कामना पूर्ति अवश्य होती है। कम से कम रुद्राभिषेक तो अवश्य ही करना चाहिए आप सभी सनातनियों को “वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी एवं श्रावण सोमवार के पावन व्रत” की हार्दिक शुभकामनाएं।।
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
☄️ दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
👸🏻 शिवराज शक 352 प्रारम्भ
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
☂️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
⛈️ मास – श्रावण मास
🌘 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📅 तिथि – सोमवार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि 11:24 PM तक उपरांत पंचमी
✏️ तिथि स्वामी – चतुर्थी के देवता हैं शिवपुत्र गणेश। इस तिथि में भगवान गणेश का पूजन से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। यह खला तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी 05:35 PM तक उपरांत उत्तर फाल्गुनी
🪐 नक्षत्र स्वामी – पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता भग हैं, जो धन और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।
⚜️ योग – परिघ योग 02:53 AM तक, उसके बाद शिव योग
प्रथम करण : वणिज – 10:57 ए एम तक
द्वितीय करण : विष्टि – 11:24 पी एम तक बव
🔥 सोमवार का शुभ गुलिक कालः-शुभ गुलिक काल 01:42:00 P.M से 02:59:00 P.M बजे तक
⚜️ दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दर्पण देखकर या दूध पीकर जायें।
🤖 राहुकालः- आज का राहु काल 08:26:00 A.M से 09:39:00 A.M बजे तक
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:21:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:38:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:17 ए एम से 04:59 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 04:38 ए एम से 05:40 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:00 पी एम से 12:55 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:43 पी एम से 03:37 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:15 पी एम से 07:36 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 07:15 पी एम से 08:17 पी एम
💧 अमृत काल : 10:52 ए एम से 12:33 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, जुलाई 29 से 12:49 ए एम, जुलाई 29
❄️ रवि योग : 05:40 ए एम से 05:35 पी एम
🚓 यात्रा शुकुन – मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏼 आज का मंत्र – ॐ सौं सौमाय नमः।
💁🏻‍♀️ *आज का उपाय – गणेश मंदिर में सफेद तिल के मोदक अर्पित करें। 🌳 वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल अर्पित करें। ⚛️ पर्व एवं त्यौहार – भद्रा/ रवि योग/ विनायक चतुर्थी व्रत/ दुर्वा गणपती व्रत/ शिव पूजन/ नाग – चतुर्थी उपवास/ विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस, विश्‍व हेपेटाइटिस डे, राष्ट्रीय वाटरपार्क दिवस, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी’ के नेता चारू मजूमदार पुण्य तिथि, सिक्ख समुदाय तरलोचन सिंह जयन्ती, राष्ट्रीय मिल्क चॉकलेट दिवस, विश्व लीवर (यकृत) दिवस, अर्थ ओवरशूट डे, प्रसिद्ध सहायक अभिनेता इंद्र कुमार पुण्य तिथि, भारत की सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी पुण्य तिथि, वर महोत्सव दिवस, भूतपूर्व राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर जन्म दिवस, राष्ट्रीय अभिभावक दिवस ✍🏼 तिथि विशेष – चतुर्थी तिथि को मूली एवं पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। इस चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों त्याज्य होता है। इसलिए चतुर्थी तिथि को मूली और तिल एवं पञ्चमी को बिल्वफल नहीं खाना न ही दान करना चाहिए। चतुर्थी तिथि एक खल और हानिप्रद तिथि मानी जाती है। इस चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं तथा यह चतुर्थी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह चतुर्थी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी गयी है। 🛫 *Vastu tips* 🛬 सिक्योरिटी गार्ड का कमरा किस दिशा में? वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि उत्तरी दिशा में सिक्योरिटी गार्ड का कमरा बनवाना चाहते हैं तो उसका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, पूर्व दिशा में बनवाना चाहते हैं तो दरवाजा उत्तर मुखी होना चाहिए, दक्षिण दिशा में बनवाना है तो पूर्व दिशा की तरफ मुख करके कमरे का निर्माण करवाना ठीक रहता है। पार्किंग किस दिशा में? इसके अलावा पार्किंग के लिये वायव्य कोण, यानि की उत्तर-पश्चिम दिशा या फिर पूर्व व उत्तर दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है। वास्तु शास्त्र में होटल के बाहर पेड़-पौधे लगाने के लिये भी सही दिशा के बारे में बताया गया है। भारी व बड़े पेड़-पौधे लगाने के लिये दक्षिण दिशा, पश्चिम दिशा या फिर नैऋत्य कोण का चुनाव करना चाहिए, जबकि छोटे पौधों व गमलों के लिये उत्तर, पूर्व या ईशान कोण का चुनाव करना ठीक रहता है। ♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
खड़े होकर पिंडली उठाना कैसे करें: संतुलन के लिए पैरों को कूल्हे-चौड़ाई के बराबर दूरी पर, दीवार या कुर्सी के पास खड़े हो जाएँ। अपने पैरों के तलवों पर उठें, एड़ियों को जितना हो सके ऊपर उठाएँ, फिर धीरे-धीरे नीचे आएँ। दोहराव/सेट: 15-20 दोहराव के 3 सेट। विविधता: गति की अधिक सीमा के लिए एड़ियों को किनारे से लटकाकर एक सीढ़ी पर प्रदर्शन करें (एड़ियों को सीढ़ी के स्तर से नीचे करें, फिर ऊपर उठें)। लाभ: गैस्ट्रोक्नेमियस को मजबूत करता है और पंप क्रिया में सुधार करता है।
बैठे हुए पिंडली उठाना कैसे करें: पैरों को ज़मीन पर सीधा रखकर कुर्सी पर बैठें। अपने घुटनों पर कोई वज़न (डम्बल, पानी की बोतल, या भारी किताब) रखें। एड़ियों को ज़मीन से उठाएँ, पिंडलियों को सिकोड़ें, फिर धीरे-धीरे नीचे लाएँ। दोहराव/सेट: 12-15 दोहराव के 3 सेट। लाभ: सोलस मांसपेशी पर काम करता है, जो बैठने पर शिरापरक वापसी के लिए महत्वपूर्ण है।
रस्सी कूद कैसे करें: हल्के, तेज़ उछाल के साथ रस्सी कूदें, पिंडलियों को सक्रिय करने के लिए अपने पैरों के तलवों पर उतरें। अवधि: 3-5 राउंड के लिए 1-2 मिनट, बीच में आराम के साथ। लाभ: पिंडलियों की सहनशक्ति और हृदय स्वास्थ्य को मजबूत करता है।
एड़ी चलना कैसे करें: 30-60 सेकंड के लिए अपने पंजों को ज़मीन से ऊपर उठाकर एड़ियों पर चलें। दोहराव/सेट: 3 सेट। लाभ: आगे के पैरों की मांसपेशियों को मज़बूत करता है और रक्त संचार को बढ़ावा देता है।
🎋 आरोग्य संजीवनी ☘️
होम रेमेडीज (घरेलू इलाज)(अगर मस्सा नया है और बहुत बड़ा नहीं हुआ है, तो आप इन उपायों से शुरुआत कर सकते हैं।)
🌿 लहसुन (Garlic) – लहसुन में एंटी-वायरल गुण होते हैं। लहसुन की एक कली को काटकर सीधे मस्से पर लगाइए और पट्टी बांध दीजिए। रोज़ 2 बार करें।
👉 असर: मस्सा धीरे-धीरे काला होकर सूख जाता है।
🍌 केले का छिलका (Banana Peel) – अंदर की तरफ का हिस्सा मस्से पर रगड़ें, क्योंकि इसमें एंजाइम होते हैं जो HPV वायरस को रोक सकते हैं।
🍎 सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar) – एक कॉटन में सिरका भिगोकर मस्से पर लगाएं और हल्की पट्टी कर लें। इससे मस्सा सिकुड़ने लगता है।
🧄 प्याज का रस + नमक – रात को लगाकर सो जाएं, सुबह गुनगुने पानी से धो लें।
⚠️ नोट: इन उपायों को कम से कम 10–15 दिन लगातार करें। जल्दबाज़ी न करें।
📖 गुरु भक्ति योग
🕯️
श्राद्ध पक्ष में कौए का महत्व क्यों बढ़ जाता है ? हम जो कौवे की बात करते हे वो असल में कागभुषंडी जी है
तो चलो कागभुषंडी जी के बारे में जानते है।
क्या आप लोगो को पता है कि ये कागभुषंडी कौन थे कौवे के रूप मे दिखने वाले कागभुषंडी प्रभु श्रीराम के बहुत बडे भक्त थे और इन्हे ये वरदान प्राप्त था कि वो समय और टाइम के बाहर जा सकते थे यानि कि पूर्व मे क्या घटित हुआ और भविष्य मे क्या घटित होगा वो सब देख सकते थे वो समय और टाइम के बनने बिगडने की साइकल को देख सकते थे।
इसलिए उन्होंने महाभारत 11 बार और रामायण 16 बार देखा था वो भी बाल्मिकि जी द्वारा रामायण और वेदव्यास जी द्वारा महाभारत लिखे जाने से पहले क्योकि ये अपने पूर्व जन्म मे कौवा थे और सबसे पहले राम कथा भगवान शंकर ने माता पार्वती जी को सुनाया था तो इन्होने भी सुन लिया था और मरने के बाद दूसरा जन्म इनका अयोध्यापुरी मे एक शूद्र परिवार मे हुआ था ये परम शिव भक्त थे लेकिन अभिमान वश अन्य देवताओं का उपहास उडाते थे इसी बात से क्षुब्ध होकर लोमष ऋषि ने इन्हे श्राप दे दिया था जिससे ये फिर कौवा बन गये थे और इसके बाद इन्होने पूरा जीवन कौवे के रूप मे ही जिया।
जब रावण के पुत्र मेघनाथ ने श्रीराम से युद्ध करते हुए भगवान श्रीराम को नागपाश से बांध दिया था तब देवर्षि नारद के कहने पर गिद्धराज गरूड़ ने नागपाश के समस्त नागों को खाकर भगवान श्रीराम को नागपाश के बंधन से मुक्त कर दिया था भगवान श्रीराम के इस तरह नागपाश में बंध जाने पर श्रीराम के भगवान होने पर गरूड़ को संदेह हो गया गरूड़ का संदेह दूर करने के लिए देवर्षि नारद उन्हें ब्रह्माजी के पास भेज देते हैं ब्रह्माजी उनको शंकरजी के पास भेज देते हैं भगवान शंकर ने भी गरूड़ को उनका संदेह मिटाने के लिए कागभुषंडी जी के पास भेज दिया अंत में कागभुषंडी जी ने भगवान श्रीराम के चरित्र की पवित्र कथा सुनाकर गरूड़ के संदेह को दूर किया था।
और इसीलिए हम हिंदू लोग श्राद्ध पक्ष मे कौवे के रूप में कागभुषंडी जी को भोजन कराते है ताकि वो भोजन हमारे पूर्व के पितरों तक पहुंच सके।
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⚜️ चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों भी त्याज्य है। आज गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की पूजा का विशेष महत्त्व है। आज गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है। शास्त्रानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्थी तिथि को होता है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। चतुर्थी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान एवं अच्छे संस्कारों वाला होता है। ऐसे लोग अपने मित्रों के प्रति प्रेम भाव रखते हैं तथा इनकी सन्तानें अच्छी होती है। इन्हें धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और ये सांसारिक सुखों का पूर्ण उपभोग करते हैं।

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