प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश का नहीं हो पालन, पाॅलीथिन पर नहीं प्रतिबंध, पशुओं की मौत का अंदेशा
सिलवानी । शासन कितने भी प्रयास करले परंतु हम नहीं सुधरेगे की तर्ज पर सरकारी महकमा अपनी मनमर्जी में लगा हुआ है कहने को मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पाॅलीथिन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। परंतु इसका कही भी पालन होता नजर नहीं आ रहा है। उल्टे इसके घातक परिणाम प्रतिदिन प्रकाश में आ रहे है। इसका मुख्य कारण अधिकतर दुकानदारों को पाॅलीथिन पर प्रतिबंध लगाये जाने की जानकारी नहीं है।
प्रशासन की ढुलमुल कार्यप्रणाली के कारण पाॅलीथिन का प्रयोग बेरोकटोक ढ़ंग से किया जा रहा है। ज्यादातर दुकानदार क्रय की जाने वाली सामग्री को पाॅलीथिन में रखकर ही ग्राहकों को थमा रहे हे। नियमानुसार अब कोई भी दुकानदार 20 माइक्रान से कम की पाॅलीथिन का प्रयोग नहीं कर सकता है। किन्तु इसकी जानकारी आम नागरिकों को नहीं है। कुछ दुकानदार मानते है कि अब पाॅलीथिन का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया हैं षेष अन्य को इसकी जानकारी ही नहीं है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रतिबंध का नगर में कितना असर है।
वर्तमान परिवेश में पाॅलीथिन का चलन इतना बढ़ गया है कि अब लोग सब्जी से लेकर अन्य सामान खरीदने के लिए घर से खाली हाथ निकलते है। बाजार में अधिकांश दुकानों द्वारा प्रतिबंधित पाॅलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। सबसे ज्यादा फल सब्जी, बिक्रेता, किराना, मिठाई, डेरी होटल सहित फुटकर व्यापारी पाॅलीथिन का उपयोग कर रहे है। ग्राहक समान घर ले जाकर इस पाॅलीथिन को गली मोहल्लोें में फेंक देते है। और यहां वहां घूमने वाले पालतु पषु इस पाॅलीथिन को खाकर असमय काल के गात में समा रहे है। यह बात समझ से परे है कि पाॅलीथिन का उपयोग दुकानदार और ग्राहक की सुविधा है या मजबूरी इस पर दुकानदारों का तर्क है कि ग्राहक खाली हाथ सामान लेने आ जाते है ऐसी स्थिति में हमारे पास पाॅलीथिन से अच्छा अन्य कोई विकल्प नहीं बचता। कुछ लोग घर से थेला लाने में हिचकिचाहट महसूस करते है और कुछ रंगबिरंगी थैलियों में समाना लाना ही अच्छा लगता है। पाॅलीथिन आज नगर सौन्दर्यीकरण राह में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। गली मोहल्लों चैक चैराहो पर यहां वहां हजारों गंदी पाॅलीथिन नगर की तस्वीर बिगाड़ ही रही है। वही यह पाॅलीथिन उड़कर नालियों में पहुंचकर नालिया चैक कर देती है जिससे नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगता है। और यह प्रदूषण भी फैला रही है। साथ ही धार्मिक स्थल की ओर जाने वाले व्यक्तियों की धार्मिक भावनाओं को भी आहत कर रही है। नगर के सैकड़ों पशु पालकों एवं समाज सेवियों ने पाॅलीथिन के प्रयोग पर लगे प्रतिबंध का कड़ाई से पालन कराने की मांग प्रशासन से की है।