मध्य प्रदेश

सरस्वती विद्यालय में मनाया गया शिक्षक दिवस

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान। शिक्षक एक मोमबत्ती रूपी ज्ञान का उजाला है, जो लोगों को अँधेरे से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाती है। शिक्षक की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। शिक्षक अपने शिक्षा के ज़रिये व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का निर्माण करता है। उक्ताशय के उद्गार उमरियापान स्थित सरस्वती उमा विद्यालय में शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य गोपाल सिंह ठाकुर ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि एक बच्चे के जीवन में उसके माता -पिता उसके प्रथम शिक्षक होते है। शिक्षा की अहमियत सबसे पहले माता -पिता ही कराते है। उसके पश्चात बच्चा विद्यालय में शिक्षक से रुबरु होते है, जो हर विषय संबंधित ज्ञान बच्चों को प्रदान करता है। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा एवं सर्वपल्ली डा राधाकृष्णन के तेल चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में आचार्य राजेश मिश्रा एवं रामस्वरूप परौहा ने भी सारगर्भित उद्बोधन दिया। बहिन कल्पना लखेरा ने डा राधाकृष्णन जी जीवन वृत पर प्रकाश डाला साथ ही भैया शिवा असाटी ने उनके जीवन से सम्बंधित अनेक प्रेरणादायी प्रसंगों को रखा। इस मौके पर किशोर भारती सभा द्वारा विद्यालय के आचार्यों का सम्मान श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया। संचालन भैया हार्दिक दीक्षित ने किया। भैया हर्ष पौराणिक ने आभार व्यक्त किया। समूचे कार्यक्रम में किशोर भारती के भैया-बहिनों का सराहनीय सहयोग रहा।

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