मध्य प्रदेश

25 लाख की लागत से नापतौल विभाग की बिल्डिंग का हो रहा घटिया निर्माण

नियम मापदण्डों को ताक पर रखकर पीआईयू के अफसर करवा रहे जबलपुर के एक ठेकेदार के जरिए घटिया भवन का निर्माण।
घटिया भवनों के निर्माण को लेकर लोगों ने प्रशासन के आला अफसरों से किए सवाल खड़े
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन।
शहर से गुजरे नेशनल हाईवे 146 के भोपाल रायसेन बायपास रोड़ पर जिला नापतौल विभाग के भवन निर्माण कार्य चल रहा है। लगभग 25 लाख रुपये की लागत से इस बिल्डिंग निर्माण कराए जाने का ठेका जबलपुर के एक ठेकेदार को दिया गया है।लेकिन पीआईयू के अधिकारी आरके झा, एसडीओ बीपी दुरापे और सब इंजीनियरों की मॉनिटरिंग के अभाव में ठेकेदार और उनके साइड कर्मचारियों द्वारा नापतौल विभाग के भवन का घटिया निर्माण कार्य कराया जा रहा है।जिससे बिल्डिंग की टिकाऊ क्षमता ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर एवीएम मशीन गोदाम भवन का निर्माण, 3 बालक बालिका छात्रावास भवनों का निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से पीआईयू ठेकेदारों के द्वारा करवा रहा है। घटिया भवनों के निर्माण की जांच कराए जाने की मांग युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, एबीवीपी के नेताओं ने पीडब्ल्यू मंत्री और कलेक्टर उमाशंकर भार्गव को ज्ञापन देकर की है।
जिला मुख्यालय पर ही करोड़ों की लागत से हो रहा पीआईयू के घटिया भवनों का निर्माण….
अगर हम जानकार सूत्रों की मानें तो जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट कार्यालय भवन परिसर के पिछले हिस्से में घटिया ईवीएम मशीन गोदाम भवन का निर्माण घटिया किस्म का चल रहा है।करोड़ों की लागत से हो रहे घटिया भवन निर्माण एक ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है।
इसके अलावा जिला मुख्यालय पर स्कूल भवनों का निर्माण, 3 बालक बालिका छात्रावास भवनों का भी घटिया निर्माण कार्य जोरशोर से कराया जा रहा है।
तत्कालीन वनमंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार, बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ जेपी किरार की मौजूदगी में दशहरे ग्राउंड के नजदीक हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के सामने एक बालक छात्रावास भवन की भूमिपूजन किया था। इसके अलावा एक बालक बालिका छात्रावास बिलडिंगों का निर्माण हरेक 777.75 लाख रुपए की लागत के जरिए भोपाल के एक ठेकेदार से कराया जा रहा है।
अभी भवनों के हालात ऐसे बने तो आगे टिकाऊ कैसे साबित होंगे
पीआईयू के आला अधिकारियों से लेकर एसडीओ और सब इंजीनियरों द्वारा निर्माणाधीन भवनों की मॉनिटरिंग करने की जरा सी फुर्सत नहीं मिलती है। जिससे ठेकेदारों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। बताया जाता है कि पीआईयू के जिम्मेदार अधिकारियों को तो मोटा कमीशन खोरी, रिश्वतखोरी से मतलब रहता है।
बाकी मानो पीआईयू के निर्माणाधीन भवनों से कोई सरोकार नहीं रहता।ईवीएम मशीन गोदाम भवन का निर्माण भी घटिया किस्म का निर्माण होना बताया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों के नजदीक करोड़ों रुपये की लागत से ईवीएम गोदाम का घटिया स्तर का धड़ल्ले से निर्माण लगभग 90 फीसदी ठेकेदार ने पूरा करवा दिया है।जिम्मेदार अधिकारियों घटिया भवन निर्माण की शिकवा शिकायतों के बावजूद मॉनिटरिंग कर जांच कराना भी मुनासिब नहीं समझा जा रहा है।दरारें भवन में अलग ही नजर आने लगी है। जोड़ मुंह खोल रहे हैं। लेवलिंग कार्य में बजाय मुरम कोपरा के इस्तेमाल करने की जगह काली गिट्टी चूरी का उपयोग ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। वहीं बायपास पर बनाए जा रहे नापतौल विभाग भवन की भी ठेकेदार और पीआईयू के अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया किस्म की बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा है। अलग थलग जंगल क्षेत्र में बाइपास किनारे बन रहे 25 लाख की बिल्डिंग देखने अभी तक कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मॉनिटरिंग करने नहीं पहुंचे हैं। इस भवन का निर्माण लोकल रेत घटिया सीमेंट गिट्टी का इस्तेमाल कर कराया जा रहा है। यही वजह है कि अभी से भवन के पिलर जोड़ दीवारें दरकने लगी हैं। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के सामने बन रहे बालक 50 शीटर भवन निर्माण और 50-50 शीटर बालक बालिका छात्रावास भवनों का निर्माण करीब 3 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। सभी छात्रावास भवनों का घटिया निर्माण भोपाल के एक ही ठेकेदार से 777.77 लाख प्रति हॉस्टल भवन लागत से कराया जा रहा है। इन छात्रावास भवन निर्माण पर युवक कांग्रेस नगर कांग्रेस, एबीवीपी एनएसयूआई के प्रमुख नेताओं ने घटिया भवन निर्माण की जांच करवाकर दोषियों पर उचित कार्यवाही कराए जाने की मांग कलेक्टर उमाशंकर भार्गव से की है।
इस सम्बंध में आर.के. झा ईई पीआईयू रायसेन का कहना है कि घटिया भवन निर्माण की लगातार हमें शिकायतें मिली है। हम खुद जांच टीम को लेकर मौके की ग्राउंड रिपोर्ट पर नियमनुसार ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

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