धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग शनिवार, 14 जून 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शनिवार 14 जून 2025
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
☄️ दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की àएक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
👸🏻 शिवराज शक 352_

🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – उत्तरायण
☂️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
☀️ मास – आषाढ़ मास
🌔 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📅 तिथि : शनिवार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि 03:47 PM तक उपरांत चतुर्थी
✏️ तिथि स्वामी – तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर जी है ।तृतीया: किसी भी पक्ष की तीसरी तारीख को तृतीया तिथि या तीज कहते है।
💫 नक्षत्र : नक्षत्र उत्तराषाढ़ा 12:21 AM तक उपरांत श्रवण
🪐 नक्षत्र स्वामी : उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्यदेव हैं। सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है।
⚜️ योग : ब्रह्म योग 01:12 PM तक, उसके बाद इन्द्र योग
प्रथम करण : विष्टि – 03:46 पी एम तक
द्वितीय करण : बव – 03:51 ए एम, जून 15 तक बालव
🔥 गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6: 53 से 8:19 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -सुबह – 9:44 से 11:09 तक।राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:13:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:47:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:02 ए एम से 04:43 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:22 ए एम से 05:23 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:54 ए एम से 12:49 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:41 पी एम से 03:37 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:19 पी एम से 07:39 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 07:20 पी एम से 08:20 पी एम
💧 अमृत काल : 05:41 पी एम से 07:21 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:01 ए एम, जून 15 से 12:42 ए एम, जून 15
सर्वार्थ सिद्धि योग : 12:22 ए एम, जून 15 से 05:23 ए एम, जून 15
🚓 यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-गणेश मंदिर में काले तिल के लड्डू चढ़ाएं।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार : सर्वार्थसिद्धि योग/श्री गणेश चतुर्थी व्रत (चंद्रोदय रात्रि 10:19)/ सिखों के छठे गुरु गुरु हरगोविंद सिंह जयन्ती, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत स्मृति दिवस, भौतिक वैज्ञानिक कार्यमाणिवकम श्रीनिवास कृष्णन स्मृति दिवस, अंतर्राष्ट्रीय स्नान दिवस, फकीर मोहन सेनापति स्मृति दिवस, श्रीपति चन्द्रशेखर पुण्य तिथि, मनोहर माल्गोनकर पुण्य तिथि, केल्लूर नीलकंठ सोमयाजी जन्म दिवस, किरण अनुपम खेर जन्म दिवस, कुमार मंगलम बिड़ला जयन्ती, प्रीतम चक्रवर्ती जन्म दिवस, जुबिन नौटियाल जयंती, विश्व रक्तदाता दिवस, अभिनेता शेखर सुमन जन्म दिवस, झंडा दिवस (संयुक्त राज्य अमेरिका)
✍🏼 तिथि विशेष – तृतीया तिथि में नमक का दान तथा भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। तृतीया तिथि एक सबला अर्थात बल प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह तृतीया तिथि आरोग्यकारी रोग निवारण करने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस तृतीया तिथि की स्वामिनी माता गौरी और इसके देवता कुबेर देवता हैं। यह तृतीया तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह तृतीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है।
🌷 Vastu tips 🌹
पॉजिटीवली चार्जड होते हैं फूल ताजे फूल अद्भुत रूप से ऊर्जा का सृजन करते हैं। इनके द्वारा उत्पन्न ऊर्जा पॉजिटीवली चार्जड होती है। चीनी वास्तु शास्त्र में इसे यांग एनर्जी के नाम से जाना जाता है। ताजे फूल जहां कहीं रहते हैं, वहां अन्य प्राणियों को अपनी पॉजिटिव ऊर्जा से सराबोर कर देते हैं, लेकिन यही फूल सूखते ही नकारात्मक ऊर्जा छोड़ने लगते हैं और सूखे फूलों के आस-पास रहने वाले जीवित मनुष्य अपनी ऊर्जा का क्षय महसूस करने लगते हैं।
किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब है तो उसके कमरे में ताजे फूलों का गुलदस्ता रामबाण साबित होता है, लेकिन यही फूल सूखने के बाद उनके लिये समस्या बन सकते हैं । इसलिए फूलों के सूखने के बाद उन्हें तुरंत वहां से उठा लेना चाहिए। वास्तु शास्त्र में ये थी चर्चा सूखे फूलों के बारे में। उम्मीद है आप इस वास्तु टिप्स को अपनाकर जरुर लाभ उठाएंगे।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
सफेद तिल खाने के फायदे
हड्डियों को मजबूत बनाता है: सफेद तिल में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को भी रोकता है।
दांतों को स्वस्थ रखता है: सफेद तिल में कैल्शियम और फॉस्फोरस पाया जाता है, जो दांतों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
पाचन तंत्र को सुधारता है: सफेद तिल में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। इससे कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: सफेद तिल में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
हृदय के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी: सफेद तिल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-6 फैटी एसिड हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
🍁 आरोग्य संजीवनी ☘️
आजकल की बदलती लाइफस्टाइल के कारण हर व्यक्ति किसी न किसी परेशानी से जूझ रहा है। आजकल खानपान इतना दूषित हो गया है कि लोग पेट साफ न होने की समस्या से परेशान रहते हैं। अगर सुबह पेट साफ न हो तो कई तरह की बीमारियाँ और समस्याएं हो जाती हैं।
अगर आपका पेट रोजाना साफ नहीं हो रहा है, तो आपको कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए।
आप जादा से जादा फाइबर युक्त आहार लें। अपने आहार में फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और फलियाँ शामिल करें।
यह खाद्य पदार्थ मल को भारी बनाते हैं और इसे आसानी से पास करने में मदद करते हैं।
पानी खूब पिएं…दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। पानी मल को नरम करता है और कब्ज को रोकता है।
नियमित व्यायाम पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और मल त्याग को बढ़ावा देता है। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करने का लक्ष्य रखें।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
बहुत ही रोचक और हृदय मै ज्ञान उत्पन्न करने वाली कहानी सभी पढ़े और अपने परिवार मै किसी एक को चर्चा करे इस कहानी का
एक भिखारी किसी किसान के घर भीख माँगने गया। किसान की स्त्री घर में थी, उसने चने की रोटी बना रखी थी।किसान जब घर आया,उसने अपने बच्चों का मुख चूमा,स्त्री ने उनके हाथ पैर धुलाये,उसके बाद वह रोटी खाने बैठ गया।स्त्री ने एक मुट्ठी चना भिखारी को डाल दिया,भिखारी चना लेकर दिया।_l
रास्ते में भिखारी सोचने लगा:- “हमारा भी कोई जीवन है? दिन भर कुत्ते की तरह माँगते फिरते हैं। फिर स्वयं बनाना पड़ता है। इस किसान को देखो कैसा सुन्दर घर है। घर में स्त्री हैं, बच्चे हैं, अपने आप अन्न पैदा करता है। बच्चों के साथ प्रेम से भोजन करता है। वास्तव में सुखी तो यह किसान है।
इधर वह किसान रोटी खाते-खाते अपनी स्त्री से कहने लगा:-“नीला बैल बहुत बुड्ढा हो गया है,अब वह किसी तरह काम नहीं देता, यदि कही से कुछ रुपयों का इन्तजाम हो जाये,तो इस साल का काम चले। साधोराम महाजन के पास जाऊँगा,वह ब्याज पर दे देगा।”भोजन करके वह साधोराम महाजन के पास गया।बहुत देर चिरौरी बिनती करने पर 1रु.सैकड़ा सूद पर साधों ने रुपये देना स्वीकार किया। एक लोहे की तिजोरी में से साधोराम ने एक थैली निकाली।और गिनकर रुपये किसान को दे दिये।
रुपये लेकर किसान अपने घर को चला,वह रास्ते में सोचने लगा-”हम भी कोई आदमी हैं, घर में 5 रु.भी नकद नहीं।कितनी चिरौरी विनती करने पर उसने रुपये दिये है।साधो कितना धनी है,उस पर सैकड़ों रुपये है“वास्तव में सुखी तो यह साधो राम ही है।साधोराम छोटी सी दुकान करता था,वह एक बड़ी दुकान से कपड़े ले आता था।और उसे बेचता था।
दूसरे दिन साधोराम कपड़े लेने गया,वहाँ सेठ पृथ्वीचन्द की दुकान से कपड़ा लिया।वह वहाँ बैठा ही था,कि इतनी देर में कई तार आए कोई बम्बई का था।कोई कलकत्ते का, किसी में लिखा था 5 लाख मुनाफा हुआ,किसी में एक लाख का। साधो महाजन यह सब देखता रहा,कपड़ा लेकर वह चला आया।रास्ते में सोचने लगा“हम भी कोई आदमी हैं,सौ दो सौ जुड़ गये महाजन कहलाने लगे। पृथ्वीचन्द कैसे हैं,एक दिन में लाखों का फायदा “वास्तव में सुखी तो यह है,उधर पृथ्वीचन्द बैठा ही था, कि इतने ही में तार आया कि 5 लाख का घाटा हुआ। वह बड़ी चिन्ता में था,कि नौकर ने कहा:-आज लाट साहब की रायबहादुर सेठ के यहाँ दावत है। आपको जाना है,मोटर तैयार है।” पृथ्वीचन्द मोटर पर चढ़ कर रायबहादुर की कोठी पर चला गया।वहाँ सोने चाँदी की कुर्सियाँ पड़ी थी, रायबहादुर जी से कलक्टर-कमिश्नर हाथ मिला रहे थे। बड़े-बड़े सेठ खड़े थे।वहाँ पृथ्वी चन्द सेठ को कौन पूछता,वे भी एक कुर्सी पर जाकर बैठ गया।लाट साहब आये, राय बहादुर से हाथ मिलाया,उनके साथ चाय पी और चले गये।
पृथ्वी चन्द अपनी मोटर में लौट रहें थे,रास्ते में सोचते आते है, हम भी कोई सेठ है 5 लाख के घाटे से ही घबड़ा गये।राय बहादुर का कैसा ठाठ है, लाट साहब उनसे हाथ मिलाते हैं।“वास्तव में सुखी तो ये ही है।”
अब इधर लाट साहब के चले जाने पर रायबहदुर के सिर में दर्द हो गया,बड़े-बड़े डॉक्टर आये एक कमरे वे पड़े थे।कई तार घाटे के एक साथ आ गये थे।उनकी भी चिन्ता थी,कारोबार की भी बात याद आ गई। वे चिन्ता में पड़े थे,तभी खिड़की से उन्होंने झाँक कर नीचे देखा,एक भिखारी हाथ में एक डंडा लिये अपनी मस्ती में जा रहा था। राय बहदुर ने उसे देखा और बोले:-”वास्तव में तो सुखी यही है,इसे न तो घाटे की चिन्ता न मुनाफे की फिक्र, इसे लाट साहब को पार्टी भी नहीं देनी पड़ती सुखी तो यही है।”
शिक्षा
इस कहानी से हमें यह पता चलता है, कि हम एक दूसरे को सुखी समझते हैं।पर वास्तव में सुखी कौन है, इसे तो वही जानता है।जिसे आन्तरिक शान्ति है।जिसे आन्तरिक सुकून है, आप चाहे भिखारी हो चाहे करोड़पति हो। लेकिन आप के मन में जब तक शांति नहीं है तब तक आपको सुकून नहीं मिल सकता।
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⚜️ तृतीया तिथि केवल बुधवार की हो तो अशुभ मानी जाती है। अन्यथा इस तृतीया तिथि को सभी शुभ कार्यों में लिया जा सकता है। आज तृतीया तिथि को माता गौरी की पूजा करके व्यक्ति अपनी मनोवाँछित कामनाओं की पूर्ति कर सकता है। आज तृतीया तिथि में एक स्त्री माता गौरी की पूजा करके अचल सुहाग की कामना करे तो उसका पति सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। आज तृतीया तिथि को भगवान कुबेर जी की विशिष्ट पूजा करनी चाहिये। देवताओं के कोषाध्यक्ष की पूजा आज तृतीया तिथि को करके मनुष्य अतुलनीय धन प्राप्त कर सकता है।।

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