धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 18 जुलाई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग़ 🧾
शुक्रवार 18 जुलाई 2025
18 जुलाई 2025 दिन शुक्रवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष कि अष्टमी तिथि है। आज शीतलाष्टमी का पावन व्रत है। आज स्थायीजय योग भी है तथा आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। आप सभी सनातनियों को “शीतलाष्टमी के पावन पर्व” की हार्दिक शुभकामनाएं।।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
👸🏻 शिवराज शक 352
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
☂️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
⛈️ मास – श्रावण मास
🌗 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – शुक्रवार श्रावण माह के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि 05:02 PM तक उपरांत नवमी
📝 तिथि स्वामी – अष्टमी के देवता हैं रुद्र। इस तिथि को भगवान सदाशिव या रुद्रदेव की पूजा करने से प्रचुर ज्ञान तथा अत्यधिक कांति की प्राप्ति होती है। इससे बंधन से मुक्त भी मिलती है। यह द्वंदवमयी तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र अश्विनी 02:14 AM तक उपरांत भरणी
🪐 नक्षत्र स्वामी – अश्विनी नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। और इसके देवता अश्विनी कुमार हैं। अश्विनी कुमार को देवताओं के चिकित्सक के रूप में भी जाना जाता है।
🔱 योग – सुकर्मा योग 06:48 AM तक, उसके बाद धृति योग 03:56 AM तक, उसके बाद शूल योग
प्रथम करण : बालव – 06:07 ए एम तक कौलव – 05:01 पी एम तक
द्वितीय करण : तैतिल – 03:53 ए एम, जुलाई 19 तक गर
🔥 गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -दिन – 11:13 से 12:35 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:17:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:43:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:13 ए एम से 04:54 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:33 ए एम से 05:35 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:00 पी एम से 12:55 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:18 पी एम से 07:39 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 07:20 पी एम से 08:21 पी एम
💧 अमृत काल : 07:27 पी एम से 08:57 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, जुलाई 19 से 12:48 ए एम, जुलाई 19
सर्वार्थ सिद्धि योग : 05:35 ए एम से 02:14 ए एम, जुलाई 19
🚓 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-लक्ष्मी मंदिर में सवाकिलो किशमिश अर्पित करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – मूल समाप्त/सर्वार्थसिद्धि योग/बुधास्त पश्चिम/ प्रसिद्ध अभिनेता राजेश खन्ना स्मृति दिवस, भारतीय अमर शहीद सेनानी पीरु सिंह स्मृति दिवस, प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक मेहदी हसन जयन्ती, प्रसिद्ध अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जन्म दिवस, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस, राष्ट्रीय खट्टी कैंडी दिवस, अश्वेत नेता जागरूकता दिवस, राष्ट्रीय कैवियार दिवस, ब्लैक लीडर्स अवेयरनेस डे, नेशनल कैवियर डे, वर्ल्ड लिसनिंग डे, नेशनल साउर कैंडी डे, इंश्योरेंस नर्ड डे, राष्ट्रीय खट्टी कैंडी दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – अष्टमी तिथि को नारियल त्याज्य बताया गया है। अष्टमी तिथि बलवती अर्थात स्ट्रांग तिथि मानी जाती है। इसका मतलब कोई भी विकट कार्य आज आप कर-करवा सकते हैं। इतना ही नहीं अपितु अष्टमी तिथि व्याधि नाशक तिथि भी मानी जाती है। इसका मतलब आज आप कोई भी भयंकर रोगों के इलाज का प्रयत्न भगवान के नाम के साथ करेंगे-करवाएंगे तो निश्चित लाभ होगा। यह अष्टमी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह अष्टमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है।
🛕 Vastu tips 🏚️
पूजा कक्ष के लिए वास्तु- पूजा कक्ष शांति का स्थान है जहां आपकी सभी प्रार्थनाएं सुनी जाती हैं। यह घर का एक आवश्यक हिस्सा है जहां आप मन और आत्मा की शुद्धि का अनुभव करते हैं। घर बनवाते समय ज्यादातर लोग भगवान के लिए अलग कमरा बनाना भूल जाते हैं। पूजा कक्ष का निर्माण सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा लाता है। यह आपके जीवन में मूल्य जोड़ता है, शांतिपूर्ण वातावरण और स्वस्थ जीवन शैली प्रदान करता है। सुबह-सुबह सूर्य की किरणें उत्तर-पूर्व दिशा में आती हैं। इसलिए अपना पूजा कक्ष उत्तर-पूर्व दिशा में बनाएं। यह हमारे मन की स्थिति को उन्नत करता है, खुशी लाता है और हमारी आंतरिक शक्ति का निर्माण करने में मदद करता है।
रसोई के लिए वास्तु- अपनी रसोई घर के दक्षिण-पूर्व भाग में बनाएं क्योंकि दक्षिण-पूर्व दिशा आग के स्थान का संकेत देती हे। अपना प्रवेश द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में बनायें। अपनी रसोई कभी भी दक्षिण-पश्चिम, मध्य या उत्तर-पूर्व दिशा में न बनाएं। किचन घर का एक जरूरी हिस्सा है, इसलिए इसे बेहद सावधानी से बनाएं।
🎯 जीवनोपयोगी कुंजियां
🩻 हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर जब शरीर पर पानी का बाहरी दबाव पड़ता है, तो यह bladder (मूत्राशय) पर हल्का-सा दबाव डालता है। यदि मूत्राशय में पहले से थोड़ी भी मात्रा में मूत्र भरा है, तो यह दबाव उसे और जल्दी बाहर निकालने के लिए प्रेरित करता है।
💧 3. ठंडे पानी का मूत्र प्रणाली पर प्रभाव अगर आप ठंडे पानी से नहाते हैं, तो शरीर में “cold diuresis” नाम की प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें शरीर के तापमान को स्थिर रखने के लिए रक्त को अंदरूनी अंगों की ओर खींचा जाता है, जिससे गुर्दों (kidneys) को अधिक रक्त मिलता है और पेशाब बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
🧠 4. मनोवैज्ञानिक राहत और आदत नहाना एक ऐसी क्रिया है जहाँ व्यक्ति मन और शरीर दोनों से शांत और ढीला हो जाता है। ऐसे में हमारा मस्तिष्क भी मूत्र त्याग की सामान्य सामाजिक रोकथाम (social inhibition) को थोड़ा ढीला करता है। इससे मूत्राशय से निकलने वाले “urge signals” को दबाने की बजाय स्वीकार कर लेता है।
🕰️ 5. सुबह का समय और ब्लैडर की स्थिति अक्सर लोग सुबह नहाते हैं, और रातभर मूत्राशय में मूत्र जमा रहता है। ऐसे में जब नहाते समय शरीर पर पानी का दबाव आता है या थोड़ी देर खड़े रहकर शरीर शांत होता है, तो पेशाब की तीव्र इच्छा हो जाती है।
💉 आरोग्य संजीवनी 🩸
मानसिक स्वास्थ्य:_
मानसिक व्यायाम : मानसिक व्यायाम जैसे कि पहेलियाँ, ब्रेन टीज़र, और मेडिटेशन करने से आपका दिमाग सक्रिय और स्वस्थ रहता है।
तनाव प्रबंधन : तनाव प्रबंधन के लिए योग, मेडिटेशन, और गहरी सांस लेने की तकनीकें अपनाएं।
सकारात्मक सोच : सकारात्मक सोच रखने से आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। नकारात्मक विचारों को दूर करने का प्रयास करें।
नियमित ब्रेक : काम के दौरान नियमित ब्रेक लेने से आपका मन और शरीर तरोताजा रहता है।
भावनात्मक स्वास्थ्य:
सामाजिक संबंध : सामाजिक संबंधों को बनाए रखने से आपका भावनात्मक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं।
भावनाओं को व्यक्त करना : अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से आपका भावनात्मक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। अपने विचारों और भावनाओं को साझा करें।
आत्म-देखभाल आत्म-देखभाल करने से आपका भावनात्मक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। अपने लिए समय निकालें और ऐसी गतिविधियाँ करें जो आपको खुशी देती हैं।
क्षमा और आभार : दूसरों को क्षमा करने और आभारी रहने से आपका भावनात्मक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
📚 गुरु भक्ति योग 📗
सुना है मैंने कि सिकंदर जब मरा, तो उस गांव में बड़ी हैरानी हो गई थी। सिकंदर की अर्थी निकली, तो उसके दोनों हाथ अर्थी के बाहर लटके हुए थे!
लाखों लोग देखने इकट्ठे हुए थे। सभी एक— दूसरे से पूछने लगे कि ऐसी अर्थी हमने कभी नहीं देखी कि हाथ और अर्थी के बाहर लटके हों। यह क्या ढंग हुआ!
सांझ होते—होते लोगों को पता चला कि यह भूल से नहीं हुआ। भूल हो भी नहीं सकती थी। कोई साधारण आदमी की अरथी न थी।
सिकंदर की अरथी थी। पता चला सांझ कि सिकंदर ने कहा था कि मरने के बाद मेरे दोनों हाथ अरथी के बाहर लटके रहने देना, ताकि लोग देख लें कि मैं भी खाली हाथ जा रहा हूं। मेरे हाथ में भी कुछ है नहीं। वह दौड़ बेकार गई। वह जुआ सिद्ध हुआ।
और यह वही आदमी है कि मरने के दस साल पहले एक यूनानी फकीर डायोजनीज से मिला था, तो डायोजनीज ने सिकंदर से पूछा था कि कभी तुमने सोचा सिकंदर, कि अगर तुम पूरी दुनिया जीत लोगे, तो फिर क्या करोगे?
तो डायोजनीज की यह बात सुनकर सिकंदर उदास हो गया था। और उसने कहा कि इससे मुझे बड़ी चिंता होती है, क्योंकि दूसरी तो कोई दुनिया नहीं है। अगर मैं यह जीत लंगूा, तो सच ही फिर मैं क्या करूंगा? अभी जीती नहीं थी उसने दुनिया।
लेकिन यह पूरी दुनिया भी जीत लेगा, तो भी वासना उदास हो गई। अभी जीती भी नहीं है, अभी सिर्फ सोचकर कि पूरी दुनिया जीत लूंगा तो—सच डायोजनीज, तुम मुझे उदास करते हो—फिर मैं क्या करूंगा? दूसरी तो कोई दुनिया नहीं है, जिसको मैं जीतने निकल जाऊं!
यह आदमी मरते वक्त.. बहुत कुछ जीतकर मरा था। बड़ा जुआरी था, सब कुछ दांव पर लगाया था। और बड़े ढेर लगा लिए थे जीत के। लेकिन मरते वक्त उसका यह कहना कि देख लें लोग कि मेरे हाथ खाली हैं, विचारणीय है।
सम्राट यहां भिखारी की तरह मर जाते हैं। कभी—कभी कोई भिखारी यहां सम्राटों की तरह मरता है। बुद्ध के हाथ भरे हुए हैं, सिकंदर के हाथ खाली हैं। क्या मामला है!
किस चीज से सिकंदर के हाथ खाली हैं? और किस चीज से बुद्ध के हाथ भरे हुए हैं? बुद्ध ने अपने को पाने की कोशिश की है, तो हाथ भरे हुए हैं। सिकंदर ने कुछ और पाने की कोशिश की है, स्वयं को छोड्कर, तो हाथ खाली हैं।
इससे कोई संबंध नहीं है कि आप क्या पाने की कोशिश कर रहे हैं, आपकी जिंदगी एक जुआ है, अगर आप अपने को छोड्कर कुछ भी पाने की कोशिश कर रहे हैं। और आखिर में आपके हाथ खाली होंगे, आखिर में आप हारे हुए विदा होंगे।
गीता दर्शन
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⚜️ अष्टमी तिथि के देवता भगवान शिव भोलेनाथ जी माने जाते हैं। इसलिये इस अष्टमी तिथि को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। आज अष्टमी तिथि में कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।।
मंगलवार को छोड़कर बाकि अन्य किसी भी दिन की अष्टमी तिथि शुभ मानी गयी है। परन्तु मंगलवार की अष्टमी शुभ नहीं होती। इसलिये इस अष्टमी तिथि में भगवान शिव के पूजन से हर प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती है। इस अष्टमी तिथि को अधिकांशतः विष्णु और वैष्णवों का प्राकट्य हुआ है। इसलिये आज अष्टमी तिथि में भगवान शिव और भगवान नारायण दोनों का पूजन एक साथ करके आप अपनी सम्पूर्ण मनोकामनायें पूर्ण कर सकते हैं।।

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