धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग मंगलवार, 14 जनवरी 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
मंगलवार 14 जनवरी 2025
14 जनवरी 2025 आज प्रयाग और गोदावरी का स्नान विहित बताया गया है। आज से निरयन सौम्यायन अर्थात देवताओं का दिन आरम्भ हो जाता है। आज से खरमास की समाप्ति हो जाएगी और शिशिरऋतू का आरम्भ हो जायेगा। आज असं में मघाबिहू, बंगाल में मकरादि और दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से संक्रान्ति का पर्व मनाया जाता है। आज तिल, चावल, तिल के लड्डू, कम्बल और उपानह अर्थात जुते-चप्पल आदि दान करना चाहिए। यह संक्रान्ति का पर्व गुजरात में उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है। जहाँ बच्चे बूढ़े सभी पतंग उड़कर उत्साह से इस आनंद को मनाते हैं। आज गंगासागर, गोदावरी, प्रयाग के त्रिवेणी में एवं काशी के दशाश्वमेध घाट का स्नान प्रशंसनीय बताया गया है। आप सभी सनातनियों को “माघस्नान, महाकुम्भ, खिचड़ी, मघाबिहू, पोंगल, उत्तरायण एवं मकर संक्रान्ति” के इस महापर्व की हार्दिक शुभकामनायें।।
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
🌌 दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 विक्रम संवत : 2081 पिंगल संवत्सर विक्रम : 1946 क्रोधी
🌐 संवत्सर नाम पिंगल
🔯 शक सम्वत : 1946 (पिंगल संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5125
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☂️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु आरम्भ
🌤️ मास – माघ मास प्रारंभ
🌘 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📅 तिथि – मंगलवार माघ माह के कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि 03:21 AM तक उपरांत द्वितीया
🖍️ तिथि स्वामी – प्रतिपदा तिथि के देवता हैं अग्नि। इस तिथि में अग्निदेव की पूजा करने से धन और धान्य की प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र पुनर्वसु 10:16 AM तक उपरांत पुष्य
🪐 नक्षत्र स्वामी – पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है और राशि स्वामी बुध है। इस नक्षत्र की इष्टदेवी अदिति हैं।
⚜️ योग – विष्कुम्भ योग 02:58 AM तक, उसके बाद प्रीति योग
प्रथम करण : बालव – 03:34 पी एम तक
द्वितीय करण : कौलव – 03:21 ए एम, जनवरी 15 तक तैतिल
🔥 गुलिक काल : मंगलवार का गुलिक दोपहर 12:06 से 01:26 बजे तक।
🤖 राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 15:13 बजे से 16:35 बजे तक। राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।
⚜️ दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:43:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:17:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:27 ए एम से 06:21 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:54 ए एम से 07:15 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:09 पी एम से 12:51 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:15 पी एम से 02:57 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:43 पी एम से 06:10 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 05:46 पी एम से 07:06 पी एम
💧 अमृत काल : 07:55 ए एम से 09:29 ए एम 04:01 ए एम, जनवरी 15 से 05:38 ए एम, जनवरी 15
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:03 ए एम, जनवरी 15 से 12:57 ए एम, जनवरी 15
🚓 यात्रा शकुन-दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
🤷🏻 आज का उपाय-किसी पवित्र नदी में तिल का उबटन लगाकर स्नान करने के उपरान्त तिल व कम्बल दान करें।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – मकर संक्रांति/ खरमास (मलमास) समाप्त/ माघ मासारंम्भ/ हज़रत अली जन्म दिवस/ माघ बिहू (असम)/ तो – पोंगल (केरल)/ मकरस्नान/ (संक्रमण पुष्प काल सुबह 08.54 से शाम 04.54 तक)/ भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह बरनाला स्मृति दिवस, भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश योगेश कुमार सभरवाल जन्म दिवस, बिहार के मुख्यमंत्री बिन्देश्वरी दुबे जन्म दिवस, अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह दिवस (10 दिवसीय), राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 जनवरी- 17 जनवरी तक
✍🏼 तिथि विशेष – प्रतिपदा तिथि को कद्दू एवं कूष्माण्ड का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि देनेवाली अर्थात किसी भी कार्य को अथवा कार्यक्षेत्र को बढ़ाने वाली तिथि मानी जाती है। साथ ही प्रतिपदा तिथि सिद्धिप्रद अर्थात कोई भी कार्य को निर्विघ्नता पूर्वक चरम तक पहुंचाने अर्थात सिद्धि तक पहुंचाने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देवता को बताया गया है। यह प्रतिपदा तिथि नन्दा नाम से विख्यात मानी जाती है।।
🛕 Vastu tips 🏚️
आपको बता दें कि सोते समय कुछ चीजों को अपने पास रखने से व्यक्ति कई तरह की आर्थिक और मानसिक परेशानियों से घिरा रहता है। वास्तु के अनुसार, सोते समय अपने पास कभी भी पर्स या बटुआ नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से हर समय पैसों से संबंधित चिंता बनी रहती है और मानसिक तनाव पैदा होता है। आप सोते समयपैसों को किसी अलमारी या अन्य किसी सेफ जगह पर रख सकते हैं। तकिए के नीचे भूलकर भी न रखें ये चीजें
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, जैसे मोबाईल फोन, या घड़ी भी अपने पास रखकर नहीं सोना चाहिए। अपनी पढ़ाई-लिखाई से संबंधित कोई चीज, अखबार या किताब को अपने तकिए के नीचे नहीं रखना चाहिए। इससे विद्या का अपमान होता है। वास्तु की माने तो अपने सिरहाने के पास या बेड के नीचे कभी भी जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए। इससे सेहत पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है।
❇️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
इम्यूनिटी बूस्ट: काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और संक्रमण से बचाते हैं।
दर्द निवारक: काली मिर्च में पाइपरिन नामक एक तत्व होता है जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह गठिया और मांसपेशियों के दर्द में राहत देने में प्रभावी हो सकता है।
वजन घटाने में सहायक: काली मिर्च चयापचय को बढ़ाकर और भूख को कम करके वजन घटाने में मदद कर सकती है।
शरीर को डिटॉक्स: काली मिर्च शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है और किडनी को स्वस्थ रखती है।
सर्दी-जुकाम से राहत: काली मिर्च में एंटीवायरल गुण होते हैं जो सर्दी-जुकाम के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
त्वचा के लिए लाभकारी: काली मिर्च त्वचा की समस्याओं जैसे कि मुंहासों और दाग-धब्बों को कम करने में मदद कर सकती है।
🩸 आरोग्य संजीवनी 💊
मूत्रवर्धक गुण – माना जाता है कि वरुणादि लोहा में मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह मूत्र उत्पादन को बढ़ा सकता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह मूत्र पथ के संक्रमण के इलाज और गुर्दा की पथरी के गठन को रोकने के लिए फायदेमंद हो सकता है।
गुर्दे के कार्य को बढ़ावा देना – माना जाता है कि वरुणादि लोहा शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और अपशिष्ट उत्पादों को हटाकर गुर्दे के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह गुर्दे की क्षति के जोखिम को कम करने और समग्र गुर्दे के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना – माना जाता है कि वरुणादी लोहा में मौजूद कुछ जड़ी-बूटियों में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
प्रजनन स्वास्थ्य में सहायक – माना जाता है कि वरुणादि लोहा प्रजनन अंगों के कार्य में सुधार करके और हार्मोन को संतुलित करके प्रजनन स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद करता है।
📗 गुरु भक्ति योग 🕯️
एक सुनसान जंगल में एक लकड़हारे अपनी पत्नी के साथ रहता था। उसी राज्य के राजा एक बार शिकार खेलते वक्त प्यास से व्याकुल उसकी कुटिया में जाता है और पानी पीकर प्रसन्न हुआ राजा कहने लगा― हे पानी पिलाने वाले ! किसी दिन मेरी राजधानी में अवश्य आना, मैं तुम्हें पुरस्कार दूँगा, लकड़हारे ने कहा―बहुत अच्छा।
इस घटना को घटे पर्याप्त समय व्यतीत हो गया, अन्ततः लकड़हारा एक दिन चलता-फिरता राजधानी में जा पहुँचा और राजा के पास जाकर कहने लगा― मैं वही लकड़हारा हूँ, जिसने आपको पानी पिलाया था।
राजा ने उसे देखा और अत्यन्त प्रसन्नता से अपने पास बिठाकर सोचने लगा कि- इस निर्धन का दुःख कैसे दूर करुँ ?
अन्ततः उसने सोच-विचार के पश्चात् चन्दन का एक विशाल उद्यान(बाग) उसको सौंप दिया। लकड़हारा भी मन में प्रसन्न हो गया। चलो अच्छा हुआ। इस बाग के वृक्षों के कोयले खूब होंगे, जीवन कट जाएगा।
यह सोचकर लकड़हारा प्रतिदिन चन्दन काट-काटकर कोयले बनाने लगा और उन्हें बेचकर अपना पेट पालने लगा। थोड़े समय में ही चन्दन का सुन्दर बगीचा एक वीरान बन गया, जिसमें स्थान-स्थान पर कोयले के ढेर लगे थे। इसमें अब केवल कुछ ही वृक्ष रह गये थे, जो लकड़हारे के लिए छाया का काम देते थे।
राजा को एक दिन यूँ ही विचार आया। चलो, तनिक लकड़हारे का हाल देख आएँ। चन्दन के उद्यान का भ्रमण भी हो जाएगा। यह सोचकर राजा चन्दन के उद्यान की और जा निकला। उसने दूर से उद्यान से धुआँ उठते देखा। निकट आने पर ज्ञात हुआ कि चन्दन जल रहा है और लकड़हारा पास खड़ा है।
दूर से राजा को आते देखकर लकड़हारा उसके स्वागत के लिए आगे बढ़ा।
राजा ने आते ही कहा― भाई ! यह तूने क्या किया ?
लकड़हारा बोला― आपकी कृपा से इतना समय आराम से कट गया। आपने यह उद्यान देकर मेरा बड़ा कल्याण किया। कोयला बना-बनाकर बेचता रहा हूँ। अब तो कुछ ही वृक्ष रह गये हैं। यदि कोई और उद्यान मिल जाए तो शेष जीवन भी व्यतीत हो जाए।
राजा मुस्कुराया और कहा― अच्छा, मैं यहाँ खड़ा होता हूँ। तुम कोयला नहीं, प्रत्युत इस लकड़ी को ले-जाकर बाजार में बेच आओ।
लकड़हारे ने दो गज [लगभग पौने दो मीटर] की लकड़ी उठाई और बाजार में ले गया। लोग चन्दन देखकर दौड़े और अन्ततः उसे तीन सौ रुपये मिल गये, जो कोयले से कई गुना ज्यादा थे।
लकड़हारा मूल्य लेकर रोता हुआ राजा के पास आय और जोर-जोर से रोता हुआ अपनी भाग्यहीनता स्वीकार करने लगा।
इस कथा में चन्दन का बाग मनुष्य का शरीर और हमारा एक-एक श्वास चन्दन के वृक्ष हैं पर अज्ञानता वश हम इन चन्दन को कोयले में बदल रहे हैं। लोगों के साथ बैर, द्वेष, क्रोध, लालच, ईर्ष्या, मनमुटाव, को लेकर खींच-तान आदि की अग्नि में हम इस जीवन रूपी चन्दन को जला रहे हैं।
जब अंत में स्वास रूपी चन्दन के पेड़ कम रह जायेंगे तब अहसास होगा कि व्यर्थ ही अनमोल चन्दन को इन तुच्छ कारणों से हम दो कौड़ी के कोयले में बदल रहे थे, पर अभी भी देर नहीं हुई है। हमारे पास जो भी चन्दन के पेड़ बचे है उन्हीं से नए पेड़ बन सकते हैं। योग से, आपसी प्रेम, सहायता, सौहार्द, शांति, भाईचारा, और विश्वास, के द्वारा अभी भी जीवन सँवारा जा सकता है।
◄┉┉┉┉┉┉༺✦ᱪ✦༻┉┉┉┉┉┉►
⚜️ प्रतिपदा तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। आज प्रतिपदा तिथि को अग्निदेव से धन प्राप्ति के लिए एक अत्यंत ही प्रभावी उपाय कर सकते हैं। आज प्रतिपदा तिथि को इस अनुष्ठान से अग्निदेव से अद्भुत तेज प्राप्त करने के लिए भी आज का यह उपाय कर सकते हैं। साथ ही आज किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति भी इस अनुष्ठान के माध्यम से अग्निदेव से करवायी जा सकती हैं। इसके लिए आज अग्नि घर पर ही प्रज्ज्वलित करके गाय के शुद्ध देशी घी से (ॐ अग्नये नम: स्वाहा) इस मन्त्र से हवन करना चाहिये।।

Related Articles

Back to top button