मध्य प्रदेश

रात होते ही सक्रिय हो जाता है रेत माफियाओं का पावरफुल गिरोह

बाड़ी बरेली उदयपुरा देवरी से लेकर केतोघान तक किया जा रहा रेत का अवैध परिवहन, रेत माफियाओं को किसी का भी डर नहीं
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन।
रायसेन जिले में रेत के काले कारोबार में आम से लेकर खास तक शामिल हैं। असरदार दबंग किस्म के इन रेत माफियाओं को राजनीतिK दलों के नेता विधायक मंत्रियों का वर दहस्त हासिल है। जिले का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं हैं, जहां पर रेत का अवैध कारोबार न हो रहा हो। शहरी क्षेत्र में भी दशहरे मैदान वाले कृषि विभाग के फार्म की जमीन पर अतिक्रमण कर लोगों का रेत गिट्टी के ढ़ेर लगाकर मनमाने दामों में बेचने का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है।सागर भोपाल स्टेट हाइवे से लेकर रामलीला ग्राउंड के समीप, पाटनदेव अन्य क्षेत्रों में इन दबंग रेत माफियाओं के पहाड़ीनुमा रेत के ढ़ेर लगा रहे हैं।इसके बाद ठेकेदारों सहित जरूरतमंदों को मनमाने ढंग से महंगी कीमत में रेत बेचकर जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। बेधड़क तरीके से रेत माफियाओं द्वारा पूरी रात शहर की सड़कों पर खुलेआम परिवहन किया जा रहा है। रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली रात 12 बजे से शहर की सडकों में धमा-चौकड़ी मचाते हुए निकलते हैं। इतना ही नहीं अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली कोतवाली रायसेन थाने के सामने से निकलते हैं। लेकिन किसी पुलिस कर्मी की मजाल नहीं कि वह इन ट्रैक्टरों ट्राली को रोक सके। इसी तरह से गोपालपुर, पाटनदेव क्षेत्र में भी शाम ढ़लते ही रेत की चोरी करने के लिए रेत माफिया सक्रिय हो जाते है।आलम यह है कि रेत बेचने वालों के ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक बेखौफ तरीके से रेत का परिवहन आसपास के क्षेत्रों में करते है। हैरानी इस बात की है कि पुलिस, खनिज विभाग के अफसरों की आंखों के सामने रेत माफिया पूरी रात रेत की चोरी करता है और आज तक किसी के खिलाफ पुलिस ,खनिज अमले ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। यह रेत भी चोरी करके लाई जाती है। रायसेन जिले की ऐसी कई ऐसी रेत खदानें हैं जो संचालित नहीं हैं, बताया जा रहा है उन्हीं से अवैध रूप से रेत निकालकर लाई जाती है।
इन जगहों से की जा रही रेत की चोरी……
जिले की मदागन नर्मदा नदी घाट, गौरा मछवाई, केतोघांन, खरगोन, बौरास, मांगरोल बगलबाड़ा,अलीगंज कोटपार गणेश, कैलकच्छ आदि नर्मदा नदी घाटों से रेत की निकासी बड़े पैमाने पर की जा रही है। सूत्रों की मानें तो रेत के काले कारोबार में आम से लेकर खास तक जुड़े हुए हैं और हफ्ते में सभी का हिस्सा फिक्स हैं।
रायसेन नगर में सक्रिय रेत कारोबारियों के ट्रैक्टर ट्राली से रेत का परिवहन रात में करते है। रात के समय शहर की उन गली-कूचों से रेत से लोड ट्रैक्टर-ट्रॉली फर्राटे मारते हुए निकलते हैं, जहां आम लोगों की बसाहट है।
सीसीटीवी कैमरे से रखी जा सकती है नजर…..
रायसेन पुलिस ने शहर के सभी प्रमुख सड़कों और चौराहों में सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी लगाए गए हैं। इन सीसीटीवी कैमरों में हर आने-जाने वाले की तस्वीर चौबीसों घंटे रिकॉर्ड होती है। रात के समय शहर की सड़कों में धमा-चौकड़ी मचाते हुए निकलने वाले रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली भी कैमरे में कैद होते होंगे। जिनके माध्यम से जिले के वरिष्ठ अधिकारी रात में गुजरने वाले रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली की जानकारी ले सकते हैं और कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन इस तरफ न तो अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही पुलिस,खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी। लिहाजा सभी की भूमिका संदेह के घेरे में है। पुलिस अधिकारी चाहे तो रात में शहर के चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों केआधी रात को खड़े होकर रेत से भरे ट्रैक्टरों को देख सकते हैं।
कभी नहीं बनीं थी ऐसी स्थिति….
इस तरह की स्थिति रायसेन जिले में कभी नहीं देखी गई। कलेक्टर अरविंद दुबे, एसपी विकास कुमार शाहवाल को चाहिए कि रेत माफियाओं पर शिकंजा कसें। पूर्व कमलना सरकार के शासनकाल में प्रशासन ने रेत माफियाओं पर पूरी तरह से नकेल कसी थी।रेत माफिया सक्रिय थे। पर ऐसे रेत परिवहन नहीं होता था। आज की स्थिति बिल्कुल विपरीत है। रेत माफिया को अब न तो पुलिस का खौफ है और न खनिज और राजस्व विभाग के अधिकारियों का। जिला रायसेन के खनिज अधिकारी आरके कैथल ने बताया कि जिले में अवैध खनन के विरुद्ध लगातार कार्रवाई जारी है। अवैध रेत परिवहन व अवैध एंट्री की शिकायत मेरे संज्ञान में आई है। टीम गठित कर इस पूरे मामले में कार्रवाई की जाएगी। पिछले दिनों कलेक्टर दुबे के आदेश पर रेत खदानों पर रात और दिन के समय छापामार कार्रवाई की थी।

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