धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग गुरुवार, 22 मई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 22 मई 2025
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – उत्तरायण
☂️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
☀️ मास – ज्यैष्ठ मास
🌒 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – गुरुवार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष दशमी तिथि 01:12 AM तक उपरांत एकादशी
🖍️ तिथि स्वामी – दशमी के देवता हैं यमराज। इस तिथि में यम की पूजा करने से नरक और मृत्यु का भय नहीं रहता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र पूर्वभाद्रपदा 05:47 PM तक उपरांत उत्तरभाद्रपदा
🪐 नक्षत्र स्वामी – पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति है. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के देवता हैं, अज एकपाद। एक पैर वाला अजन्मा।
⚜️ योग – विष्कुम्भ योग 09:49 PM तक, उसके बाद प्रीति योग
प्रथम करण : वणिज – 02:21 पी एम तक
द्वितीय करण : विष्टि – 01:12 ए एम, मई 23 तक बव
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 09:45:00 से 11:10:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 2:00 से 3:25 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:21:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:39:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:04 ए एम से 04:46 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:25 ए एम से 05:27 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:51 ए एम से 12:45 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:35 पी एम से 03:30 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:08 पी एम से 07:28 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 07:09 पी एम से 08:11 पी एम
💧 अमृत काल : 10:11 ए एम से 11:42 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:57 पी एम से 12:38 ए एम, मई 23
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
💁🏻 आज का उपाय-किसी विप्र को बेल का फल भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – भद्रा/वाहन क्रय/ जरथोस्तनो दिनों/ पंचक जारी/ मुगल साम्राज्य के शेरशाह सूरी स्मृति दिवस, राजा राम मोहन राय जयन्ती, अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस, महाराणा प्रताप जयन्ती, राष्ट्रीय सॉलिटेयर दिवस, श्रीलंका संविधान दिवस, गामा पहलवान जन्म दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। यह दशमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह दशमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन देनेवाली अर्थात धनदायक तिथि माना जाता है। इस दिन आप धन प्राप्ति हेतु उद्योग करते हैं तो सफलता कि उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह दशमी तिथि धर्म प्रदान करने वाली तिथि भी माना जाता है। अर्थात इस दिन धर्म से संबन्धित कोई बड़े अनुष्ठान वगैरह करने-करवाने से सिद्धि अवश्य मिलती है। इस दशमी तिथि में वाहन खरीदना उत्तम माना जाता है। इस दशमी तिथि को सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
अगर आपके घर में कोई टूटा हुआ कांच या शीशा है या फिर इसमें दरार आ गई है तो इसे तुरंत बदल दीजिए. अगर आपकी खिड़की का कांच टूट गया है, तो इसे भी हटा दें.टूटा शीशा घर में नकारात्मक ऊर्जा लाता है.
अगर आपके घर के मंदिर में देवी-देवताओं की फटी हुईं और पुरानी तस्वीरें वा खंडित मूर्तियां हैं तो उसे तुरंत हटा दें . माना जाता है कि इससे आर्थिक हानि होती है.
घर में अगर कबूतर ने घोंसला बना रखा है तो इसे भी तुंरत हटा दें. माना जाता है कि इससे आर्थिक तरक्की में रुकावट आती है.
फटे व पुराने हो फटे हुए कपड़े अगर घर में हैं तो इसे हटा दें क्योंकि यह शुक्र ग्रह को बर्बाद कर देता है. इससे जीवन में आर्थिक परेशानी शुरू हो जाती है.
फटे व पुराने जूते-चप्पल को घर से तुरंत हटा दें क्योंकि इन्हें घर में रखने से व्यक्ति को कई तरह के संघर्षों का सामना करना पड़ता है और आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है.
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
घुटनों में दर्द चाहे किसी भी कारण से हो लेकिन ये डेली लाइफ को बेहद प्रभावित करता है। जोड़ों और घुटनों के दर्द को दूर करने के लिए ज्यादातर लोग ट्रेडिशनल मेडिसिन की तरफ रुख कर रहे हैं। अक्सर लोग जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए हल्दी का दूध,अश्वगंधा और कुछ खास जड़ी बूटियों का सेवन करते हैं।
जोड़ों के दर्द का इलाज करने के लिए अक्सर हम लोग पेन किलर का सेवन करते हैं जिनसे कुछ वक्त के लिए आराम मिल जाता है लेकिन फिर परेशानी जस की तस बनी रहती है। आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया घुटने के दर्द को दूर करने में पेनकिलर का सेवन बिलकुल कारगर नहीं है। एक्सपर्ट ने बताया अगर आप घुटनों और जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं तो आप एक खास अनाज का सेवन करें। जौ एक ऐसा अनाज है जिसमें सूजन और दर्द को कंट्रोल करने वाले गुण मौजूद हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि जौ कैसे घुटनों के दर्द को दूर करती है और जोड़ों की सूजन से आराम दिलाती है।
🍯 आरोग्य संजीवनी 🍶
हींगवाष्टक चूर्ण : क्यों प्रभावशाली है: यह विशेष रूप से गैस और पेट फूलने के लिए बहुत अच्छा है। इसमें हींग और अदरक जैसी जड़ी-बूटियां होती हैं जो पाचन अग्नि (digestive fire) को उत्तेजित करती हैं और गैस को बाहर निकालने में मदद करती हैं। यह बदहजमी में भी सहायक है। कैसे लें: भोजन से पहले या भोजन के दौरान गर्म पानी के साथ 1/2 से 1 चम्मच चूर्ण लें। सावधानी: उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को सावधानी बरतनी चाहिए।
अजवाइन : क्यों प्रभावशाली है: अजवाइन गैस, पेट फूलना और बदहजमी के लिए एक त्वरित घरेलू उपाय है। इसमें थाइमोल होता है जो पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करता है। कैसे लें: पेट में गैस या दर्द होने पर 1/2 चम्मच अजवाइन को हल्के नमक के साथ चबाकर गुनगुने पानी के साथ लें। आप अजवाइन को पानी में उबालकर छानकर भी पी सकते हैं। प्रभाव: यह कुछ ही मिनटों में राहत दे सकता है।
सौंप : क्यों प्रभावशाली है: सौंप (सौंफ) गैस, पेट फूलने और बदहजमी के लिए बहुत प्रभावी है। यह पाचन को सुधारता है और पेट को शांत करता है। कैसे लें: भोजन के बाद कुछ सौंफ के दाने चबाएं या सौंफ का पानी (रात भर भिगोकर सुबह पिएं या उबालकर पिएं)। प्रभाव: यह तुरंत राहत दे सकता है।
📚 गुरु भक्ति योग 🕯️
भगवान का कटा सिर धरती पर एक गुफा में रखा है. आइये आपको बताते हैं इस पवित्र गुफा के और भी कई रहस्य.
इस गुफा में रखा है भगवान का कटा सिर
ये जानकर आपको आश्चर्य जरूर होगा कि भगवान गणेश का असली सिर आज भी एक गुफा (Clave) में मौजूद है. कहते हैं कि भगवान शिव ने गुस्से में आकर गणेश का सिर काट दिया था और उसे एक गुफा में रख दिया था. इस गुफा को ‘पटल भुवनेश्वर’ के नाम से जाना जाता है. यहां गणेश भगवान को आदि गणेश भी कहते हैं. इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी. ये गुफा उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ के गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
गणेश के सिर की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं
यहां गुफा में मौजूद गणेश भगवान के सिर की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं. भगवान गणेश के कटे शिलारूपी मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल के रूप में एक चट्टान है. इस ब्रह्मकमल से भगवान गणेश के शिलारूपी मस्तक पर दिव्य बूंद टपकती है. कहते हैं कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था.
कटने के बाद कहां गिरा था भगवान गणेश का सिर?
देश-विदेश में भगवान गणेश के जितने भी मंदिर हैं उनमें उनकी हर मूर्ति के धड़ में हाथी का सिर लगा हुआ है. यही नहीं उनकी कोई भी तस्‍वीर, कैलेंडर या पेंटिंग भी ऐसी ही है. लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि गणेश जी का असली सिर एक गुफा में है. मान्‍यता है कि भगवान शिव ने गणेश जी का जो मस्‍तक शरीर से अलग कर दिया था उसे उन्‍होंने एक गुफा में रख दिया. इस गुफा को पाताल भुवनेश्‍वर के नाम से जाना जाता है. इस गुफा में विराजित गणेशजी की मूर्ति को आदि गणेश कहा जाता है. मान्‍यता के अनुसार कलयुग में इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी.
यह गुफा उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर दूर स्थित है. इसे पाताल भुवनेश्वर गुफा कहते हैं. मान्‍यता है कि इस गुफा में रखे गणेश के कटे हुए सिर की रक्षा स्‍वयं भगवान श‍िव करते हैं.
पाताल भुवनेश्वर की गुफा से जुड़ी जाने रोचक बातें
पाताल भुवनेश्वर की गुफा बहुत ही विशाल पहाड़ के अंदर है और ये गुफा जमीन से करीब 90 फीट गहरी है।
इस गुफा में कई अद्भुत करने वाले तथ्य नजर आते हैं। यहां पौराणिक कथाओं के अनुसार कई साक्ष्य मौजूद हैं, जो गणपति जी के सिर कटने से जुड़ी घटना की जानकारी देते हैं।
सर्वप्रथम पहली बार इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी और तब यह पता चला था कि गणपति जी का सिर यही कट कर गिरा था।
मान्यता है कि इस गुफा में पाया जाने वाले चार पत्थर चारों युगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मान्यता है कि चौथा पत्थर कलयुग का प्रतीक है।
दिनो दिन ये चौथा पत्थर बढ़ता रहता है। पौराणिक मान्यता है कि जिस दिन चौथा पत्थर गुफा की दीवार को छू लेगा, उस दिन कलयुग का अंद हो जाएगा।
गुफा के अंदर पाताल में माना जाता है कि बहुत से पौराणिक रहस्य छुपे हैं। यहां आने वाले भक्त इस पौराणिक साक्ष्यों का अपनी आंखों से देखते हैं।
गुफा के अंदर भगवान गणेशजी का कटा हुआ सिर ‍मूर्ति के रूप में स्थापित है। माना जाता है कि गणपति जी का सिर इसी पाताल में आ कर गिर गया था।
गणेशजी के सिर के ऊपर 108 पंखुड़ियों का ब्रह्मकमल भी नजर आता है और इस
ब्रह्म कमल से गणेशजी के कटे मस्तक पर जल की बूंदें सदा टपकी तरती हैं। इसे इस ब्रह्मकमल इसलिए कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी।
पाताल भुवनेश्वर गुफा में बद्रीनाथ, केदारनाथ और अमरनाथ की प्रतिमाएं भी विराजित हैं। यह पहला स्थान हैं जहां दिनों प्रतिमाएं एक साथ नजर आती हैं।
गुफा के अदंर शेषनाग और तक्षक नाग के प्रतीक भी नजर आते हैं। साथ ही बद्री पंचायत में लक्ष्मी-गणेश, यम-कुबेर, तथा वरुण-गरूड़ भी विराजित हैं।
गुफा में अमरनाथ की भी गुफा है, शिवजी की जटाएं पत्थर पर फैली नजर आती हैं वहीं इस गुफा के पास कालभैरव की जिह्वा के दर्शन भी किए जा सकते हैं।
मान्यता है कि कालभैरव जिह्वा नुमा गुफा से होते हुए यदि कोई मनुष्य उनके गर्भ के अंदर प्रवेश करते हुए पूंछ तक पहुंच जाता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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⚜️ दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं। इस दशमी तिथि में यमराज के पूजन करने से जीव अपने समस्त पापों से छुट जाता है। पूजन के उपरान्त क्षमा याचना (प्रार्थना) से जीव नरक कि यातना एवं जीवन के सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। इस दशमी तिथि को यम के निमित्ति घर के बाहर दीपदान करना चाहिये, इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल जाते हैं।।
दशमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है, वो लोग देशभक्ति तथा परोपकार के मामले में बड़े तत्पर एवं श्रेष्ठ होते हैं। देश एवं दूसरों के हितों के लिए ये सर्वस्व न्यौछावर करने को भी तत्पर रहते हैं। इस तिथि में जन्म लेनेवाले जातक धर्म-अधर्म के बीच के अन्तर को अच्छी तरह समझते हैं और हमेशा धर्म पर चलने वाले होते हैं।।

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