धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 14 फरवरी 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शुक्रवार 14 फ़रवरी 2025
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 विक्रम संवत : 2081 पिंगल संवत्सर विक्रम : 1946 क्रोधी
🌐 संवत्सर नाम पिंगल
🔯 शक सम्वत : 1946 (पिंगल संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5125_

🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☂️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु
🌤️ मास – फाल्गुन मास
🌔 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – शुक्रवार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि 09:52 PM तक उपरांत तृतीया
✏️ तिथि स्वामी – द्वितीया तिथि के देवता हैं ब्रह्मा। इस तिथि में ब्रह्मा की पूजा करने से मनुष्य विद्याओं में पारंगत होता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी 11:09 PM तक उपरांत उत्तर फाल्गुनी
🪐 नक्षत्र स्वामी – पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं।तथा राशि स्वामी सूर्य देव हैं।
⚜️ योग – अतिगण्ड योग 07:20 AM तक, उसके बाद सुकर्मा योग
प्रथम करण : तैतिल – 09:03 ए एम तक
द्वितीय करण : गर – 09:52 पी एम तक वणिज
🔥 गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -दिन – 11:12 से 12:35 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय:- 06: 25: 00
🌅 सूर्योस्त :- 05: 33: 00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:18 ए एम से 06:09 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:43 ए एम से 07:00 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:13 पी एम से 12:58 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:27 पी एम से 03:12 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:08 पी एम से 06:34 पी एम
🎇 सायाह्न सन्ध्या : 06:11 पी एम से 07:27 पी एम
💧 अमृत काल : 04:13 पी एम से 05:57 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:09 ए एम, फरवरी 15 से 01:01 ए एम, फरवरी 15
🚓 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
💁🏻‍♀️ आज का उपाय-लक्ष्मी मंदिर में सवाकिलो बताशे चढ़ाएं।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय :- गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – देवदर्शन/ वेलेंटाइन्स डे/ भारतीय अभिनेत्री सकीना जाफ़री जन्म दिवस, राजनीतिज्ञ सुषमा स्वराज जयन्ती, प्रसिद्ध आलोचक कमला प्रसाद जन्म दिवस, खूबसूरत अभिनेत्री मधुबाला जन्म दिवस, अर्थशास्त्री बी.बी. भट्टाचार्य स्मृति दिवस, राजनीतिज्ञ श्यामचरण शुक्ल स्मृति दिवस, भारतीय अभिनेत्री सकीना जाफ़री जन्म दिवस, मुग़ल सम्राट बाबर स्मृति दिवस, उत्पादकता सप्ताह, वित्तीय साक्षरता सप्ताह (14 से 18 फरवरी)
✍🏼 तिथि विशेष – द्वितीया तिथि को कटेरी फल का तथा तृतीया तिथि को नमक का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। द्वितीया तिथि सुमंगला और कार्य सिद्धिकारी तिथि मानी जाती है। इस द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्माजी को बताया गया है। यह द्वितीया तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वितीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी होती है।।
🗼 Vastu tips 🗺️
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा के विपरित उत्तर दिशा में सिर करके सोना अच्छा नहीं होता। दरअसल पृथ्वी में चुम्बकीय शक्ति होती है, इसीलिए दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती हैं।
वास्तु के मुताबिक जब हम दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोते हैं तो यह ऊर्जा हमारे सिर की ओर से प्रवेश करती है और पैरों की ओर से बाहर निकल जाती है। इस तरह सुबह जगने पर व्यक्ति को ताजगी और स्फूर्ति महसूस होती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने पर चुम्बकीय धारा पैरों से प्रवेश करके सिर तक पहुंचती है, जिसकी वजह से मानसिक तनाव बढ़ता है और सुबह जागने पर मन भारी रहता है।
❇️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
दांतों का सड़ना दूर करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों के सड़ने को दूर करने में मददगार होते हैं।
लहसुन में मौजूद एलीसिन दांतों के लिए भी फायदेमंद है। कच्चे लहसुन को थोड़ा छीलकर सड़े हुए दांतों पर लगाया जा सकता है। नमक पानी से दांतों का सड़ना कम होने लगेगा। जिसके कारण दांतों के बीच में जमी गंदगी भी हटने लगेगी।
जामुन के पत्ते भी दांतों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। जामुन के पत्ते मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को दूर करने लगते हैं। जिसके कारण दांतों की जलन कम होने लगती है।
🍻 आरोग्य संजीवनी
🍺
लिवर डैमेज के लिए हरी सीख लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। लिवर डैमेज होने पर यह शरीर में टॉक्सिन्स का संचय कर सकता है। हरी सीख में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स लिवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। यह लिवर की कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में मदद करता है और लिवर डैमेज को ठीक करने में सहायक हो सकता है। उपयोग: हरी सीख के बीजों का पाउडर निकालकर उसे जूस या सूप में मिलाकर पीने से लिवर की सेहत में सुधार होता है ।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
कर्ण को श्रीकृष्ण के विषय मे यह पता था कि श्रीकृष्ण विष्णु देवता के पृथ्वीलोक पर उसके समय के द्वापर युग मे अवतार है। जिनका मनुष्य जन्म पृथ्वीलोक/ मृत्यु लोक मे यदुवंश मे क्षत्रिय वर्ण मे हुआ है। कर्ण अपने जीवन मे नित्य प्रातःकाल स्नान उपरांत सूर्य देवता की पूजा-पाठ करने के पश्चात ब्रह्म ज्ञानी ब्राहमणो को नित्य सुवर्ण दान व अन्य उनकी आवश्यकतानुसार दान देने के पश्चात उनसे अपनी परब्रह्म परमेश्वर के आत्म स्वरूप व उसके ब्रह्म तत्व संबधी अपनी जिज्ञासा के प्रश्न करके उन ब्रह्म ज्ञानी श्रोत्रिय श्रुति के ज्ञाता ब्राहमणो से ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करता था। जिससे कर्ण को सत्य ब्रह्म का तत्व ज्ञान हो गया था । कर्ण को अपने कर्तव्य धर्म का व अपने व्यक्तिगत सत्य धर्म का ज्ञान भी हो गया था। अपने कर्तव्य धर्म के ज्ञान व सत्य स्वरूप परब्रह्म परमेश्वर के ज्ञान के कारण कर्ण ने महाभारत युद्ध मे गंगापुत्र देवव्रत भीष्म पितामह के बाण शैय्या पर लेट जाने पर रात्रिकाल मे उनसे अपने व्यक्तिगत सत्य धर्म व अपने व्यक्तिगत सत्य कर्तव्य धर्मी की चर्चा करके गंगापुत्र देवव्रत भीष्म पितामह से धर्म पूर्वक महाभारत मे युद्ध करने पर अपार अमर यश व कीर्ति का वरदान लेकर दुर्योधन का ऋण उतारने हेतु महाभारत युद्ध मे धर्म पूर्वक युद्ध धर्म के नियमो का पालन करते हुए महाभारत युद्ध किया । जबकि कर्ण के सामने ही महाभारत युद्ध मे वासुदेव श्रीकृष्ण ने धर्म युद्ध के नियमो का पाण्डवो से उलंघन करवाकर छल कपट व झूठ तथा अधर्म व अनीति का प्रयोग पाण्डवो से करवाकर पाण्डवो से सभी युद्ध धर्म के नियम तुड़वाने का जघन्य पापकर्म करवाकर पाण्डवो को वासुदेव श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध मे अधर्म व पाप का सहारा लेकर विजय दिलवा दी। धर्म व न्याय की तुला /तराजू पर वासुदेव श्रीकृष्ण भी महाभारत युद्ध मे पाण्डवो से अधर्म पूर्वक युद्ध करनने की शिक्षा देकर व अर्जुन सहित सभी पाण्डवो से महाभारत युद्ध मे क्षत्रियो के धर्म युद्ध के नियमो का उल्लंघन करवाकर महापाप करवाकर पाण्डवो को महाभारत युद्ध मे पाप व अधर्म के मार्ग से जिताकर विजयी बनाकर पाप के पाप के मार्ग से वासुदेव श्रीकृष्ण भी पाण्डवो सहित पाप के भागीदार बने। जभी तो माता गांधारी के श्राप से वासुदेव श्रीकृष्ण का यदुवंश भी वासुदेव श्रीकृष्ण के सामने आपस मे युद्ध करके नष्ट हो गया व श्रीकृष्ण की भी मृत्यु हो गयी एक जंगली भील का बाण लगने से। चारो वेदो व छहो शास्त्रो के अनुसार परब्रह्म परमेश्वर नित्य अजन्मा सनातन जन्म मरण के परे काल से परे कालातीत सर्वव्यापी सर्वशक्तिमान सर्वज्ञ आत्मा परब्रह्म परमेश्वर परमात्मा निराकार ब्रह्म है वह परब्रह्म परमेश्वर सबका आत्मा है वह परब्रह्म परमात्मा कोई देवी देवता नही है। वेदो मे उस सर्वशक्तिमान निराकार सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान अन्तर्यामी परब्रह्म परमेश्वर की पूजा-पाठ भक्ति व जप का केवल एक ही मन्त्र है ऊँ ।◄┉┉┉┉┉┉༺✦ᱪ✦༻┉┉┉┉┉┉►
⚜️ प्रजापति व्रत दूज को ही किया जाता है तथा किसी भी नये कार्य की शुरुआत से पहले एवं ज्ञान प्राप्ति हेतु ब्रह्माजी का पूजन अवश्य करना चाहिये। वैसे तो मुहूर्त चिंतामणि आदि ग्रन्थों के अनुसार द्वितीया तिथि अत्यन्त शुभ फलदायिनी तिथि मानी जाती है। परन्तु श्रावण और भाद्रपद मास में इस द्वितीया तिथि का प्रभाव शून्य हो जाता है। इसलिये श्रावण और भाद्रपद मास कि द्वितीया तिथि को कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिये।।

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