धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग सोमवार, 14 जुलाई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
सोमवार 14 जुलाई 2025
14 जुलाई 2025 दिन सोमवार को कृष्ण पक्ष कि चतुर्थी तिथि है। आज श्रावण मास का पावन व्रत भी है। आज का सोमवार व्रत करने से प्रदोष व्रत के समान फल की प्राप्ति होती है। अगर सावन सोमवार का यह पवित्र व्रत आपसे नहीं हो सकता हो तो केवल दिन भर अन्य का त्याग करके रात्रि में भोजन ले सकते हैं। आज संकट गणेश चतुर्थी का पवन व्रत है। इसे सामान्य भाषा में गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है आज का यह श्री गणेश चतुर्थी का व्रत सनातनी स्त्रियों अपने पुत्रों के दीर्घायु हेतु दिनभर अखंड उपवास कर कर साय काल में भगवान श्री गणेश की पूजा करने के बाद चन्द्र देवता के निकलने (चंद्रोदय:- रात्रि 10.03 बजें) पर उन्हें देखकर अलग देकर ही व्रत खोलते हैं। आज एक साथ इतने सारे शुभ योग बन रहे हैं। यह बहुत ही शुभ संकेत हैं। आज यदि शिव मंदिर में जाकर किसी विशिष्ट कामना के लिए पूजन करें तो अवश्य ही उसे कामना की पूर्ति होगी। अथवा आज आंवला बिल्ववृक्ष एवं पीपल के वृक्ष के मूल में शुद्ध देसी गाय के घी का दीपक जलाएं तो कामना पूर्ति अवश्य होगी। अथवा कम से कम रुद्राभिषेक तो अवश्य ही करवाना चाहिए। आप सभी सनातनियों को ” श्रीगणेश संकट चतुर्थी एवं श्रावण सोमवार के पावन व्रत” की हार्दिक शुभकामनाएं।।
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
☄️ दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
👸🏻 शिवराज शक 352 प्रारम्भ
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
☂️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
☀️ मास – श्रावण मास
🌔 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – सोमवार श्रावण माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 11:59 PM तक उपरांत पंचमी
✏️ तिथि स्वामी – चतुर्थी के देवता हैं शिवपुत्र गणेश। इस तिथि में भगवान गणेश का पूजन से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। यह खला तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र धनिष्ठा 06:49 AM तक उपरांत शतभिषा
🪐 नक्षत्र स्वामी – धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल हैं और देवता वसु हैं। इस नक्षत्र के अधिष्ठाता देव अष्ट वसवाल हैं और राशि स्वामी शनि हैं।
⚜️ योग – आयुष्मान योग 04:13 PM तक, उसके बाद सौभाग्य योग
प्रथम करण : बव – 12:33 पी एम तक
द्वितीय करण : बालव – 11:59 पी एम तक कौलव
🔥 सोमवार का शुभ गुलिक कालः-शुभ गुलिक काल 01:42:00 P.M से 02:59:00 P.M बजे तक
⚜️ दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दर्पण देखकर या दूध पीकर जायें।
🤖 राहुकालः- आज का राहु काल 08:26:00 A.M से 09:39:00 A.M बजे तक
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:16:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:44:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:11 ए एम से 04:52 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:32 ए एम से 05:33 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:59 ए एम से 12:55 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:20 पी एम से 07:40 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 07:21 पी एम से 08:22 पी एम
💧 अमृत काल : 11:21 पी एम से 12:55 ए एम, जुलाई 15
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, जुलाई 15 से 12:48 ए एम, जुलाई 15
🚓 यात्रा शकुन-मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ सौं सौमाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-गणेश मंदिर में मोदक भेंट करें।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय-पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – गणेश संकष्ट चतुर्थी चन्द्रोदय 10. 03/ पंचक प्रारम्भ/ सिखों के आठवें गुरु, गुरु हर किशन जन्म जयंती, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ स्मृति दिवस, भारतीय चिकित्सा विज्ञानी रमन विश्वनाथन स्मृति दिवस, अभिनेता ओम शिवपुरी जन्म दिवस, अभिनेत्री मधु सप्रे जन्म दिवस, फ़िल्म संगीत निर्देशक मदन मोहन स्मृति दिवस, प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु गुप्त जयन्ती, अंतर्राष्ट्रीय नग्न दिवस, अंतर्राष्ट्रीय टाउन क्रियर्स दिवस, (श्रावण मास का पहला सोमवार), राष्ट्रीय ग्रैंड मार्नियर दिवस, बैस्टिल दिवस, मुख्य न्यायाधीश मदन मोहन कोहली पुण्य तिथि, राष्ट्रीय मैक दिवस, चीज़ दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – चतुर्थी तिथि को मूली एवं पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। इस चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों त्याज्य होता है। इसलिए चतुर्थी तिथि को मूली और तिल एवं पञ्चमी को बिल्वफल नहीं खाना न ही दान करना चाहिए। चतुर्थी तिथि एक खल और हानिप्रद तिथि मानी जाती है। इस चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं तथा यह चतुर्थी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह चतुर्थी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी गयी है।
🗼 Vastu Tips 🗽
पर्स के अंदर कटे-फटे नोट, कोई फोटो या खराब कागज़ नहीं रखने चाहिए। इससे पैसों की आवक में कमी आती है। पर्स जितना साफ-सुथरा होगा और उसके अंदर रखी चीज़ें जितने सलीके से होंगी उतना ही अच्छा रहता है।
पर्स में एक लक्ष्मी माता की कागज की फोटो जरूर रखें और समय-समय पर इसे चेंज करते रहें। इससे आपका पर्स कभी खाली नहीं रहेगा। इसके अलावा आप एक श्रीयंत्र भी रख सकते हैं क्योंकि यह लक्ष्मी का ही एक रूप है।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
अगर एक दिन का समय 48 घंटे का हो जाए, तो हम क्या करेंगे?
अगर एक दिन में 48 घंटे हो जाएँ, तो ज़िंदगी की रफ्तार और रंग दोनों बदल सकते हैं। आइए कल्पना करें कि ऐसा होने पर हमारी ज़िंदगी में क्या बदलाव आ सकते हैं:
नींद की लग्ज़री हम में से कई लोग शिकायत करते हैं कि “नींद पूरी नहीं होती।” 48 घंटे के दिन में लोग आराम से 8-10 घंटे सो सकते हैं और फिर भी उनके पास ढेर सारा समय बचता रहेगा।
काम का समय भी बढ़ेगा? अरे नहीं! अगर ऑफिस वालों ने सोचा कि अब काम के 16 घंटे होंगे तो बुरा हाल हो जाएगा। लेकिन अगर काम के घंटे वही रहें और बाकी समय फुर्सत का मिले, तो लाइफ बैलेंस्ड हो सकती है।
शौक और क्रिएटिविटी को मिलेगी उड़ान अब तक जो लोग कहते थे “टाइम नहीं मिलता”, उनके पास अब बहाने नहीं होंगे। कोई पेंटिंग सीखेगा, कोई गिटार, कोई किताबें पढ़ेगा — मतलब ज़िंदगी थोड़ी सुकून भरी और रचनात्मक हो सकती है।
सेहत के लिए वक्त सुबह जल्दी उठकर वर्कआउट करना अब मजबूरी नहीं, चॉइस होगी। जिम, योगा, वॉक, साइकलिंग — सब कुछ करने का समय होगा।
🧉 आरोग्य संजीवनी 🍶
अश्वगंधा खाने के फायदे_

  • यह दर्द से राहत दे सकता है और नींद लाने में मदद कर सकता है
  • यह एक डाययूरेटिक (शरीर से पेशाब को बाहर निकालने वाला) के तौर पर काम कर सकता है
  • यह एक एस्ट्रिजेंट (शरीर के टिशूज़ को सिकोड़ने वाला) के तौर पर काम कर सकता है
  • यह एक एंटीहेल्मिन्थिक के तौर पर काम कर सकता है (पैरासाइटिक वर्क्स के खिलाफ काम करता है)
  • यह थर्मोजेनिक (गर्मी पैदा करने वाला) हो सकता है।’
  • इसमें एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण (सूजन कम करने की क्षमता) हो सकते हैं
  • इसमें एंटी-पायरेटिक गुण (बुखार कम करने वाला) हो सकते हैं
  • इसमें डीप्यूरेटिव गुण (डीटॉक्सिफ़ाइ करने वाला) हो सकते हैं।’
  • इसमें दिल की सुरक्षा करने वाली खूबियाँ हो सकती हैं
  • यह एक सिडेटिव (नींद लाने वाला) के रूप में काम कर सकता है
  • यह थायरोप्रोटेक्टिव (थायराइड ग्लैंड की रक्षा करने वाला) हो सकता है
  • इसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण (ब्लड शुगर कम करने वाला) हो सकते हैं।
    📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
    जब भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन को धारण किया तो भगवान ने अगस्त्य ऋषि का आह्वान किया कि अगस्त्य ऋषि आओ और इस देवराज इंद्र के द्वारा जो यहाँ जल भरा हुआ है उसको पी जाओ।
    अगस्त्य मुनि आये, एक घूंट में सारा जल पी गए। अगस्त्य मुनि एक ऐसे ऋषि हैं जिनके पास समुद्र को भी एक घूंट बनाकर के पीने की शक्ति है।
    ऋषियों मे अत्यंत शक्तिशाली ऋषि अगस्त्य, शिवजी के परम भक्त थे। एक बार माता पार्वती, जो अन्नपूर्णा भी कहलातीं हैं, उन्होंने शिवजी से निवेदन किया, ‘महादेव ! मेरी इच्छा है कि मैं संसार के सभी साधू-महात्माओं को भोजन करवाऊँ। इसलिए आप सभी साधू-संतों व ऋषि-मुनियों को आमंत्रित कीजिए।
    *इस पर शिवजी ने जो प्रतिष्ठित संत व ऋषि-मुनि थे उनको स्वयं बुलाया कुछ को बुलाने गणों को भेजा।
    इस प्रकार से संसार के सभी साधू-संतों व ऋषि-मुनियों को आमंत्रित किया। लाखों साधू-संतों व ऋषि-मुनि एकत्रित हो गए। माता पार्वती ने सैंकड़ों व्यंजन भरपूर मात्रा मे बनवाए जिनको खा-खा सभी साधू-संत व ऋषि-मुनि थक गए किन्तु व्यंजन ज्यों के त्यों ही पड़े रहे।
    माता पार्वती ने शिवजी को ताना मारा, ‘प्रभु ! ये आप कैसे-कैसे महात्मा लेकर आए, जरा-जरा सा खाते हैं, वो देखो मेरा सारा अन्न बचा पड़ा है, कोई ऐसे महात्मा लेकर आते जो ज्यादा मात्रा में खाएं।’ शिवजी ने कहा ‘देवी तुम अन्नपूर्णा हो, तुम्हारा अन्न कोई तोड़ सकता है क्या ?’
    शिवजी सीधे अपने परम भक्त अगस्त्य ऋषि के पास गए और निमंत्रण दिया कि हमारा आतिथ्य स्वीकार करें। मेरी प्रिय भार्या ने ढेरों व्यंजन बनाए हैं, आपको भरपेट खाना है।
    अगस्त्य ऋषि ने अश्चर्य से कहा ‘प्रभु ये आप कह रहे हो !’
    महादेव बोले, हाँ ये मैं कह रहा हूँ आपको भरपेट खाना है।
    तो ठीक है ! चलो ! माता पार्वती ने और भी ज्यादा व्यंजन बनाये।
    अगस्त्य ऋषि खाने बैठे। माता परोसती गयीं और ऋषि अगस्त्य खाते गए। सारा भण्डार खाली हो गया।
    माता पार्वती भी सोचने लगी ये कैसा ब्राह्मण ले आए, सारे व्यंजन अकेले एक खा गए, कैसा महात्मा है ! लेकिन माता पार्वती ने हार नहीं मानी, फिर से रसोई लगवाई, दोबारा बनवाया, दोबारा खाली कर दिया, तीसरी बार बनाया, तीसरी बार भी खाली कर दिया, पेट भरने में नहीं आ रहा।
    अब माता पार्वती को अपनी भूल का एहसास हुआ और शिवजी से एकांत में जाकर क्षमा मांगी, प्रभु ! मेरी लाज बचाओ, अगर इस साधू का आज पेट नहीं भरा तो सारे संसार में मेरी जग हँसाई हो जाएगी कि वो कैसी अन्नपूर्णा जो एक साधू का पेट नहीं भर सकी।
    शिवजी ने कहा बात मेरी सीमा से बाहर हो गई है, अब तो लाज नारायण बचा सकते हैं, देवी आप नारायण को यहीं स्मरण करो मैं उनके पास जाता हूँ।
    माता पार्वती तो कैलाश पर ही बैठकर स्मरण करने लगी और शिवजी चले गए नारायण के पास और बोले चलिए आपका न्योता है, भगवान ने कहा अवश्य मैं सब जानता हूँ क्या हो रहा है, इसलिए मुझे जाना ही पड़ेगा।
    भगवान विष्णु ने एक साधु का भेष बना लिया, अगस्त्य ऋषि के बराबर में आसान लगाया, पत्तल लगाई और थोड़ा थोड़ा सा भोजन परोसा जिसको खाकर भगवान ने पेट पर हाथ फेर और बोले तृप्तोस्मि तृप्तोस्मि तृप्तोस्मि मैं तृप्त हो गया मैं तृप्त हो गया मैं तृप्त हो गया और जब स्वम् जग्गनाथ तृप्त होते है तो जगत तो अपने आप तृप्त हो जाता है
    अगस्त्य ऋषि देख रहे है कि मेरा पेट भर कैसे गया, अगस्त्य ऋषि का पेट तो भरा सो भरा, जगत के जितने भी चराचर प्राणी थे सबका पेट अचानक भर गया पूरा जगत तृप्त हो गया जग्गनाथ के तृप्त होते ही। अब अगस्त्य ऋषि को एहसास हुआ के ये साधु कोई साधारण साधु नहीं है जिसने मेरा पेट भर दिया, ये स्वयं जगन्नाथ है स्वयं नारायण है, तब नारायण साधु के भेस मैं बोले – अगस्त्य जी अब चलें, प्रभु रुको तो अभी थोड़ा पानी पी लेने दो।
    भगवान ने अगस्त्य ऋषि का हाथ पकड़ लिया ओर बोले अभी पानी पीने का समय नहीं आया, द्वापर के अंत में मैं गोवर्धन लीला करूंगा उस समय तुम्हें भर पेट पानी पिलाऊँगा, चलो ये पार्वती जी का पीछा छोड़ो। तब ऐसे भगवान विष्णु ने शिवजी और माता पार्वती की लाज बचाई।
    तो श्री कृष्ण परिपूर्ण भगवान हैं, जितने भी पूर्ण स्वरूप हैं वो भगवान श्री कृष्ण में पहले से ही विराजमान हैं, श्रीराम भी और श्री विष्णु भी श्री कृष्ण में ही हैं।
    तो श्री विष्णु ने जब कृष्ण अवतार में गोवर्धन लीला रची और इन्द्र देव ने अभिमान वश पूरे ब्रज को वृष्टि करके पानी से भर दिया और श्रीकृष्ण ने देखा कि चारों तरफ जल भराव हो गया है, तब श्री कृष्ण ने अगस्त्य ऋषि का आह्वान किया, तब अगस्त्य जी आए और सारा जल, जो ब्रजमंडल में भर गया था, वो सारा जल पी गए।
    तो इस तरह भगवान विष्णु ने अपने वचन के अनुसार अगस्त्य मुनि को द्वापर युग में गोवर्धन लीला के समय जी भर के पानी पिलाया।
    ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
    हमारे धर्म, हमारी मान्यताओं और हमारे महान ऋषियों की शिक्षाएं आज भी हमारे जीवन में परिवर्तन और शक्ति लेकर आ सकती हैं।
    अपने भीतर की क्षमताओं को पहचानें—ईश्वर में विश्वास रखें और हर परिस्थिति में संतोष और करुणा रखें।
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    ⚜️ चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों भी त्याज्य है। आज गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की पूजा का विशेष महत्त्व है। आज गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है। शास्त्रानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्थी तिथि को होता है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। चतुर्थी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान एवं अच्छे संस्कारों वाला होता है। ऐसे लोग अपने मित्रों के प्रति प्रेम भाव रखते हैं तथा इनकी सन्तानें अच्छी होती है। इन्हें धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और ये सांसारिक सुखों का पूर्ण उपभोग करते हैं।।

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