मध्य प्रदेश
PWD SDO, Sub Engneear सहित PIU के सहायक परियोजना यंत्री और परियोजना यंत्री सिविल निलंबित

भ्रष्टाचार और घिसावट पर हुई कार्यवाही
रिपोर्टर : नीलेश पटेल
रायसेन । एमपी के रायसेन जिला मुख्यालय पर हुए सड़क चौड़ीकरण और पॉलिटेक्निक भवन निर्माण में भ्रष्टाचार और दलाली के चलते पीडब्ल्यूडी और पहचान के अधिकारियों पर कार्रवाई हुई। गुरुवार को इन निर्माण कार्यों की जांच करने में लोक निर्माण विभागों के पीएसी सहित अन्य अधिकारियों ने आरोप लगाए थे। किसी भी दिन जांच और घसीटने की स्थिति देखने के बाद शनिवार को कार्रवाई की।
मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग संजय मस्क ने शनिवार को आदेश जारी किया। किस ग्राम पंचायत सेमरा से कालीटोर तक सात किमी लंबी सड़क, ब्यावरा माना से बिलौटा तक 5.38 किमी सड़क, रायसेन शहर में गोपालपुर से जेलरारी तक 6.6 किमी सड़क और कलेक्ट्रेट कॉलोनी में सड़क के निर्माण में गुणवत्ता में कमी पाई गई है।
जिस पर पूरी जानकारी पीडब्ल्यूडी एसडीओ परमजीत सिंह को जिम्मेदार मानते हुए प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसी तरह के निर्माण कार्यों में पीडब्ल्यूडी तन्त्र उपली आरसी बिटोलिया को भी निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन के विस्तारीकरण में सेंडरिंग दिखने की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं मिला, कॉम्पैक्शन और वायब्रेशन की कमी, एक्सपेंशन ज्वाइंट सेलीटेक्स एक्सपेंशन शीट की जगह पानी के भीतर कॉल का उपयोग पाया गया।
इसके अलावा भवन निर्माण में और खामियां पाई गईं। जिन पर आइ पीयू की सहायक परियोजना यंत्री ऐक कासिव तथा परियोजना यांत्रिकी सिविल आमोद दुरापे को प्रभाव से प्रभावित किया गया है। जबकि लोनिवि/पीआइयू सहायक यंत्र पीके झा को कारण बताता है कि नोटिस जारी किया गया है। उन्हें 15 दिन में जबाब मांगा गया है।
मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग संजय मस्क ने शनिवार को आदेश जारी किया। किस ग्राम पंचायत सेमरा से कालीटोर तक सात किमी लंबी सड़क, ब्यावरा माना से बिलौटा तक 5.38 किमी सड़क, रायसेन शहर में गोपालपुर से जेलरारी तक 6.6 किमी सड़क और कलेक्ट्रेट कॉलोनी में सड़क के निर्माण में गुणवत्ता में कमी पाई गई है।
जिस पर पूरी जानकारी पीडब्ल्यूडी एसडीओ परमजीत सिंह को जिम्मेदार मानते हुए प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसी तरह के निर्माण कार्यों में पीडब्ल्यूडी तन्त्र उपली आरसी बिटोलिया को भी निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन के विस्तारीकरण में सेंडरिंग दिखने की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं मिला, कॉम्पैक्शन और वायब्रेशन की कमी, एक्सपेंशन ज्वाइंट सेलीटेक्स एक्सपेंशन शीट की जगह पानी के भीतर कॉल का उपयोग पाया गया।
इसके अलावा भवन निर्माण में और खामियां पाई गईं। जिन पर आइ पीयू की सहायक परियोजना यंत्री ऐक कासिव तथा परियोजना यांत्रिकी सिविल आमोद दुरापे को प्रभाव से प्रभावित किया गया है। जबकि लोनिवि/पीआइयू सहायक यंत्र पीके झा को कारण बताता है कि नोटिस जारी किया गया है। उन्हें 15 दिन में जबाब मांगा गया है।