मध्य प्रदेश

बिजली दरें 4 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी

रायसेन जिले में भी बिजली की नई दरें बढ़ाने बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग में दायर की टैरिफ याचिका, जल्द होगी प्रारंभिक सुनवाई
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन।
अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिजली बिल मारेगा करंट। क्योंकि मप्र मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की नई दरें निर्धारित करने के लिए टैरिफ याचिका नियामक आयोग के समक्ष पेश कर दिया है।अगर हम सूत्रों की मानें तो इस बार विभाग चार प्रतिशत के लगभग दरें बढ़ाने की तैयारी में है। विभाग ने 34 हजार करोड़ रुपए की जरूरत बताई है। अब जल्द ही विधुत नियामक आयोग में प्रारंभिक सुनवाई होगी। इसके बाद टैरिफ याचिका को सार्वजनिक करते हुए जनसुनवाई के लिए आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी।
एमपी की मप्र मध्य क्षेत्र बिजली सप्लाई कंपनियों की तरफ से नियामक आयोग में टैरिफ याचिका दायर की है। इस बार याचिका में बढ़ाई गई दरों का खुलासा कंपनी ने नहीं किया है। कंपनी अधिकारियों का दावा है कि नियामक आयोग ही प्रस्तावित दरों का खुलासा करेगी।
जल्द होगी प्रारंभिक सुनवाई….
मप्र विद्युत नियामक आयोग में प्रारंभिक सुनवाई होगी। इसमें याचिका लगाने वाली कंपनी का पक्ष सुना जाएगा। याचिका में यदि किसी दस्तावेज की कमी होगी तो उसकी पूर्ति के निर्देश दिए जाएंगे। इसके बाद तय होगा कि कब इस टैरिफ याचिका को सार्वजनिक करते हुए इस पर आम लोगों से आपत्तियां बुलवाई जाए। इसके बाद जनसुनवाई होगी। जनसुनवाई वर्चुअल होगी या भौतिक ये बाद में तय होगा।
अभी टैरिफ याचिका दायर करना नियम विरूद्ध….,
बिजली कंपनी के मामले में जानकार रिटायर्ड इंजीनियर राजेंद्रसिंह ने बिजली कंपनियों की ओर से दायर की गई टैरिफ याचिका की वैधानिकता पर सवाल उठाए हैं। सिंह के मुताबिक अभी नियामक आयोग को वित्तीय वर्ष 2022-202 के लिए नई रेग्युलेशन नीति बनानी है। इसकी जनसुनवाई 24 अगस्त 2021 को हो चुकी है। पर अभी तक आपत्तियों को समाहित करते हुए खुदरा टैरिफ निर्धारण हेतु रेग्युलेशन नीति जारी नहीं हो पाया है।
नए रेग्युलेशन ड्राफ्ट की प्रत्याशा में दायर कर दी टैरिफ याचिका….
कंपनी के रायसेन उप महाप्रबंधक राजेश दुशाद के मुताबिक बिजली कंपनी ने ड्राफ्ट के आधार पर इस प्रत्याशा में टैरिफ याचिका दायर कर दी है। यह टैरिफ याचिका ही पूरी तरह से वैधानिक नहीं है। पहले रेग्युलेशन नीति तय होना चाहिए था। बिजली कंपनियों ने इसी साल जुलाई में 0.63 प्रतिशत दर बढ़ाए थे। सूत्रों की मानें तो इस बार कंपनियों ने 4 प्रतिशत के लगभग दर बढ़ाने की मांग टैरिफ याचिका में की है।
अभी बिजली की ये दरें हैं प्रभावी-
एमपी में बिजली 0.63% महंगी: नियामक आयोग ने फिक्स चार्ज 3 से 20 रुपए बढ़ाया, पर एफसीए चार्ज माइनस 20 पैसे करके अगले तीन महीने दी राहत

Related Articles

Back to top button